पूर्व ईएनसी मेहरा के बेटे की तनिष्क इलेक्ट्रिकल्स और वेरोनिका फूड्स की जांच कर रहा लोकायुक्त

 ईएनसी
  • ग्राम पंचायत को भी थमाया गया नोटिस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड इंजीनियर इन चीफ (ईएनसी) गोविंद प्रसाद मेहरा (जीपी मेहरा) के यहां 9 अक्टूबर को मप्र लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) ने छापा मारा था। छापे के दौरान बरामद कागजों की छानबीन की जा रही है। जब्त कागजों से कई राज खुल रहे हैं। पता चला है कि मेहरा के बेटे रोहित का कारोबार मप्र के अलावा गुजरात राजस्थान में भी है। तनिष्क इलेक्ट्रिकल्स, रोहित की प्रोपराइटर फर्म है, जिसका जुलाई 2017 से भोपाल में रजिस्ट्रेशन है। इसे वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5 से 25 करोड़ की स्लेब में जीएसटी लिया गया। तनिष्क इलेक्ट्रिकल्स, राजस्थान में अक्टूबर, 2019 में और जनवरी, 2021 में गुजरात (वड़ोदरा) में भी रजिस्टर्ड है। वहीं, वेरोनिका फूड्स फर्म अगस्त, 2022 में रजिस्टर्ड करवाई गई। इसके टाइटल पर भोपाल के मिनाल क्षेत्र में टब्बर बार एंड रेस्ट्रो संचालित होता है। साथ ही नागपुर की साखी कंस्ट्रक्शन और रोहित की केटी इंडस्ट्रीज के ट्रांजेक्शन की भी छानबीन लोकायुक्त कर रहा है। लोकायुक्त को जानकारी हाथ लगी है कि मप्र सडक़ विकास निगम के अधिकारी, जीपी मेहरा और नागपुर की साखी कंस्ट्रक्शन ने आरडीसी में इलेक्ट्रिकल्स के काम में बिजली विभाग के जरिए एकाधिकार जैसा काम किया। मेहरा के बेटे और कैलाश नारायण नायक की केटी इंडस्ट्रीज, केकेएफ कस्तुरी कृषि फॉर्म पहले से ही जांच के दायरे में है। अब मेहरा के बेटे के अन्य प्रतिष्ठान भी जांच में लिए गए हैं।
ग्राम पंचायत को लोकायुक्त ने दिया नोटिस
लोकायुक्त एसपीई ने एक प्रश्नावली तैयार की है। इसके आधार पर बयान लिए जाएंगे। मेहरा को 27 अक्टूबर को बयान दर्ज करने लोकायुक्त ने बुलाया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। मेहरा ने समय मांगा है। इधर, लोकायुक्त एसपीई ने ग्राम पंचायत पाला देवरी के ग्राम सैनी और पंचायत सेमरी हरचंद के सरपंच-सचिव को नोटिस देकर तलब किया है। पंचायत से पूछा है कि मेहरा के फॉर्म हाउस पर 39 कॉटेज, वेलनेस सेंटर, रिसोर्ट भवन, तालाब, मछली पालन केंद्र, स्थाई अस्थाई निर्माण और फॉर्म हाउस परिसर में बनाए गए 1.305 किमी सीसी रोड की अनुमतियां कब-कब दी अनुमतियां नहीं दी तो पंचायत ने क्या कार्रवाही की।
ब्लैक से व्हाइट के खेल की भी जांच
लोकायुक्त यह पता लगा रहा है कि इन प्रतिष्ठानों के जरिए काले धन को सफेद तो नहीं किया गया है। इन फर्मों पर जीएसटी की भी नजर है। लोकायुक्त एसपीई ने 17 टन शहद की गुणवत्ता, उत्पादन, कारोबार, क्रय-विक्रय की छानबीन के लिए नर्मदापुरम कलेक्टर को पत्र लिखा है इसकी छानबीन खाद्य विभाग से करवाई जाएगी।

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