
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के हिस्से में जल्द ही चार नए अभ्यारण्य जुड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है प्रदेश में अभ्यारणों की संख्या बढक़र 28 हो जाएगी। नए अभ्यारणों के लिए सरकार स्तर पर तैयारियां जोर -शोर से की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इसकेे लिए मसौदा तैयार करवाया जा रहा है। दरअसल प्रदेश में बीते कई सालों से सरकार के प्रयासों से वन्य प्राणियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
मसौदे के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार होगी , जिसमें मैपिंग, जलाशयों की स्थिति, वनों की स्थिति, प्रकार के साथ ही संबंधित वन क्षेत्रों में मौजूद वन्य प्राणियों का पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। जानकारी के अनुसार प्रदेश के जिन चार जिलों के जंगलों को अभयारण्य घोषित करने की तैयारी की जा रही है उनमें हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर और धार शामिल है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में प्रदेश में 11 नए अभ्यारण्य बनाने की तैयारी की जा रही थी , लेकिन सरकार गिरने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। वन विभाग का कहना है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे उनके संरक्षण के मद्देनजर नए अभ्यारण्यों के लिए तेजी से तैयारी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि चार साल पूर्व भी प्रस्ताव में प्रस्तावित अभ्यारण्यों का खाका तैयार किया गया था। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 26(ए) के तहत यह कार्रवाई पूरी की गई थी। जिसमें 2 करोड़ 23 लाख रुपए खर्च हुए थे। अधिकारियों के मुताबिक मध्यप्रदेश में फिलहाल 14.73 हजार वर्ग किलोमीटर का रकबा संरक्षित है। जिसमें नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व, अभ्यारण्य सहित घोषित संरक्षित वन शामिल हैं। पुराने प्रस्ताव के मुताबिक प्रारंभिक रिपोर्ट में नए चार अभ्यारण्य के बाद अतिरिक्त वन क्षेत्र संरक्षित किया जाएगा। जिसमें चार हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल शामिल है। जिससे संरक्षित जंगलों का रकबा 14.73 से बढक़र 18 हजार वर्ग किलोमीटर के पार हो जाएगा।
नाथ सरकार में किया गया था नामकरण
प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय प्रदेश के हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर और धार जिलों के अभ्यारण्यों का नामकरण किया गया था। अब इन्हीं नामों से प्रोजेक्ट संचालित हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो नए नोटिफिकेशन के साथ ही पुराने नामों को बदल दिया जाएगा। कांग्रेस शासन धार जिले में जमुना देवी अभ्यारण्य, बुरहानपुर में महात्मा गांधी अभ्यारण्य, नरसिंहपुर जिले में इंदिरा गांधी अभ्यारण्य और हरदा जिले में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अभ्यारण्य का नाम तय किया गया था।