- माननीयों को कुछ प्रमुख पदों पर ही दी जाएगी नियुक्ति

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर मंथन शुरू हो गया है। जिसको लेकर नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि भाजपा की नई कार्यकारिणी में अधिकांश नए चेहरों को जगह दी जाएगी। कार्यकारिणी में सांसदों और विधायकों की संख्या सीमित रखी जाएगी। दरअसल, पार्टी नया नेतृत्व तैयार करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश कार्यकारिणी में नए नेताओं को जगह दी जाएगी। कहा जा रहा है कि जल्द ही नई कार्यकारिणी का खाका तैयार किया जाएगा और पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद अगले माह कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि मप्र भाजपा को लंबे इंतजार के बाद नया अध्यक्ष मिल गया है। अब जल्द ही प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी में भी बदलाव होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अगले दो-तीन दिन में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलने दिल्ली जा सकते हैं। इसके बाद प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी का गठन होगा। मोर्चा अध्यक्षों को भी बदला जाएगा। प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी में इस बार सांसद और विधायकों की संख्या घट सकती है। भाजपा सूत्रों की मानें तो इस बार भाजपा के सदस्यता अभियान में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले भाजपा नेता और पुराने कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में स्थान दिया जाएगा। भाजपा ने सदस्यता अभियान का पूरा डेटा तैयार किया है। इस डेटा के हिसाब से सदस्यता अभियान में जुटे नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
पार्टी का फोकस संगठन को मजबूत करने पर
पार्टी का पूरा फोकस संगठन की मजबूती पर है। इसके लिए कार्यकारिणी में पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेताओं को शामिल करके फेरबदल किया जाएगा। इस बार युवा और नए चेहरों को भी कार्यकारिणी में जगह मिलने की संभावना है जिनकी कार्यप्रणाली से पार्टी खुश है। जबकि पहले रहे कुछ पदाधिकारियों की छुट्टी होना भी तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले जिला अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। इस बार पार्टी ने सभी जिला अध्यक्ष के लिए नए चेहरों को मौका दिया है। इसलिए ही कयास लगाए जा रहे है कि प्रदेश कार्यकारिणी में भी ऐसा देखा जा सकता है। जबकि पूर्व जिला अध्यक्षों को भी पार्टी ने अभी नई जिम्मेवारी नहीं दी है। इसके अलावा कई और नेता भी है जो कि नए रोल का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष 15, प्रदेश महामंत्री 05, प्रदेश मंत्री 14, प्रदेश प्रवक्ता 19, पैनलिस्ट 05, मोर्चा अध्यक्ष 07, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य 203, स्थाई आमंत्रित सदस्य 22 और विशेष आमंत्रित सदस्य 237 हैं। इस तरह नई कार्यकारिणी का स्वरूप भी ऐसा ही होगा।
गाइडलाइन के अनुसार बनेगी जिला कार्यकारिणी
नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब जिलों की कार्यकारिणी का गठन नई गाइडलाइन के अनुसार होगा। जिला स्तर पर कार्यकारिणी में 40 फीसदी पदाधिकारी नए नियुक्त किए जाएंगे। एसटी, एससी महिलाओं को भी टीम में जगह दी जाएगी। मप्र में भाजपा की जिला अध्यक्षों का चयन पांच महीने पहले हो चुका है। इसके बाद से जिलों की कार्यकारिणी का भी गठन अब तक नहीं हो सका है। दअरसल भाजपा के नए अध्यक्ष का चयन न हो पाने से जिलों की कार्यकारिणी का गठन अटका हुआ था।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल
प्रदेश कार्यकारिणी को संतुलित बनाया जाएगा। इसके लिए हमेशा की तरह इस बार भी प्रदेश कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा जाएगा। इसके अलावा दूसरा मसला उम्र के क्राइटेरिया का है। भाजपा भले ही कहे कि उसने पदाधिकारियों के लिए उम्र का कोई क्राइटेरिया तय नहीं किया है पर जिलाध्यक्षों के चयन में अधिकांश जिलों में साठ साल के कम उम्र के कार्यकर्ताओं को ही वरीयता दी गई है। प्रदेश कार्यकारिणी में प्रमुख पदों पर भी युवाओं का भी प्रतिनिधित्व रहे, इसका ख्याल रखा जाएगा। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस से कई बड़े-छोटे नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था। इनमें कुछ तो पार्टी में घुल-मिल गए, तो कुछ अभी भी अलग-थलग हैं। कोई दायित्व नहीं मिलने पर वे उलझन में हैं। पुराने भाजपाई उन्हें आज भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। कारण, उनके आने से भाजपा के कई नेता हाशिए पर आ गए। ऐसे में पुराने नेताओं को साधे रखने और कांग्रेस से आने वालों की अपेक्षाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इन्हें प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर मोर्चा, प्रकोष्ठों में एडजस्ट किया जा सकता है।
60त्न पदाधिकारियों को बदला जाएगा
इस बार कार्यकारिणी में सांसदों और विधायकों की संख्या सीमित रखने की बात हो रही है। अभी भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में 15 प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। इनमें सांसद संध्या राय, राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मिक, आलोक शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी, जीतू जिराती, बहादुर सिंह चौहान, बृजराज सिंह चौहान और वर्तमान विधायक चिंतामणि मालवीय, ललिता यादव शामिल हैं। वहीं कार्यकारिणी में अभी पांच महामंत्री हैं, जिनमें रणवीर सिंह रावत, खरगापुर से विधायक और पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक, पूर्व विधायक सरदेंदु तिवारी, वर्तमान विधायक भगवानदास सबनानी और राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार शामिल हैं। इसके अलावा कार्यकारिणी में 14 प्रदेश मंत्री हैं। इसमें भाजपा के पुराने कार्यकर्ता और पूर्व विधायक शामिल हैं। इनमें से कार्यकारिणी के 60 फीसदी पदाधिकारियों को बदला जा सकता है। इनके स्थान पर नए विधायकों और भाजपा के कार्यकर्ताओं को नई कार्यकारिणी में स्थान मिलेगा।
