
- भाजपा विधायकों-सांसदों को पहले दिन प्रशिक्षण देंगे अमित शाह
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विवादित व बड़बोले बयानों से किरकिरी के बाद भाजपा संगठन ने अपने नेताओं को नसीहत व प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। पार्टी अपने सांसदों और विधायकों को पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप संवाद शैली और आचरण का प्रशिक्षण देने जा रही है। इसके लिए 14, 15 और 16 जून को पचमढ़ी के हिल स्टेशन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर प्रस्तावित है। पहले दिन 14 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ट्रेनिंग देंगे। समापन पर 16 जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विधायकों और सांसदों को ट्रेनिंग देंगे। पचमढ़ी में तीन दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग कैंप में मप्र भाजपा के सभी विधायक, मंत्री और लोकसभा, राज्यसभा के सांसद शामिल होंगे। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद नवनिर्वाचित विधायकों, सांसदों को भाजपा 5 साल में एक बार प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम आयोजित करती है। यह ट्रेनिंग कैंप इस साल की शुरुआत में होना था। लेकिन संगठन चुनाव के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया था। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 14 जून को तीन दिवसीय विधायक-सांसदों की ट्रेनिंग की शुरुआत करेंगे। साथ ही जनप्रतिनिधियों को टिप्स देंगे कि वे आने वाले दिनों में किस तरह से काम करें और क्या आचार संहिता रखें। ट्रेनिंग सत्र का समापन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा कर सकते हैं। शाह का कार्यक्रम तय हो गया है, लेकिन नड्ढा की ओर से अभी मंजूरी नहीं मिली। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद ट्रेनिंग में पूरे समय रहेंगे। भाजपा के मुताबिक पिछली सरकार के विधायकों की दो दिनी ट्रेनिंग 4 वर्ष पहले उज्जैन में हुई थी। इस बार पचमढ़ी को चुना गया है। इसमें राम-भाऊ महाल्गी प्रबोधिनी संस्थान के लोग भी शामिल होंगे।
प्रशिक्षण में यह होगा
तीन दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में सांसदों-विधायकों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इस दौरान प्रैक्टिकल सेशन होगा। प्रैक्टिकल सेशन में विधायक-सांसदों की सोशल मीडिया एक्टिविटी, पॉड कॉस्ट, फॉलोअर, इंफ्लूएंसर आदि का ओरिएंटेशन होगा। वहीं फ्लैगशिप स्कीम के बारे में जानकारी दी जाएगी। फ्लैगशिप स्कीम के तहत केंद्र और राज्य सरकार की वो योजनाएं, जिनसे ज्यादा हितग्राही या लाभ लेने वाले जुड़े हैं, वह क्या हैं, उन्हें समझना और जनता तक ले जाने के बारे में बताया जाएगा। वर्किंग कल्चर के तहत भाजपा की रीति-नीति और चलन पर इसमें बात होगी। कार्यपद्धति और अनुशासनहीनता जैसे काम बताए जाएंगे। वहीं भाजपा का इतिहास भी बताया जाएगा। भाजपा की शुरुआत, उससे पहले संगठन और बाद में उसकी वैचारिक यात्रा कैसे आगे बढ़ी। कौन लोग थे जिन्होंने यह काम किया, इसकी जानकारी दी जाएगी। वहीं इकोनॉमी 2047 के बारे में बताया जाएगा। इसके तहत केंद्र और मप्र सरकार के 2047 के विजन और रोडमैप के बारे में केंद्र और प्रदेश के नेता विधायकों को विस्तृत जानकारी देंगे।
प्रशिक्षण का एक कारण ये भी
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि किसी भी संवेदनशील विषय पर अनधिकृत टिप्पणी से पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है। इस संदर्भ में नेताओं को गाइडलाइन से हटकर बयान न दें की सख्त नसीहत दी जाएगी। दरअसल, 11 मई को जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया। इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, विधायक नरेंद्र प्रजापति के बयानों से भी विवाद बढ़ा। ऐसे में लगातार आ रहे विवादित बयानों के बाद पार्टी अब सभी विधायकों और सांसदों को प्रशिक्षण देने जा रही है। शिविर में अमित शाह गुड गवर्जेस यानी सुशासन पर अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे। भाजपा की छवि एक जवाबदेह और विकासोन्मुखी सरकार के रूप में बनी रहे, इसके लिए जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक दक्षता और सेवा भावना का मार्गदर्शन दिया जाएगा। कुछ नेता बार-बार अपनी बयानबाजी से पार्टी को असहज स्थिति में डाल देते हैं। ऐसे नेताओं को इस प्रशिक्षण शिविर में सख्त संदेश देने की योजना है। पार्टी उन्हें स्पष्ट करेगी कि किसी भी तरह की अनावश्यक बयानबाजी न केवल संगठन की छवि खराब करती है, बल्कि अनुशासनहीनता के अंतर्गत आती है।
संगठन और सत्ता में समन्वय का पाठ
इस प्रशिक्षण शिविर का मूल उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को सत्ता और संगठन के चीच बेहतर समन्वय स्थापित करने, जनता से जुडने और पारदर्शिता से काम करने के गुट सिखाना है। शिविर में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष समेत कुछ अन्य केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी भी संबोधित करेंगे। इस प्रयास के जरिए पार्टी जनप्रतिनिधियों को लगातार प्रशिक्षित करने की परंपरा को और मजबूत करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में भोपाल दौरे पर आए थे, जहां उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में पार्टी के सासदों और विधायकों से दो घंटे संवाद किया था। उन्होंने न सिर्फ सुझाव दिए, बल्कि सवाल-जवाब के जरिए फील्ड से जुड़े अनुभवों को साझा किया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को जमीन से जुड़े रहने, जनता की सेवा में तत्पर रहने और विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कहीं थीं।