
- नाराजगी के बाद अब सक्रिय हुआ जीएडी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अफसरशाही से आम आदमी तो परेशान रहता ही है, लेकिन अब तो लोकायुक्त संगठन भी परेशान है। यही वजह है कि इस मामले में लोकायुक्त पुलिस को शासन के जीएडी विभाग से लिखित शिकायत तक करनी पड़ गई। इस शिकायत को शासन ने गंभीरता से लेते हुए सभी विभागों को कड़ा पत्र लिखा है। दरअसल , अपने चहेते या फिर रसूखदारों को बचाने के लिए या तो संबंधित विभागों द्वारा जानकारी ही नहीं दी जाती है और जब मजबूरी बन जाती है तो अधीनस्थ अफसरों को आधी अधूरी जानकारी देकर भेज दिया जाता है, जिससे मामले की जांच में देरी होती है। इसको लेकर लोकायुक्त कार्यालय ने नाराजगी जताते हुए जीएडी को पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि शिकायतों और जांच के संबध में बुलाए जाने पर राजधानी में पदस्थ सीनियर अफसर खुद नहीं जाते हैं और ऐसे अफसरों को भेजते हैं, जिन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं होती है। इसके बाद जीएडी ने सभी विभागों को लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश जारी किए हैं। सभी विभाग प्रमुखों, विभागाध्यक्ष, कमिश्नर और कलेक्टरों को लिखे पत्र में जीएडी ने कहा है कि किसी शिकायत या जांच के संबंध में लोकायुक्त या उपलोकायुक्त के समक्ष हाजिर होने के मामले में लापरवाही का मामला संज्ञान में लाया गया है। अधिकारी ऐसे मामलों में अपने अधीनस्थ ऐसे कनिष्ठ अधिकारी जैसे अनुभाग अधिकारी या कर्मचारी को भेज देते हैं, जिन्हें संपूर्ण मामले की जानकारी नहीं होती है और ऐसे मामलों में कार्यवाही के लिए वे प्रतिबद्धता भी नहीं जता पाते हैं।
गौरतलब है कि लोकायुक्त कार्यालय ने 12 मार्च 2025 को लोकायुक्त या उप लोकायुक्त की जांच से संबंधित मामलों में बुलाए जाने पर आधी अधूरी जानकारी के साथ हाजिर होने वालों को लेकर जीएडी को चिट्ठी लिखी थी और इस मामले में जिम्मेदार अफसरों को ही भेजने के लिए कहा था। जिम्मेदार और अनुभवी अधिकारी को भेजने के निर्देश इन हालातों को देखते हुए अब जिम्मेदार अधिकारी किसी शिकायत या जांच के संबंध में लोकायुक्त और उपलोकायुक्त के समक्ष हाजिर होने का निर्देश मिलने पर खुद ही जाएंगे। अगर किसी कारणवश वे खुद नहीं जा पाते हैं तो उन्हें यह तय करना होगा कि राज्य सरकार की तरफ से अवर सचिव से नीचे कैडर का कोई अधिकारी जो प्रकरण से पूरी तरह से परिचित हो, वह ही उनकी अनुपस्थिति में लोकायुक्त के समक्ष उपस्थित होगा। विशेष परिस्थितियों में अगर विभाग में अवर सचिव की पदस्थापना नहीं है तो ऐसी स्थिति में अनुभाग अधिकारी या प्रभारी अनुभाग अधिकारी को हाजिर होने के लिए कहा जा सकेगा। लोकायुक्त संगठन कार्यालय ने 12 मार्च 2025 को लोकायुक्त या उप लोकायुक्त की जांच से संबंधित मामलों में बुलाए जाने पर आधी अधूरी जानकारी के साथ हाजिर होने वालों को लेकर जीएडी को चिट्ठी लिखी थी और इस मामले में जिम्मेदार अफसरों को ही भेजने के लिए कहा था। इसके बाद जीएडी ने यह निर्देश जारी किए हैं।