द्वितीय अनुपूरक बजट में सरकार करने जा रही है राशि का इंतजाम

भोपाल/अर्पूव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। सरकार इन इलाकों की खराब हो चुकी सड़कों का कायाकल्प करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए शीतकालीन सत्र में लाए जा रहे द्वितीय अनुपूरक बजट में राशि का इंतजाम करने की तैयारी है। दरअसल नगरीय विकास और आवास विभाग को प्रदेश के शहरी इलाकों में खराब स्थिति में पहुंच चुकी सड़कों की मरम्मत और नई बनने वाली सड़कों के लिए करीब 843 करोड़ रुपए की जरुरत है। दरअसल प्रदेश में करीब 2850 किमी सड़कों की मरम्मत की इस समय बेहद जरुरत बताई जा रही है। इस राशि के लिए विभाग को द्वितीय अनुपूरक बजट का इंतजार बेसब्री से है। अनुपूरक बजट दिसंबर में आने की वजह से विभाग को राशि मिलने और काम शुरू होने में लगने वाले समय की वजह से माना जा रहा है की सड़कों पर काम जनवरी के दूसरे पखवाड़े तक ही शुरू हो सकेगा। फिलहाल विभाग द्वारा अनुपूरक बजट में विभाग द्वारा 770 करोड़ रुपए की डिमांड सरकार से की गई है। इसके अलावा 73 करोड़ रुपए निकाय अपनी ओर से खर्च करेंगे। ये वे सड़कें हैं जो शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के अधीन हैं। प्रदेश का दूसरा अनुपूरक बजट आने के बाद शहरी क्षेत्रों की 1100 किमी सडकों के नवीनीकरण का काम जनवरी से जून 2023 के बीच किया जाएगा, वहीं फरवरी से अक्टूबर 2023 के बीच 628 किमी सड़कों के मजबूतीकरण का काम विभाग करेगा। इस बीच सवा 11 सौ किमी सड़कों के पैचवर्क का काम भी किया जा रहा है। इसकी अपडेट रोज विभाग द्वारा जिलों और संभागों से मांगी जा रही है।
विभाग चलाएगा कायाकल्प अभियान
सडकों की मरम्मत के लिए नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा कायाकल्प अभियान शुरू किया जा चुका है। इस अभियान के तहत सड़कों का पैचवर्क, नवीनीकरण का काम किया जाना है। किए जाने वाले इस काम में 2800 किमी की सड़कों का पैचवर्क, नवीनीकरण और मजबूतीकरण किया जाएगा। विभागीय सूत्रों की माने तो प्रदेश में नगरीय क्षेत्र के तहत भोपाल में सर्वाधिक सड़के खराब हैं। भोपाल संभाग के नगरीय निकायों में 667 किमी हैं जिनके रखरखाव के लिए 193 करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके बाद इंदौर संभाग को 521 किमी सड़कों के सुधार के लिए 107 करोड़, ग्वालियर संभाग को 413 किमी सड़Þकों के लिए 148 करोड़, जबलपुर संभाग को 380 किमी सड़क सुधार के लिए 135 करोड़, उज्जैन संभाग को 319 किमी सड़क सुधारने के लिए 109 करोड़ रुपए चाहिए। इसी तरह सागर संभाग की खराब 277 किमी सड़कों के लिए 48 करोड़, रीवा संभाग की 171 किमी सड़कों के लिए 44 करोड़ और शहडोल संभाग की 106 किमी खराब सड़Þकों के पैचवर्क, नवीनीकरण, मजबूतीकरण के लिए 29 करोड़ रुपए चाहिए।
4200 किमी का रेस्टोरेशन जारी
प्रदेश में शहरी क्षेत्र की 4200 किमी सडकों का रेस्टोरेशन अभी भी किया जाना बाकी है। इसमें से 2200 किमी सड़कों को जल प्रदाय और 2000 किमी सड़क की सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदने का काम किया गया है। अमृत 1.0 और एमपी अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीयूडीसी) की परियोजनाओं में खोदी गई इन सडकों के रेस्टोरेशन को लेकर नगरीय विकास और आवास विभाग लगातार एक्टिव है। खुद प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई पूरे मामले की मानीटरिंग कर रहे हैं और प्रतिदिन होने वाले डेवलपमेंट की रिपोर्ट मंगा रहे हैं। बताया जाता है कि अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम, नगरपालिका और नगर निगम परिषदों की 6600 किमी सडक जल प्रदाय और 4700 किमी सड़क सीवरेज के चलते खोदी गई थी। इन सड़Þकों के रेस्टोरेशन को लेकर विभाग की सख्ती के बाद अब तक जलप्रदाय के लिए खोदी गई 6500 किमी सडक और सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई 3500 सड़क का रेस्टोरेशन किया गया है। अभी भी जल प्रदाय की 100 किमी और सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई 1100 किमी सड़क का रेस्टोरेशन किया जाना बाकी है। इसी तरह एमपीयूडीसी द्वारा जल प्रदाय के लिए 7800 किमी और सीवरेज के लिए 1600 किमी सड़कों की खुदाई कराई गई थी जिसमें से जल प्रदाय की 5700 किमी और सीवरेज के लिए खुदी 700 किमी सड़कों का रेस्टोरेशन हो पाया है। इस तरह एमपीयूडीसी द्वारा संचालित परियोजनाओं में 900 किमी सडकों का रेस्टोरेशन किया जाना शेष है।