कांग्रेस के आरिफ, मसूद और पीसी पर भारी पड़ी कृष्णा गौर

कृष्णा गौर

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। नगरीय निकाय चुनाव में अगर प्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा व कांग्रेस के बीच हुए मुकाबले को देखा जाए तो यहां की छह विधानसभा सीटों में से तीन पर भाजपा व तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। इस हिसाब से यहां पर बराबरी के चलते बेहद कड़ा मुकाबला का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन मतगणना हुई तो कांगे्रेस के तीन विधायकों पर अकेले भाजपा की एक विधानसभा सीट ही भारी पड़ गई। यह सीट है गोविंदपुरा। इस सीट पर भाजपा की कृष्णा गौर विधायक हैं। वे पूर्व में महापौर भी रह चुकी हैं। उनकी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मालती राय को 64 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली।
यह बढ़त कांग्रेस के तीनों विधायकों पर दोगुनी से अधिक भारी पड़ी। दरअसल कांग्रेस विधायकों वाली तीन में से दो सीट भोपाल उत्तर और मध्य में कांग्रेस प्रत्याशी को क्रमश: 21126 व 12887 यानि की कुल 34013 मतों की बढ़त मिली थी, लेकिन गोंविदपुरा ने न केवल उनकी बढ़त को पाट दिया, बल्कि लगभग उतने ही मतों की बढ़त भी दिला दी।
इसके अलावा एक अन्य विस सीट हुजूर भी इन कांग्रेस विधायकों पर भारी पड़ गई। यह बात अलग है की इस सीट से भाजपा को 35180 मतों की बढ़त मिली। यह मत भी भाजपा प्रत्याशी की जीत तय कर रहे थे। इस हिसाब से देखा जाए तो शहर की दो विधानसभाओं ने ही कांग्रेस प्रत्याशी को हारने पर मजबूर कर दिया। खास बात तो यह है की नाथ सरकार में बेहद अहम मंत्री रहे और मौजूदा विधायक पीसी शर्मा  की दक्षिण पश्चिम सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिल सकी, बल्कि उन्हें 19,472 मतों से हार का सामना करना पड़ा। इससे यह तो तय हो गया है की अगले विधानसभा चुनाव के लिए पीसी शर्मा के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। यानि की अगर कुल मिलाकर देखें तो भाजपा प्रत्याशी मालती राय की जीत में चार विधानसभा क्षेत्रों का अहम रोल रहा है। वैसे भी उत्तर विधानसभा क्षेत्र भाजपा के लिए बेहद मुश्किल वाली सीट मानी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस के आरिफ अकील भाजपा में लहर में भी जीतते रहे हैं। यह सीट पूरी तरह से मुस्लिम बाहुल्य होने की वजह से कांग्रेस के लिए अपराजेय बनी हुई है। भाजपा इस सीट पर पहले से ही अपने को कमजोर मानकर चलती है। खास बात यह है की नए व पुराने शहर के हिस्से में आने वाली मध्य सीट जरुर एक बार फिर से भाजपा के लिए चिंता बन गई है। इस सीट पर भले ही कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद हैं, लेकिन इसके पहले इस सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा गलत टिकट दिए जाने की वजह से यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। उसके बाद से भाजपा ने इस सीट पर भी ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से यह हालात बने हैं। इसके उलट गोविंदपुर व हुजूर विस सीटें ऐसी रही हैं जहां पर बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायकों की जीत से अधिक मतों से मालती राय जीतने में सफल रही हैं।
इन दो सीटों पर मिली कांग्रेस को लीड
राजधानी की मध्य विधानसभा पर कांग्रेस विधायक है। इस सीट पर मालती राय को 1,16,393 वोट में से 49,436  और  विभा पटेल को 62,323 मत मिले हैं। इस सीट पर मालती राय को कांगे्रेस की विभा पटेल की तुलना में 12,887 वोट कम मिले। इस सीट पर बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आरिफ मसूद ने भाजपा के सुरेंद्रनाथ सिंह को 14,757 वोट से हराया था। इसी तरह से कांग्रेस की परंपरागत उत्तर विधानसभा सीट पर 1,34,582 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया , जिसमें से मालती राय को 54,760 और विभा पटेल को 75,286 मत मिले। इस  तरह से इस सीट पर भी मालती राय 21,126 वोट से पीछे रहना पड़ा। इसमें खास बात यह रही है की बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आरिफ अकील ने 34,857 वोट से जीत दर्ज की थी।
इस तरह का रहा मतों का गणित
भाजपा प्रत्याशी मालती राय अपने गृह विधानसभा क्षेत्र नरेला में 12,604 वोट की लीड लेने में सफल रहीं। यह वो क्षेत्र है जिसका प्रतिनिधित्व शिव सरकार के मंत्री विश्वास सारंग करते हैं। इस सीट पर 1,82,452 मतदाताओं ने मतदान किया था, जिसमें से मालती राय को 93,698 और कांग्रेस की विभा पटेल को 81,094 वोट मिले।
स्थानीय विधायक चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 2018 में यहां से 23,151 वोट से जीत हासिल की थी। इस हिसाब से देखा जाए तो इस सीट पर भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा है। भाजपा की परंपरागत गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदान होने की वजह से 1,87,377 मतदाताओं ने वोट डाले थे, जिसमें से भाजपा को 1,21,451 और कांग्रेस को 57,256 वोट मिले। यहां दोनों के बीच 64,195 वोट का अंतर रहा। भाजपा की कृष्णा गौर यहां से 46,359 वोट से चुनाव जीती थीं। यानी मालती राय को कृष्णा गौर से भी अधिक समर्थन यहां मिला। उधर, हुजूर विधानसभा सीट के आंकड़ों पर नजर डालें तो बैरागढ़ और कोलार दो हिस्सों में बंटी इस सीट पर कुल 1,19,529 मतदाताओं ने मतदान कियार था, जिसमें से मालती राय को 74,921 और विभा पटेल को 39,741 मत मिले हैं। इस वजह से भाजपा को यहां से 35,180 की बढ़त मिली। अगर बीते  विधानसभा चुनाव से इसकी तुलना की जाए तो यहां पर भी मालती राय को रामेश्वर शर्मा की 15,725 वोट से जीत की तुलना में अधिक समर्थन मिला है।  
इसी तरह से भाजपा ने  कांग्रेस के कब्जे वाली दक्षिण – पश्चिम विधानसभा सीट पर भी बढ़त लेकर साबित कर दिया है की बीते विधानसभा चुनाव में अगर पार्टी प्रत्याशी बदल देती तो यह सीट उसे गांवानी नहीं पड़ती। इस सीट पर 1,16,664 लोगों ने मतदान किया था, जिसमें भाजपा को 65,219 और कांग्रेस को 45,747 मत मिले। कांग्रेस कब्जे वाली इस सीट पर भी मालती राय 19,472 मतों की बढ़ी लीड पाने में सफल रहीं। अगर बीते विस चुनाव के परिणामों को देखें तो यहां से कांग्रेस के पीसी शर्मा यहां 6,587 वोट से जीते थे।

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