
-अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव में मप्र के कृषि मंत्री की सक्रियता रही चर्चा में
-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जाट और किसानों को साधने के लिए पार्टी खेलेगी पटेल पर दांव
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या उत्तर प्रदेश की राजनीतिक राजधानी बनती जा रही है। यानी उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की सारी राजनीतिक गतिविधियां अयोध्या से ही शुरू हो रही हैं। यूपी सरकार ने दीपावली से एक दिन पहले यानी ३ नवंबर को अयोध्या में पांचवें दिव्य दीपोत्सव का आयोजन किया। इस आयोजन में मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल की सक्रियता खूब दिखी। पटेल की सक्रियता को देखकर लोगों के मुंह से बरबस यह शब्द भी सुनने को मिल ही कमल पटेल को भगवान राम का बुलावा आया था या फिर पार्टी की जरूरत थी।
दरअसल, 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति का दबदबा है। जानकारों का कहना है कि पार्टी के रणनीतिकार कमल पटेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग और जाट समुदाय को साधने की कवायद में जुटे हुए हैं। वहीं कमल पटेल का कहना है कि यह भगवान राम का आशीर्वाद है कि मुझे दीपोत्सव में शामिल होने का मौका मिला।
उपमुख्यमंत्री के साथ पटेल की सक्रियता
यह पहला अवसर था जब अयोध्या के दीपोत्सव में मप्र के किसी मंत्री की सक्रियता दिखी। पांचवें दीपोत्सव ने जहां विश्व में कीर्तिमान हासिल किया, वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल के साथ यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की जुगलबंदी भी चर्चा में रही। साकेत कॉलेज में डॉ. शर्मा व पटेल ने ध्वज दिखाकर शोभा यात्रा को रवाना किया। राम राज्याभिषेक शोभायात्रा में लोक संस्कृति की झलक देखी गई। यात्रा में भगवान श्री राम, सीता व लक्ष्मण सहित देवी-देवताओं की झांकियां सजाई गई थीं। इसे देखने के लिए सड़कों के किनारे खड़े लोग उत्सुक नजर आए। लेकिन देश के मीडिया का पूरा फोकस कमल पटेल की सक्रियता पर था।
मंच से कई बाद गूंजा पटेल का नाम
अयोध्या में कमल पटेल की सक्रियता इस कदर दिखी की आयोजन के दौरान मंच से कई बार उनका नाम लिया गया। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कमल पटेल और मप्र के विकास का उल्लेख किया। कमल पटेल अयोध्या में न केवल भगवान राम की भव्य शोभा-यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। पटेल ने अयोध्या में श्री हनुमान लला से प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना के साथ किसानों के कल्याण की कामना की।
आध्यात्मिक राजधानी में राजनीतिक जमावट
राजनीतिक विश्लेषकों को कहना है कि किसान आंदोलन से नाराज जाट समाज को साधने के लिए भाजपा कमल पटेल को आगे ला रही है। देश की आध्यात्मिक राजधानी अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में विशेष अतिथि के कमल पटेल की उपस्थिति राजनीतिक जमावट के रूप में देखी जा रही है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय प्रवास के दौरान कमल पटेल ने उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के साथ ही अन्य नेताओं के साथ किसान आंदोलन और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर चर्चा भी की। दरअसल उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो किसान आंदोलन से नाराज किसानों और जाटों को साध सके। फिलहाल कमल पटेल इसके लिए सटीक चेहरा हैं।
125 क्विंटल अनाज से उकेरे श्री राम, सीता, हनुमानजी के चित्र
दीपोत्सव में मप्र और कमल पटेल चर्चा में इसलिए भी रहे की हरदा जिले के 60 कलाकार बच्चों की टीम ने अयोध्या के अवध इंटरनेशनल स्कूल में अपनी अनूठी कला का प्रदर्शन किया। इन बच्चों ने 125 क्विंटल अनाज से विश्व की सबसे बड़ी 10800 वर्गफुट में प्रभु राम, सीता, हनुमानजी और अन्य देवताओं की चित्रकारी की।