लालवानी चुनावी प्रचार पर खर्च करने को तैयार नहीं!

लालवानी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम द्वारा नाम वापसी कर भाजपा में शामिल होने के बाद से भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने चुनावी प्रचार के खर्च पर रोक लगा दी है। यही वजह है कि पार्टी नेताओं को उनसे बटुआ खोलने का आग्रह तक करना पड़ रहा है। लालवानी ने इस बार अब तक बीते चुनाव की तुलना में आधी भी रकम खर्च नहीं की है। यह हाल तब है, जबकि महंगाई बढ़ने की वजह से चुनावी खर्च भी बढ़ चुका है। बम के नाम वापसी के बाद से ही लालवानी चुनावी प्रचार से दूर होने लगे थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि अब उनके लिए कोई चुनौती ही नहीं बची है। इसके उलट कांग्रेस ने नया दांव चलते हुए नोटा को लेकर मुहिम छेड़ दी, जिसकी वजह से एक बार फिर से न केवल संगठन को सक्रिय होना पड़ा है, बल्कि लालवानी को भी मैदान में उतरने पर मजबूर होना पड़ा है। यह बात अलग है कि इसके बाद भी लालवानी द्वारा चुनावी खर्च तंग हाथों से किया जा रहा है। कम खर्च के मुद्दे पर लालवानी ने किसी तरह की समस्या या स्ट्रैटेजी होने से इनकार किया है। चुनाव आयोग को पेश किए खर्च के आंकड़ों के अनुसार, लालवानी ने 2024 के चुनाव में 2 मई तक 17 लाख रुपए खर्च किए हैं। उसके बाद का प्रचार भी देखा जाए तो न कोई बड़ी सभा हुई, न बड़े नेता का रोड शो..। कहा जा रहा है कि वे 2019 के मुकाबले आधे ही खर्च में चुनाव लड़ेंगे। जिला प्रशासन द्वारा  आयोग के निर्देश अनुसार व्यय लेखा रजिस्टरों की जांच की जा रही है। अभी 2 मई तक व्यय खर्च का मिलान किया गया है। अब आज और इसके बाद  29 मई को इस खर्च का ब्योरा लिया जाएगा। सभी प्रत्याशियों को खर्च की जानकारी निश्चित समय पर देना अनिवार्य है, अन्यथा आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में भी उठा था खर्च का मुद्दा
 नोटा को लेकर कांग्रेस के ऐलान के बाद इंदौर से लेकर भोपाल-दिल्ली तक भाजपा नेता फिर सक्रिय हो गए है। कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा मतदान कराया जाए, वर्ना जीत का अंतर घटा तो भी पूरे देश में गलत मैसेज चला जाएगा। बीजेपी कार्यालय पर रणनीति तय करने बैठे इंदौर के भाजपा नेताओं के सामने यह बात आई कि कार्यकर्ता काम करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में मतदान का प्रतिशत कैसे बढ़ेगा। चुनाव खर्च के मुद्दे पर सबकी बात सुनने के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी से पूछा, आप क्या कर रहे हो? आखिर परेशानी कहां है? उन्होंने दो-तीन बार लालवानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे काम नहीं चलेगा। इस सब पर भी लालवानी निरूत्तर ही रहे।
जिले में 2500 बूथ, प्रत्येक पर 15 हजार का खर्च संभावित
बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी नेताओं ने अगले 4 दिन में होने वाले संभावित खर्च का आकंलन किया तो यह बात सामने आई कि अभी 6 से 7 करोड़ का खर्च अनुमानित है। इसकी वजह मतदान का दिन बाकी है। सीट पर करीब 2500 से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं और प्रति बूथ 15 हजार का खर्च अनुमानित है। इसमें एजेंटों का मानदेय, कार्यकर्ताओं का भोजन शामिल है। इसमें मतदान के दिन का खर्च भी शामिल है। यह बात भी उठी कि अब जो खर्च होना है, उसमें आधा खर्च प्रत्याशी करे और आधा संगठन। इस पर लालवानी ने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि मैं इतना खर्च नहीं उठा पाऊंगा।

Related Articles