
- चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में मखाना खेती को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। योजना का उद्देश्य किसानों को मखाना उत्पादन के लिए आकर्षित करना और नए कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देना है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुशवाह ने कहा कि मखाना उत्पादन सिंघाड़े की तरह छोटे तालाबों में किया जाता है। बिहार की तर्ज पर छोटे उत्पादन इकाइयों के माध्यम से किसानों को मखाना फल देने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मखाना की भारत सहित अरब और यूरोप में अच्छी मांग है, इसलिए प्रदेश की जलवायु में इसके उत्पादन की संभावना अच्छी है। आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अरविन्द दुबे ने बताया कि चार जिलों में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना खेती विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। योजना में अब तक 99 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। यह पहल किसानों के लिए नए आय स्रोत और प्रदेश में मखाना उद्योग के विकास का अवसर प्रदान करेगी।
किसानों को 75 हजार या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान
राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण आयुक्त अरविन्द दुबे के अनुसार नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में कुल 150 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना उत्पादन का लक्ष्य है। इस पर 45 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। खास बात यह है कि मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को 75 हजार प्रति हैक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने मखाना बोर्ड का गठन भी किया है। मध्यप्रदेश के 99 किसानों ने मखाना की खेती में रुचि दिखाते हुए ऑनलाइन आवेदन किया है।
