14 हजार वर्ग किमी का होगा इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन

  • मेट्रोपॉलिटन एरिया में अब शाजापुर के अलावा रतलाम, नागदा, बदनावर और मक्सी क्षेत्र होंगे शामिल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
इंदौर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी का दायरा 9989.69 से बढ़ाकर 14 हजार वर्ग किमी किया जाएगा। इसमें शाजापुर का भी बड़ा हिस्सा शामिल किया जाएगा। इसके लिए फिर से सर्वे किया जाएगा। दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में इंदौर के विकास को लेकर हुई बैठक में इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया को विस्तारित करने का निर्णय लिया गया। अब इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में इंदौर, देवास, उज्जैन, धार व शाजापुर के अलावा रतलाम, नागदा, बदनावर और मक्सी क्षेत्र शामिल होंगे।
गौरतलब है कि  पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में इंदौर, देवास, उज्जैन, धार व शाजापुर जिले शामिल थे और इसका क्षेत्रफल करीब 9500 वर्ग किलोमीटर निर्धारित था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया को लेकर फिर से सर्वे किया जाएगा। सर्वे के दौरान मेट्रोपॉलिटन एरिया के नए क्षेत्र निर्धारित होंगे। इस काम को पूरा होने में कम से कम तीन महीने लगेंगे। इसके बाद नई सर्वे रिपोर्ट नगरीय विकास एवं आवास विभाग को सौंपी जाएगी।
फिर से तैयार होगी रिपोर्ट
बता दें कि इंदौर के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया फायनल कर रिपोर्ट अनुमोदन के लिए विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भेज दी गई थी। रिपोर्ट को मंत्री विजयवर्गीय की हरी झंडी मिलते ही इंदौर के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया नोटिफाई किया जाना था, लेकिन अब फिर से रिपोर्ट तैयार होगी। अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया 75 लाख की आबादी को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा था, अब इसे 1.10 करोड़ आबादी को फोकस कर विकसित किया जाएगा। पूर्व में इंदौर के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया 9500 वर्ग किमी निर्धारित किया गया था, इसमें इंदौर, देवास, उज्जैन, धार व शाजापुर जिले शामिल थे। अब इंदौर के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया 14,000 वर्ग किमी होगा, इसमें इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, रतलाम, नागदा, बदनावर और शाजापुर-मक्सी क्षेत्र शामिल होंगे
मेट्रोपॉलिटन एक्ट नियमों में बदलाव की कवायद
नगरीय विकास एवं आवास विभाग मेट्रोपॉलिटन एक्ट के नए रूल्स (नियम) का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है। दो उच्च स्तरीय बैठकों में एक्ट के नए रूल्स के ड्राफ्ट पर हुई चर्चा में प्राप्त सुझावों के आधार पर रूल्स में संशोधन की कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द नए रूल्स फायनल हो जाएंगे। ये रूल्स पूरे प्रदेश भर के मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए लागू होंगे। अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों के अनुसार नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों की शक्तियां समान रहेंगी। इसका अर्थ है कि स्थानीय निकाय कर संग्रह, भवन निर्माण अनुमति और नियोजित क्षेत्रों से संबंधित कार्यों के लिए जिम्मेदार होंगे। मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी गैर-नियोजित क्षेत्रों में और वह भी केवल बड़ी परियोजनाओं के लिए काम करेगी। बता दे कि डॉ. मोहन यादव कैबिनेट ने गत 20 मई को एमपी मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट-2025 को मंजूरी दी थी। मप्र विधानसभा के मॉनसून सत्र में 5 अगस्त को एमपी मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बिल-2025 पारित किया गया था। मेट्रोपॉलिटन एक्ट का उद्देश्य भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के बड़े शहरों को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित करना है। इसकी शुरुआत भोपाल और इंदौर से की जा रही है।
भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में बदलाव नहीं
अधिकारियों का कहना है कि भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के आकार में बदलाव होने के आसार नहीं हैं। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) एक प्रायवेट एजेंसी के माध्यम से भोपाल के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया की रिपोर्ट तैयार करवा रहा है। रिपोर्ट जल्द फाइनल हो जाएगी। भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया करीब 9000 वर्ग किलोमीटर से अधिक हो सकता है। भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिले के ब्यावरा को शामिल किया गया है। इसे 75 लाख की संभावित आबादी के हिसाब से विकसित किया जाएगा।

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