महाकाल लोक से बरसने लगी लक्ष्मी जी की कृपा

महाकाल लोक
  • मंदिर की आय हुई दोगुनी, श्रद्धालुओं की संख्या हुई तीन गुना

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।  महाकाल लोक बनने के बाद धर्म व संस्कृति की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि अब इस नगरी में आने वाले पर्यटकों की संख्या बीते साल की तुलना में तीन गुना तक हो चुकी है। इसकी वजह से अब मंदिर के खजाने पर भी लक्ष्मी जी की कृपा में भी वृद्धि लगातार हो रही है। इसकी वजह से मंदिर का खजाना भी जमकर भर रहा है। लक्ष्मी जी की कृपा इससे ही समझी जा सकती है कि जितना दान बीते एक साल में नहीं आया था, उससे अधिक दान हाल के तीन माह में आ चुका है। यही नहीं साल 2021 की तुलना में 2022 में दोगुना से ज्यादा दान आया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है महाकाल लोक का बनना। इसकी वजह से भक्तों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।  वीकेंड में तो यहां पर आने वाले लोगों की संख्या तीन गुना तक बढ़ जाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाकाल मंदिर समिति को वर्ष 2021 में 22 करोड़ 13 लाख रुपए दान के रुप में मिले थे, जो 2022 में बढक़र 46 करोड़ 51 लाख रुपए तक पहुंच गया। इसमें भी खास बात यह है कि सबसे ज्यादा आखिरी तीन महीने में 22 करोड़ 50 लाख रुपए की आय हुई है। गौरतलब है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में यकायक वृद्धि हो गई। पहले शनिवार, रविवार, सोमवार और पर्व के दिन छोडक़र रोजाना करीब 15 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते थे , लेकिन अब करीब 60 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने पहुंच रहे हैं। यानी करीब मंदिर पहुंचने वालों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। इधर, वीकेंड में शनिवार, रविवार, सोमवार को आने वाले भक्तों की संख्या में भी तीन गुना तक इजाफा हुआ है , जिससे उनकी संख्या बढक़र करीब डेढ़ लाख से लेकर ढाई लाख तक पहुंच गई है। अगर प्रति सप्ताह का औसत देख जाए तो  करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
बताया जाता है कि 11 अक्टूबर के बाद से दान में 60 से 70 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। दो साल के अंतिम तीन महीनों का ट्रेंड देखें, तो जहां सन 2021 के अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के दौरान 14 करोड़ रुपए का दान मिला था। इसमें लड्डू प्रसादी शामिल नहीं है। वहीं, 2022 इन्हीं तीन महीनों में 22.50 करोड़ रुपए का दान मिला है। महीने 10 दिसंबर से नए वर्ष 16 पूजन, विभिन्न भेंट पेटी से आया प्रसादी शामिल नहीं है। महाकाल मंदिर में वैसे तो रोजाना भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन शनिवार से सोमवार तक भीड़ ज्यादा रहती है। खासकर त्योहारों क्रिसमस और  नववर्ष में सर्वाधिक भक्त दर्शन करने पहुंचे हैं।
इस तरह से आता है दान
मंदिर को दान, लड्डू  प्रसादी समेत शीघ्र दर्शन से प्रति व्यक्ति 250 रुपए, भस्म आरती दर्शन में 200 रुपए प्रति व्यक्ति, गर्भगृह दर्शन में 1500 रुपए  श्रद्धालुओं के माध्यम से दान मिलता है। लोकार्पण के बाद साल के अंतिम शनिवार, रविवार और सोमवार तीन दिनों में सर्वाधिक लोग दर्शन करने पहुंचे। सबसे ज्यादा दान 7, 8, 9 जनवरी को 78 लाख 66 हजार रुपए मिला। इसी तरह प्रसाद से अधिक और प्रसाद से 4 करोड़ 60 लाख से अधिक मिले हैं।
कोरोना में सबसे कम मिला था दान
कोरोना का असर भगवान महाकाल  मंदिर पर भी पड़ा था। उस समय मंदिर को सोना तीन गुना, तो चांदी दोगुना कम मिली थी। मंदिर में पिछले एक दशक से श्रद्धालुओं ने करोड़ों रुपए दान किए, तो वहीं कई ने सोना- चांदी भी अर्पित किया था। वर्ष 2019 में महाकाल मंदिर को दिल खोलकर सोना चांदी दान में मिला।  इसमें 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च में 2020 कुल 848.61 ग्राम सोना व 97607 ग्राम चांदी मिली थी, लेकिन वर्ष 2020-21 में 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक 235.55 ग्राम सोना और 47943 ग्राम चांदी ही मिली थी।  मंदिर में आए करोड़ों के दान से मंदिर के कई प्रकल्प चलते हैं। मंदिर की व्यवस्था, धर्मशाला, अन्न क्षेत्र महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था, गौशाला, पर्व पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाकाल मंदिर विस्तारीकरण समेत मंदिर की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है।

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