जीत के लिए ‘मंडल’ पर… कमलदल का फोकस

  • 2024 से पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा का लिटमस टेस्ट
  • हरीश फतेहचंदानी
कमलदल

इस साल में अंत में मप्र सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। इन्हीं राज्यों के चुनाव परिणाम में लोकसभा चुनाव की झलक दिखेगी। इसलिए भाजपा ने इन चुनावों को लेकर मजबूत रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने एक ऐसी रणनीति बनाई है , जिसके तहत वह विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। इस रणनीति के तहत भाजपा का फोकस मंडल स्तर पर है। इस रणनीति के तहत देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे।
दरअसल, कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा पूरी तरह सतर्क हो गई है। इसलिए आगामी पांच राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर संयुक्त रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में   पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की अगुवाई में बीते रोज प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा, जो चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के अलावा कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
5 राज्यों के चुनाव सत्ता का सेमीफाइनल
अगले आम चुनाव से पहले 2023 भी पूरी तरह से चुनावी रंग का साल है। चुनावी समर की शुरुआत फरवरी महीने में नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के साथ हुई। अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव भी संपन्न हो गया है। इन चार राज्यों के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों ने अपना चुनावी हिसाब-किताब परख लिया है। इन दलों की अगली परीक्षा नवंबर-दिसंबर में संभावित है। तब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होंगे। इन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल भी कहा जा सकता है।  सत्ता के सेमीफाइनल को जीतने के लिए भाजपा ने अभी से पूरी तैयारी शुरू कर दी है। 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा के लिए इन पांच राज्यों के चुनाव उनकी चुनावी रणनीतियों की परख तो होंगे ही, साथ ही जनता के मूड की झलक भी देखी जा सकेगी। जानकार यह भी मानते हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक ही तराजू में नहीं तोला जा सकता है। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे अहम होते हैं, वहीं लोकसभा चुनाव में जनता राष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए वोट देती है। यह तो तय है कि सेमीफाइनल में जो जीतेगा, वह पूरे आत्मविश्वास के साथ आम चुनाव में आएगा। इन चुनावों के नतीजों से पक्ष और विपक्ष की रणनीति पर बहुत असर पड़ेगा।
मेरा बूथ सबसे मजबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जून को भोपाल आ रहे हैं। इस अवसर पर देश के चुनिंदा कार्यकर्ताओं का एक महाकुंभ भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री देश भर के इन 2500 कार्यकर्ताओं से मेरा बूथ सबसे मजबूत के संकल्प को लेकर संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ संवाद के इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कार्यकर्ता पूरे देश से चुने जाएंगे और उनके चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कार्यक्रम में भाग लेने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा 26 जून को भोपाल आ जाएंगे। कार्यकर्ता महाकुंभ का यह आयोजन भले ही भोपाल में होगा, लेकिन देश के सभी 10 लाख बूथ और 15 हजार मंडल इस कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे तथा प्रधानमंत्री अलग-अलग बूथों और मंडलों में मौजूद कार्यकर्ताओं से भी मेरा बूथ सबसे मजबूत के संकल्प को लेकर संवाद करेंगे। राजधानी में आने वाले विभिन्न प्रदेश के कार्यकर्ताओं की व्यवस्था की जबाबदारी प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा की रहेगी। शैलेन्द्र शर्मा को कार्यक्रम स्थलों पर झांकी प्रदर्शनी आदि की व्यवस्था दी गई है। पूर्व सांसद आलोक संजर को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मंच एवं पंडाल की व्यवस्था का काम सौंपा गया है। इसके अलावा अगर रोड शो के कार्यक्रम को प्रधानमंत्री की हरी झंडी मिल जाती है तो, इस कार्यक्रम को विधायक रामेश्वर शर्मा और प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा संभालेंगे। बैठक में बीएल संतोष ने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भोपाल आएंगे। वे सीएम और पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री की यात्रा और कार्यक्रमों की तैयारियों को अंतिम रूप से देखेंगे। नड्डा यहां से पीएम के साथ शहडोल भी जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी शहडोल में स्किल सेल एनीमिया, आयुष्मान भारत से संबंधित कार्यक्रमों के अलावा अति पिछड़ी अनुसूचित जाति के प्रमुखों के साथ संवाद भी करेंगे।
हर मतदाता तक पहुंचने का टारगेट
मप्र सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय पताका फहराने के लिए पार्टी ने नई रणनीति पर काम शुरु किया है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की इस रणनीति के तहत देश की प्रत्येक लोकसभा से छह-छह नेताओं का चयन किया जाएगा जो, चुनावी राज्यों में मंडल स्तर पर कमान संभालेंगे। इन नेताओं को हर मतदाता तक पहुंचना होगा और भाजपा के लिए समर्थन मांगना होगा। बैठक में संतोष ने कार्यकर्ताओं का चयन कर उन्हें चुनावी राज्यों में भेजने की बात पर जोर देते हुए इस काम को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। ये कार्यकर्ता इन राज्यों के मंडल स्तर तक पहुंच कर पार्टी के समर्थन में जनता को जोड़ने का काम करेंगे। साथ ही भाजपा सरकार की जनहितैषी कार्यों से वहां की जनता को अवगत कराएंगे। इसके साथ ही भाजपा सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क करेंगे। बैठक में प्रधानमंत्री के मध्य प्रदेश आगमन को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें पीएम मोदी के राजधानी में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए पार्टी के नेताओं की जवाबदारी सौंपी जाएगी। इसको लेकर पार्टी की अगली बैठक दो दिन बाद फिर से होगी जिसमें कार्यों का विभाजन किया जाएगा।

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