‘अपनों’ को साध रहे खंडेलवाल

खंडेलवाल
  • रूठे और उपेक्षित नेताओं के साथ बढ़ाया जा रहा मेलजोल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सत्ता और संगठन में जगह नहीं मिलने से नाराज और उपेक्षित नेताओं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के अभियान में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल जुटे हुए हैं। इस क्रम में वे जिस भी जिले में दौरा करते हैं, वहां के सभी नेताओं को बुलाकर बातचीत कर रहे हैं। उनका फोकस खासकर उन नेताओं पर अधिक होता है जो कुछ समय से पार्टी में निष्क्रिय बने हुए हैं। दरअसल, मप्र भाजपा में कुछ ऐसे नेता हैं जो सत्ता और संगठन में पद और सम्मान से कोसों दूर हैं। पार्टी के भीतर उन्हें नकार दिया गया है और वे सत्ता में आने को बेताब हैं।
गौरतलब है कि पार्टी के भीतर पनपता असंतोष और घमासान लगातार राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह असंतोष विशेष रूप से उन वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं में ज्यादा गहराया है, जिन्हें न तो संगठन में उचित स्थान मिल पाया है और न ही सरकार में उन्हें सत्ता का सुख प्राप्त हुआ है। अब स्थितियां, पार्टी के लिए एक जटिल चुनौती पेश कर रही है, क्योंकि यह आंतरिक एकजुटता और भविष्य की राजनीतिक दिशा पर सवाल खड़े करती है।
तीन माह तक जिलों का दौरा करेंगे खंडेलवाल
बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का बड़े नेताओं के साथ निरंतर संवाद और कामकाज के प्रति समर्पण बना रहे, इस उद्देश्य से हेमंत खंडेलवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र बैतूल से इसकी शुरुआत कर दी है। वह आगामी तीन माह तक प्रदेश के सभी संगठनात्मक 62 जिलों का दौरा करेंगे। इससे पहले वह ग्वालियर, जबलपुर और रीवा संभाग का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर चुके हैं। खंडेलवाल ने अध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद से ही पुराने वरिष्ठ नेताओं से भी मेलजोल बढ़ाया है। वह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी और गौरीशंकर शेजवार जैसे कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर मार्गदर्शन ले चुके हैं। इस नवाचार को लेकर भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि भाजपा संपर्क और संबंधों के आधार पर परिवार भावना से संगठन चलाती है।
प्रदेशाध्यक्ष बढ़ा रहे मेलजोल
गौरतलब है कि भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के मोर्चा संभालते ही संगठन की विचारधारा से दाएं-बाएं होने वाले नेताओं को पहले ही चेतावनी दे दी गई है तो वहीं जिलों में जाकर रूठे और उपेक्षित नेताओं में जान फूंकने की कवायद खुद खंडेलवाल कर रहे हैं। वह कार्यकर्ताओं के बीच जाकर उनके साथ भोजन पर चर्चा कर रहे हैं। इस आयोजन में मंत्री, विधायक, सांसद और वरिष्ठ नेताओं का बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ मेलजोल बढ़ाया जा रहा है। इससे इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि गठित होने वाली प्रदेश व जिला कार्यकारिणी में पुराने नेताओं की मौजूदगी प्रमुखता से दिखाई दे, सकती है। वहीं डेढ़ साल बाद प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। राज्य सरकार सहकारिता चुनाव कराने की भी बात कर रही है। ऐसे में खंडेलवाल का यह नवाचार महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका फायदा पार्टी को मिलेगा। भाजपा संगठन भी पुराने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुट गया है। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल जिला और मंडल कार्यकर्ताओं के अलावा पार्टी के उपेक्षित और पुराने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे है। जामवाल, पार्टी कार्यकर्ताओं के शिकवे शिकायतें भी धैर्य के साथ सुन रहे हैं। हाल ही में जामवाल ने रायसेन और इंदौर पहुंचकर कार्यकर्ताओं की बैठकें की थीं। वैसे तो जामवालं का मुख्यालय रायपुर है, लेकिन वह संगठन को मजबूत करने की दिशा में मप्र के सभी अंचलों में का दौरा कर रहे हैं।

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