
- दूसरे राज्यों से मिले सुझाव पर होंगे सिंहस्थ के काम
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। महाकाल की नगरी उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ में भारतीय संस्कृति का वैभव पूरी दुनिया देखेगी। इसके लिए मप्र के अलावा यूपी, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, बिहार, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों से सुझाव आए हैं। इन सुझाओं के आधार का सिंहस्थ में स्वच्छता प्रबंधन, परिवहन, निगरानी और डिजिटल एक्सपीरियंस जैसे क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि देशभर के लोगों से मिले सुझाव के आधार पर सिंहस्थ में विकास कार्यों को कराया जाए, ताकि उज्जैन में आने वाले लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि सिंहस्थ 2028 के विकास कार्यों के लिए हमें सभी का समर्थन मिल रहा है। विकास के क्रम को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सबके हितों का ध्यान रखते हुए और सभी से संवाद करते हुए राज्य सरकार लैंड पूलिंग सहित सभी प्रकार के विकास कार्यों के मार्ग पर अग्रसर हो रही है। गौरतलब है कि उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए सरकार ने स्वच्छता प्रबंधन, परिवहन, निगरानी और डिजिटल एक्सपीरियंस जैसे क्षेत्रों में उपयोग के लिए देश भर से जून में आइडिया मंगाए थे। देशभर से कुल 1726 प्रस्ताव भेजे गए, जिनमें से अलग-अलग स्तर की स्क्रूटिनी के बाद 36 फाइनल राउंड के लिए चुने गए हैं। ये राउंड आईसर भोपाल में 8-9 अक्टूबर को भोपाल में होगा।
कई राज्यों से आए सुझाव
महाकुंभ में होने वाले स्मार्ट परिवहन, स्वच्छता-स्वास्थ्य प्रबंधन, सुरक्षा, निगरानी, इमरजेंसी रिस्पॉन्स और डिजिटल एक्सपीरियंस जैसे मामलों पर आइडिया मांगे गए थे। मप्र के अलावा यूपी, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, बिहार, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों से कुल 1726 आइडिया मिले। स्क्रूटिनी में 932 चुने गए, जिनमें से 240 को प्रोटोटाइप डेवलपमेंट (कार्यशील मॉडल) में शामिल किया गया। इसके बाद फाइनल राउंड के लिए 36 आइडिया चुने गए हैं। इंडस्ट्री सेक्टर से 92, स्टार्ट अप से 303 और छात्रों से कुल 1303 आइडिया मिले। आईसर में 8-9 अक्टूबर को शिक्षा, सरकार और इंडस्ट्री के प्रतिनिधि ये मॉडल देखेंगे। सर्वश्रेष्ठ 3 टीमों को 8 लाख, 5 लाख और 3 लाख के इनाम मिलेंगे और सिंहस्थ के आयोजन में जुडऩे का मौका भी मिलेगा। एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तकनीक की मदद से सुरक्षा, सुगमता और यादगार अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा। इस हैकेथॉन से साबित होगा कि नवाचारों से परंपरा मजबूत हो सकती है और वैश्विक स्तर के समाधान भी मिलते हैं।
सबकी सहमति के आधार पर विकास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ 2028 के विकास कार्यों के लिए हमें सभी का समर्थन मिल रहा है। विकास के क्रम को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सबके हितों का ध्यान रखते हुए और सभी से संवाद करते हुए राज्य सरकार लैंड पूलिंग सहित सभी प्रकार के विकास कार्यों के मार्ग पर अग्रसर हो रही है। प्रयागराज महाकुंभ के ऐतिहासिक आयोजन में करोड़ों लोगों के आगमन, व्यवस्था और उनके सुरक्षा प्रबंधन के दृष्टिगत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थायी संरचनाओं के विकास पर बल दिया, इससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिला। उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए स्थायी निर्माण के संबंध में किसानों से संवाद जारी है, हम किसी को नाराज नहीं करना चाहते, राज्य सरकार सभी को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। विकास का क्रम निरंतर जारी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह विचार कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मीडिया से चर्चा में व्यक्त किए।
33 प्रमुख कार्यों को मंजूरी
सिंहस्थ 2028 के लिए हाल ही में 2675 करोड़ रुपए की लागत राशि से 33 प्रमुख कार्यों को मंजूरी दी गई है। उज्जैन के प्रमुख मंदिरों का भी विस्तारीकरण किया जाएगा। सिंहस्थ-2028 के लिए शिप्रा नदी पर लगभग 30 किलोमीटर लंबे सुविधायुक्त नवीन घाटों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही पुराने घाटों का उन्नयन कर 5 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की जा रही है। शिप्रा नदी पर ब्रिजों की श्रृंखलाओं का निर्माण किया जा रहा है। बहुत जल्द मेट्रो ट्रेन भी उज्जैन में आएगी। सिंहस्थ के लिए साधु-संतों की मंशानुसार कार्य हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सिंहस्थ में क्राउड मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश और उज्जैन की कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिप्रा नदी पर 77 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले 4 नए पुलों से आने वाले दिनों में मोक्षदायिनी शिप्रा मैया पुलों वाली नदी भी कहलाएंगी। यह उज्जैन की काया पलटने वाले विकास कार्य हैं जो सिंहस्थ-2028 को भव्यता प्रदान करेंगे। लगभग 135 करोड़ रुपये की लागत से उज्जैन में बन रहा संयुक्त प्रशासनिक भवन लोक-कल्याण और सुशासन का उदाहरण बनेगा। यह अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं से सुसज्जित होगा। अधिकारियों के लिए नवीन आवासीय भवन बनाए जायेंगे। सिंहस्थ-28 अंतर्गत श्री महाकालेश्वर मंदिर चौराहे से बड़ा गोपाल मंदिर तक का मार्ग 20 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। नगर निगम 12.5 करोड़ रुपए से यह मार्ग बनाएगा। इसी तरह श्री शनि मंदिर से श्री चिंतामण गणेश मंदिर तक करीब पांच किलोमीटर लंबा फोरलेन भी बनेगा। सिंहस्थ की संभागीय समिति ने इनकी अनुशंसा कर दी है।