- गुटबाजी दूर करने की चुनौती

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के लिए बुंदेलखंड में आने वाले सागर संभाग में संगठन की गुटबाजी दूर करने की चुनौती है। इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा पूर्व अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा की संसदीय सीट में आता है। कहा जा रहा है कि खंडेलवाल इस पूरे संभागीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद कांग्रेसियों के भाजपाई बनने के उपरांत प्रदेश भाजपा को सबसे ज्यादा अगर किसी क्षेत्र ने परेशान किया है, तो वह बुंदेलखंड है। विशेषकर सागर में जिस तरह से वरिष्ठ नेताओं के मध्य वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी हुई है, उसने पार्टी की जमकर किरकिरी कराई है। इतना ही नहीं इससे जहां सरकार पर भी उंगली उठी है, तो पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को भी इस मामले को लेकर असहज स्थिति में होना पड़ा। जानकारों का कहना है सागर की लड़ाई पार्टी के दिग्गज नेताओं की बीच छिड़ी हुई है, जिन्हें केन्द्रीय नेताओं का साथ मिल रहा है। सिंधिया समर्थक गोविन्द सिंह राजपूत और पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह की प्रतिदंद्धिता उपजे विवाद को तत्कालीन प्रदेश नेतृत्व भी उस तरह से खत्म नहीं कराया पाया, जिस तरह से उनके द्वारा दूसरे क्षेत्रों के विवादों का पटाक्षेप किया गया था। जानकार इसकी वजह दिल्ली के दिग्गज नेताओं का हस्तक्षेप मान रहे थे। नए प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पहले दिन से ही साफ कर दिया है कि जो पार्टी लाइन से हटेगा, उसे किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। यही वजह है कि नए अध्यक्ष ने संभाग वार दौरे कर यह बात कार्यकर्ताओं को समझा दी है और एक तरह से अपनी ताकत का उन्हें एहसास भी करा दिया है, कि अब किसी भी तरह की गुटबाजी को प्रदेश नेतृत्व द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, फिर चाहे नेता किसी भी स्तर का और किसी भी बड़े नेता का समर्थक क्यों न हो।
हर संभाग में बन सकते हैं संगठन महामंत्री
पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्रदेश भाजपा की नई टीम के गठन के साथ ही एक बार फिर से संभागीय संगठन महामंत्री बनाने का निर्णय ले सकती है। इसके लिए संघ की विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। गौरतलब है कि पहले भी प्रत्येक संभाग में भाजपा ने एक संभागीय संगठन मंत्री बनाए थे। लेकिन बाद में इस सिस्टम को खत्म कर दिया गया था और प्रदेश में केवल एक भी संगठन महामंत्री बनाया गया।
बीना को जिला बनाने की उम्मीद
पिछले कुछ दिनों से विवाद में चल रही बीना विधायक निर्मला सप्रे को एक बार फिर से बीना को नया जिला बनाए जाने की उम्मीद हो गई है। पूर्व विधायक महेश राय से अपने विवाद पर सफाई देने पिछले दिनों भोपाल आई निर्मला ने सीएम से एक बार से बीना को जिला बनाने को लेकर जल्द फैसला लेने का आग्रह किया है। बताया गया है कि सीएम ने उन्हें जल्द ही इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि बीना को जिला बनाए जाने के रास्ते में खुरई के भाजपा कार्यकर्ता अपने विधायक भूपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में रोड़ा बने हुए है। उनके द्वारा खुरई नया जिला बनाए जाने की मांग की जा रही है, जबकि निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ इसलिए दिया था कि वीना को सागर से अलग कर नया जिला बनाया जाएगा।
हर दौरे के बाद नेतृत्व को रिपोर्ट
पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो प्रदेशाध्यक्ष खंडेलवाल अपने प्रदेश के हर दौरे के बाद कार्यकर्ताओं और नेताओं से जुड़ी रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व को भेज रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश से भी इस संबंध में चर्चा की जा रही है। कहा जा रहा है कि खंडेलवाल अपने इन दौरे के दौरान जहां अपनी भावी टीम के लिए स्वयं चेहरे तलाश कर रहे है, तो वहीं उनकी जिला संगठन की नई टीम की संभावनाओं पर भी नजर है।