
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन चुका है जिसके हर शासकीय विभाग में कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक का अभाव बना हुआ है , जिससे सरकारी कमाकज तो ठीक आम आदमी के कामकाज पर भी बुरा असर पड़ रहा है। खासतौर पर राजस्व विभाग के हाल तो और भी बुरे बने हुए हैं। इस विभाग में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डिप्टी कलेक्टरों की कमी बनी हुई है। प्रदेश में इस पर के अफसरों की कमी की वजह है भर्ती व पदोन्नति का न होना। प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर्स के 873 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 481 पद ही भरे हुए हैं, जबकि 392 पद रिक्त बने हुए हैं। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) ने वर्ष 2020 और 2021 में हर साल 27 डिप्टी कलेक्टर्स की पदस्थापना के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा हैं, लेकिन उसे एक भी अधिकारी नहीं मिल सका है। अब एक बार फिर से सामान्य प्रशासन विभाग डिप्टी कलेक्टर्स की मांग को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है। डिपटी कलेक्टर्स की कमी की प्रमुख रूप से दो वजहें हैं। इनमें एक तो नई भर्ती नहीं किया जाना और दूसरी वजह है तहसीलदारों को पदोन्नति नहीं दी जाना।
तीन साल से नहीं की जा रही भर्ती
अधिकारियों का कहना है कि डिप्टी कलेक्टर्स की कमी होने की प्रमुख वजह है प्रदेश में तीन साल से मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा उनकी भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाना। इसकी वजह से प्रदेश को नए अधिकारी नहीं मिल रहे हैं। आखिरी बार वर्ष 2019 में 27 डिप्टी कलेक्टर्स मिले थे। यह सभी एमपीपीएससी द्वारा 2017 में चयनित किए गए थे। प्रदेश में पिछले छह साल से पदोन्नति पर रोक लगी हुई है। इस कारण तहसीलदार डिप्टी कलेक्टर्स के पद पर पदोन्नत ही नहीं हो पा रहे हैं। इसके उलट हर साल राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर पदोन्नत होकर आईएएस बनते जा रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश में साल-दर-साल डिप्टी कलेक्टर्स की संख्या में कमी होती जा रही है।
राप्रसे के 19 अधिकारी बनेंगे आईएएस
मप्र के राज्य प्रशासनिक सेवा के 19 अधिकारियों को इसी साल आईएएस अवार्ड होना है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए 2001 से 2007 बैच के राज्य सेवा के अफसरों के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। यह प्रस्ताव अधिकारियों के सेवा अभिलेखों के आधार पर तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद प्रस्ताव को संघ लोक सेवा आयोग भेजा जाएगा। इन अफसरों की पदोन्नति से प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर्स की संख्या और कम हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि बीते साल भी राप्रसे के 17 अफसरों को आईएएस अवार्ड दिया गया था।