इंटरसेप्टर वैन से लगेगी सड़क हादसों पर लगाम

इंटरसेप्टर वैन
  • पुलिस के 35 इंटरसेप्टर वैन रखेंगे वाहनों और अपराधियों पर नजर …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    मप्र में सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदेशभर में 35 इंटरसेप्टर वैन तैनात की हैं। इनसे सड़क दुर्घटनाओं और लूट जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देकर तेज गति से भागने वाले वाहनों पर पुलिस अब शिकंजा कस पाएगी। वैन में वह सब तकनीक मौजूद है, जिससे यातायात को व्यवस्थित किया जा सके और पुलिस को अपराधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
    पुलिस ने 35 इंटरसेप्टर वैन की खरीदी की है। वैन प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भेजी जा रही हैं। शुरूआत में वैन भोपाल और इंदौर सहित बड़े शहरों में भेजी गई हैं। फोकस यह भी किया गया कि वाहन उन जिलों को दिए जाएं, जहां पर यातायात का दबाव ज्यादा रहता है। पुलिस मुख्यालय का फोकस यह था कि दशहरा से पहले वाहनों को जिलों में भेज दिया जाए। अफसरों की माने तो दो-चार वाहनों को छोड़कर बाकी भेज दिए गए हैं। जिलों में उन पर काम भी शुरू हो गया है।
    अमले का दिया जा रहा प्रशिक्षण
    इंटरसेप्टर वैन में मौजूद तकनीकी चीजों की जानकारी देने के लिए अमले को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। कुछ कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षित किया गया था। अब वे वैन के साथ जिलों में जाकर प्रशिक्षित कर रहे हैं। पुलिस वैन में लगे कैमरे का उपयोग कर अपराधियों पर शिकंजा कस पाएगी। तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर भी पुलिस लगाम लगा पाएगी। अफसरों की माने तो सामान्य तौर पर सड़क हादसे अथवा किसी वारदात को अंजाम देने के बाद संबंधित वाहन तेज गति से निकल जाते थे। पुलिस के पास उन पर शिकंजा कसने की अभी तक ऐसी तकनीक नहीं थी, जो अब मिल गई है।
    तीन सेकंड में पकड़ेगी गति
    इंटरसेप्टर वैन की खासियत उसके कैमरे और उसमें लगे सेंसर हैं। महज तीन सेकंड में एक किमी की दूरी तक के वाहनों की गति को वैन में लगे तकनीकी उपकरण माप लेंगे। तेज गति से चलने वाले वाहनों के नंबर प्लेट को सुगमता से पढ़ लिया जाएगा। अफसरों का कहना है कि गाड़ी में कैमरा लगा है। कैमरा आॅन करने पर पूरा वीडियो रिकॉर्ड हो जाएगा। उस वीडियो के जरिए पुलिस को अपराधियों पर शिकंजा कसने में मदद मिल जाएगी, क्योंकि वाहन की फोटो से लेकर उसका नंबर प्लेट तक सब कैमरे में कैद हो जाएगा।
    हाईटेक स्पीड रडार बताएगा गति
    इंटरसेप्टर वाहन की नोडल एजेंसी पीएचक्यू की पीटीआरआई शाखा को बनाया गया है। वाहन में हाइटैक कैमरे लगे हैं। जो वाहन की स्पीड एक किमी पहले से भांपना शुरू कर देते हैं। वाहन जब इंटरसेप्टर से 200 मीटर की दूर पर होता है, तब तक इससे अटैच्ड कलर प्रिंटर सामने से आ रहे वाहन का कलर प्रिंट, उसकी स्पीड को नाप लेता है और साथ में चालान की कॉपी भी निकाल देता है। जब तक वाहन इंटरसेप्टर वैन के पास आता है, पुलिस सक्रिय हो जाती है और वाहन चालक को रोक लेती है। उसे चालान की राशि जमा कराने के बाद ही आगे जाने दिया जाता है। इसमें लगा हाईटेक स्पीड रडार से स्पीड की जांच की जाती है।
    इंटरसेप्टर वाहन के फायदे
    यह वाहन शहर की यातायात व्यवस्था की रीयल टाइम निगरानी करेगा। वाहन से ट्रैफिक इंजीनियरिंग और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। वाहन में एक ब्रीथ एनालाइजर भी लगा होता है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच में मददगार साबित होगा। स्पीड लेजर गन के अलावा वाहन में एक और डिवाइस भी लगी है, जिसके जरिए वाहनों में काली फिल्म की पारदर्शिता भी मापी जा सकती इंटरसेप्टर वाहन में कलर प्रिंटर लगा है, जो मौके पर साक्ष्यों की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराता है।

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