
- ई-आफिस और ई-विधान के साथ ही मेट्रो चलाने की तैयारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र के लिए नव वर्ष 2025 खुशियों की सौगात लेकर आने वाला है। प्रदेश के दो शहरों इंदौर और भोपाल में 2025 में मेट्रो की सौगात मिल जाएगी। जनवरी महीने के अंत तक इंदौर के लोग मेट्रो में बैठकर सफर कर सकेंगे। वहीं प्रदेश तकनीकी छलांग लगाते हुए मंत्रालय से ई-ऑफिस और विधानसभा में ई-विधान की शुरुआत कर डिजिटल युग में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। शुरुआती दौर में शुरुआत में 5.9 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ही मेट्रो चलेगी। आने वाले समय में संचालन में मेट्रो स्टेशनों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। शुरुआत में मेट्रो कोच की चलाने को लेकर यात्रियों की संख्या के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। वहीं, भोपाल में करीब आठ किमी प्रायोरिटी कॉरिडोर सुभाष नगर से एम्स के बीच मेट्रो की शुरुआत साल के मध्य तक हो जाएगी। इससे दोनों शहरों की जनता का लंबे समय का इंतजार खत्म होगा। इसी तरह से सरकार के मुख्य केंद्र मंत्रालय में नए साल में नई व्यवस्था शुरू होगी। यहां पर एक जनवरी से ई-ऑफिस शुरू हो जाएगा। इसमें पूरी कामकाज पेपर लेस होगा। इसकी सरकार ने शुरुआत कर रही है। इसमें अधिकारियों के बीच फाइलों का मूवमेंट डिजिटल तरीके से होगा। फिजिकल मूवमेंट धीरे- धीरे बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए डॉक्यूमेंट को स्कैन कर अपलोड करने का काम किया जा रहा है। इससे सरकार का डिजिटल रिकॉर्ड सेव हो जाएगा। आग लगने की दुर्घटना से भी फाइलों को रिकवर करने में आसानी होगी। इसके लिए अलग से सर्वर आधारित डेटा स्टोरज होगा।
ई-विधान जून 2025 से: मध्यप्रदेश विधानसभा के सभी काम जून 2025 के बाद ऑनलाइन होंगे। विधानसभा में ई-विधान परियोजना लागू हो जाएगी। इसमें सदस्यों को सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न भी ऑनलाइन स्क्रीन पर नजर आएंगे। इसके लिए सभी सदस्यों की टेबल पर स्क्रीन लगेगी। इस परियोजना पर 23 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस व्यवस्था के लागू होने से हर साल विधानसभा की कार्रवाई में कागजों पर खर्च होने वाली राशि की बचत होगी।
नए साल में ई-मंडी 41 और मंडियों में होगी शुरू
प्रदेश सरकार नए साल में बी-क्लास की 41 मंडियों में ई-मंडी योजना शुरू करने जा रही है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड जनवरी से ई-मंडी योजना का विस्तार कर रहा है। मध्यप्रदेश में पहले से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में संचालित है। ई-मंडी से किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में प्रवेश पर्ची के लिए लाइन नहीं लगाना होगा। मंडी में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक कार्रवाई कंप्यूटराइज्ड रहेगी। इसमें किसानों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। नए साल में किसानों को इसकी सौगत मिल सकती है। मोहन सरकार ने छोटे किसानों को उनकी उपज बेचने पर प्रति हेक्टेयर बोनस देने का फैसला किया है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से एक जनवरी को प्रदेश में चार मिशन प्रारंभ किए जाएंगे। इसमें युवा, नारी, किसान और गरीब वर्ग के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।
प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर की सौगात मिलेगी
प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर की सौगात जबलपुर वासियों को 2025 में मिलेगी। फ्लाईओवर की लंबाई सात किलोमीटर है, जो मदन महल रेलवे स्टेशन के ऊपर से होकर जाएगी। मदन महल स्टेशन के ऊपर केबल ब्रिज बनाया जा रहा है। केबल ब्रिज की लम्बाई 385.5 मीटर है। स्टेशन के ऊपर से गुजरने वाली केबल ब्रिज की लंबाई 193.5 मीटर है। देश के इस यूनिक केबल स्टे ब्रिज अगामी दो से तीन माह में पूर्ण हो जाएगा। मदन महल फ्लाईओवर का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। मदन महन केबिल स्टे ब्रिज लगभग 200 मीटर पूर्ण हो गया है। मध्यप्रदेश के सबसे लंबे केबल स्टे ब्रिज के दोनों हिस्सों को जोड़ दिया गया। केबिल स्टे ब्रिज की डिजाइन फ्रांस से ली गई है और फ्रांस की कंपनी ने डिजाइनिंग असिस्टेंट भी भेजा था। ब्रिज पूरी तरह स्वदेशी है। इसमें लगने वाली केबल भी देश में बनाई जा रही है। इस ब्रिज में 56 केबल लगाई गई हैं। इसमें चार पिलर बनाए गए हैं, जो 32 मीटर ऊपर है और 32 मीटर जमीन के भीतर रखा गया है।