कमलनाथ ने सरकार पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का लगाया आरोप

कमलनाथ
  • स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के मुद्दे पर घेरा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने जिन स्वास्थ्य योजनाओं का भूमिपूजन किया था, उन्हें तीन साल में भी शुरू नहीं किया गया। इसी तरह लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते छिंदवाड़ा में पिछले 15 दिनों में छह बच्चों की मौत पर सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ईदगाह हिल्स पर रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज और सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन ऑर्थोपेडिक जैसे दो बड़े हेल्थ प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल भूमिपूजन किया था, लेकिन अब तक वो शुरू भी नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रोजेक्ट नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारंण पिछले तीन साल से लटके हुए हैं। जब सरकार को परियोजना के लिए एनओसी ही नहीं मिली थी तो उसने तत्कालीन राष्ट्रपति से इसका भूमि पूजन क्यों कराया गया। नाथ ने कहा कि सरकार नारियल फोडऩे की राजनीति कर झूठी वाह-वाही लूटती है और जनता की सुविधाओं के लिए दूर भाग रही है। इसी तरह पूर्व सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा में पिछले 15 दिनों में छह मासूम बच्चों की किडनी फेलियर से दर्दनाक मौत हो गई। जांच में सामने आया है कि इन मौतों का मुख्य कारण एक कफ सिरप हो सकता है, जिसके सेवन से बच्चों की सेहत बिगड़ी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का सबूत है।
सिंघार ने एनसीआरबी की रिपोर्ट पर जताई चिंता
इसी तरह नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर होने पर चिंता जताई है। सिंघार ने कहा है कि मध्यप्रदेश आदिवासियों के साथ अन्याय का सबसे बड़ा गवाह है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर हाल में आदिवासियों के साथ खड़ी है। इधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, जिसमें भोपाल में प्रस्तावित रीजनल इंस्टीट्?यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज तथा सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन ऑर्थोपेडिक की स्थापना में हो रही देरी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुत्र में कहा कि यह स्थिति प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और आम जनता के साथ अन्याय है। जिन अधिकारियों की लापरवाही और नियमानुसार कार्यवाही न करने के कारण यह परियोजना अब तक ठप है, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। सिंघार ने इस संबंध एक अन्य पत्र तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी भेजा गया है।
कमलनाथ ने सरकार पर लगाए आरोप
कमलनाथ ने बच्चों की मौत को लेकर प्रदेश सरकार से को निशाने पर लिया हैं। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की सरकार का ध्यान जनता की ज़िंदगी पर नहीं बल्कि ठेकेदारी और कमीशनखोरी पर है। दवाओं की खरीद से लेकर अस्पतालों की व्यवस्थाओं तक सब जगह पैसों का खेल चल रहा है। अगर समय रहते दवा को रोका जाता तो ये मौतें टल सकती थीं। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाओं की हालत इतनी खराब है कि बच्चों को सही इलाज तक नहीं मिल पाया। खून की जांच में यह बात साफ हो गई कि कोई वायरल इंफेक्शन नहीं था, बल्कि दवा की गड़बड़ी ने मासूमों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली सिर्फ छिंदवाड़ा में ही नहीं बल्कि ये पूरे प्रदेश का सच है।

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