- विनोद उपाध्याय

विधानसभा चुनाव के कारण मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक और सेवा वृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना है। सह सेवावृद्धि ऐसे समय मिल सकती है, जब उनको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ठनी हुई है। इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार, बैंस की सेवा वृद्धि के दूसरे कार्यकाल का छह माह आगामी तीस नवम्बर को पूरा हो रहा है। इस दौरान विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चालू रहेगी। संभावना इस बात की है कि मतदान हो जाएगा, लेकिन मतगणना की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी।
इस दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। इसी वजह से राज्य सरकार सारी प्रक्रिया पहले पूरा करना चाह रही है। बैंस को यदि सेवावृद्धि नहीं मिलती तो तीस नवम्बर को मुख्य सचिव की पदस्थापना के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना पड़ेगी। मुख्य सचिव बैंस 1985 बैच के आईएएस अफसर हैं। इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। वे उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे, तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था। उन्हें सख्त प्रशासक माना जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके उन्होंने यह साबित भी किया है। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं। बैस का कार्यकाल दूसरी बार में 30 नवंबर 2023 तक बढ़ाया गया था। इससे पहले, नवंबर 2022 में उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था। यह अवधि 31 मई को खत्म हो गई थी। इसके बाद दोबार उनकी सेवा वृद्धि की गई थी। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसकी वजह से बैंस का कार्यकाल फिर से छह माह के लिए बढ़ाया जाना तय माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को भी सेवा वृद्धि दी गई थी। इकबाल सिंह प्रदेश के तीसरे मुख्य सचिव हैं जिन्हें एक्सटेंशन मिला है। इससे पहले प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव बीपी सिंह और एंटोनी डीसा को भी एक्सटेंशन मिला था। हालांकि बैंस ऐसे पहले सीएस हैं, जिन्हें मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सरकार की योजनाओं को मुख्य सचिव क्रियान्वित करा रहे हैं, उससे उन्हें एक बार फिर से छह माह की सेवा वृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री के साथ उनका तालमेल अच्छा है। इसी तरह मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन, बजट आवंटन के बाद विभागीय गतिविधियों की निगरानी वे ही कर रहे हैं। उनके बैच 1985 के सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कांग्रेस ने खोल रखा है मोर्चा
मुख्य सचिव के पद पर तैनात इकबाल सिंह बैंस को लेकर विपक्ष ने इन दिनों मोर्चा खोल रखा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने उन्हें रिटायरमेंट के बाद क्यों सेवा पर रखा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त किए जाने की मांग की है और इसके साथ इसके साथ ही उनकी जगह किसी अन्य अधिकारी को नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने की मांग की है। इस मांग को लेकर गोविंद सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को चि_ी भी लिख चुके हैं। उनके द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम लिखे पत्र में एक अखबार में प्रकाशित खबर का संदर्भ लेकर बताया है कि नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (एनजीटी) की बेंच द्वारा मध्य प्रदेश के सरकार के पूरे सिस्टम को ही अक्षम बताया गया है और मुख्य सचिव द्वारा बिना पढ़े शासन का यह पक्ष रखने पर 5 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। साथ ही सख्त टिप्पणी की है कि ऐसे राज्य का भगवान ही मालिक है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसे मुख्य सचिव को सेवानिवृत्ति के बाद प्रदेश सरकार की अनुकंपा पर 6-6 माह के लिए सेवा वृद्धि की गई है। क्या ऐसे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के रहते मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से संपन्न होंगे, यह यक्ष प्रश्न है?