
मप्र के हिस्से में आई एक और उपलब्धि
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र लगातार कई उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। इसी क्रम में अब एक नई रैकिंग मप्र को हासिल हुई है। जी हां खाद्य सुरक्षा की रैंकिंग जारी कर दी गई है। जिसमें मप्र को देश में चौथीं पॉजिशन प्राप्त हुई है। बीते साल ये रैंकिंग 7 वें नंबर पर थी। ये पुरस्कार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया है। खाद्य सुरक्षा सूचकांक एक गतिशील मात्रात्मक और गुणात्मक बेंच मार्किंग मॉडल है, जो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए एक वस्तुनिष्ठ रूपरेखा प्रदान करता है। आपको बता दें मप्र को ये पुरस्कार खाद्य सुरक्षा में मप्र की देश में चौथीं पॉजिशन मिलने पर विज्ञान भवन नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया एवं केंद्रीय राज्य मंत्री एसपीएस बघेल द्वारा मध्यप्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े को पुरस्कृत किया गया। साथ ही एफएसएसएआई द्वारा मध्यप्रदेश राज्य द्वारा मिलेट्स (श्री अन्न) के संबंध में गतिविधियां संचालित करने पर प्रशंसा की गई। मध्यप्रदेश राज्य द्वारा अभी तक देश में सर्वाधिक 05 मिलेट्स मेले आयोजित किए जा चुके हैं। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में सबसे महत्वपूर्ण है रोटी, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके। दुनिया में हर दस में से एक व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन करने से बीमार पड़ जाता है। हर वर्ष भोजन और जलजनित बीमारियों से लगभग तीस लाख लोगों की मौत हो जाती है। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे के बीच वैश्विक व राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा का मुद्दा रह-रहकर उठ रहा है। जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है, ये भी कहा जा रहा है कि इससे फसलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पडऩा तय है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी दुनिया में खाद्य संकट जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। इस बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने पिछले हफ्ते राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2022-23 जारी किया। एफएसएसएआई ने सांख्यिकीय मूल्यांकन के लिए डेटा प्रस्तुत करने के लिए सभी केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों के साथ पत्राचार करके 2022-2023 के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की। जिसमें महत्वपूर्ण संकेतक के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है, उसमें उपभोक्ता सशक्तिकरण के अलावा मानव संसाधन, अनुपालन स्तर, खाद्य परीक्षण अवसंरचना और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
मप्र ने लगाई तीन स्थान की छलांग
खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण भारत सरकार ने विश्व खाद्य दिवस पर खाद्य सुरक्षा के तहत किए गए कार्यों की 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में राज्यों के द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर स्टेट रैंकिंग दी जाती है। देशभर में मध्यप्रदेश की 4 रैंकिंग आई है। प्रदेश ने गत वर्ष के मुकाबले राज्य ने तीन स्थान की छलांग लगाई है। इसके पहले मप्र सातवें स्थान पर था। इसी प्रकार भोपाल, ग्वालियर जिले ने ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता फेस 2 में देश में 2 एवं 5वां स्थान प्राप्त किया। दरअसल, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन का प्रावधान सुनिश्चित करने में बड़े राज्यों में केरल प्रथम स्थान पर, दूसरे में पंजाब, तीसरे में तमिलनाडु और चौथे स्थान पर मप्र आया है। खाद्य सुरक्षा सूचकांक एसएफएसआई के खाद्य सुरक्षा के छह अलग-अलग पहलुओं में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है और इसके आधार पर रैंकिंग तय होती है। वार्षिक रिपोर्ट विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर हर साल जारी की जाती है। इसमें मानव संसाधन प्रबंधन, प्रशिक्षण और क्षमता विकास, उपभोक्ता सशक्तिकरण सहित छह बिंदु शामिल होते हैं। साल 2018-19 में इसे शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है।