इंदौर के वकील अमय बजाज ने की पैरवी

इंदौर/बिच्छू डॉट कॉम। सोशल मीडिया प्लेटफार्म वाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सुजोय पॉल और जस्टिस अनिल वर्मा की युगल पीठ ने इन सभी प्लेटफार्म के यूएस स्थित मालिकों को पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं।
याचिका में इनके भारतीय प्रमुखों को पार्टी बनाया जा चुका है। इस आदेश के साथ ही कंपनियों को एक सप्ताह में याचिका पर जवाब देने के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद फेसबुक के मार्क जकरबर्ग, इंस्टाग्राम के एडम मोसेरी, वाट्सऐप के विल कैथकार्ट और ट्विटर के जैक डोर्सी को पक्षकार बनाया जाएगा। मातृ फाउंडेशन के माध्यम से दायर याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अलावा याचिका में केंद्र सरकार और उनके संबंधित विभागों को भी पक्षकार बनाया गया है। एडवोकेट अमय बजाज ने बताया, कंपनियों की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने पैरवी की।

उनका कहना था यह मामला जनहित का नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाना चाहिए। कोर्ट ने तर्कों से असहमति जताते हुए नोटिस जारी किए हैं। याचिका में इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से नाबालिगों तक आपत्तिजनक सामग्री पहुंचने का भी मुद्दा उठाया गया है। एडवोकेट आशी वैद्य ने बताया, हमने मांग की है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को लेकर गाइडलाइन जारी की जाए या कुछ कानूनी प्रावधान बनाए जाएं। केंद्र सरकार को कानून बनाने के लिए आदेश दिया जाए और सभी कंपनियों को गैरकानूनी कंटेंट तुरंत हटाने के लिए कहा जाए।