
- जमीनी विवाद व अन्य वजहों से उलझे सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। करीब नौ साल से बन रहा भोपाल का मास्टर प्लान मार्च 2022 से लागू किया जा सकता है। प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 के ड्राफ्ट में विकास के बड़े-बड़े प्रस्ताव हैं। लेकिन 1996 की प्रस्तावित सड़कें आज तक आधी-अधूरी हैं। करीब 26 साल पहले राजधानी में सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट शुरू तो हुए, लेकिन जमीनी विवाद व अन्य वजहों से उलझकर रह गए हैं। इस कारण अभी तक मात्र 35 फीसदी सड़कों का ही निर्माण हो पाया है। ऐसे में नए मास्टर प्लान की उपयोगिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। भोपाल में पिछले 16 साल से मास्टर प्लान नहीं बना है। साल 2005 में जो मास्टर प्लान बना था, उसके अनुसार ही 2021 तक शहर का विकास हुआ। पिछले साल नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय ने वर्ष 2031 के हिसाब से ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजा था। इसमें डेढ़ साल में दो बार बदलाव हुए। इस बीच केंद्र ने अमृत योजना में शामिल सभी शहरों के मास्टर प्लान वर्ष 2035 के हिसाब से बनाने की गाइडलाइन दी। इस कारण एक बार फिर भोपाल के प्रस्तावित मास्टर प्लान को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन सवाल उठ रहा है कि पुराने मास्टर प्लान की सड़कों का क्या होगा।
65 फीसदी सड़कें अधर में
26 साल पहले आए मास्टर प्लान में प्रस्तावित की गई ऐसी ही कई सड़कें हैं, जो चंद किलोमीटर बनने के बाद अटक गईं। प्लान की गई सड़कों में से महज 35 फीसदी ही बन पाई हैं। 65 फीसदी सड़कें आज भी बनने का इंतजार कर रही हैं। सालों बाद भी प्रशासन इनकी बाधा दूर नहीं कर सका है। एक बार फिर इन सड़कों को लेकर कवायद तो शुरू की गई है, अब देखना यह है कि यह कवायद कागजों में दफन हो जाएगी या जमीनी स्तर पर नजर आएगी ये तो समय ही बताएगा।
आधी-अधूरी पड़ी सड़कें
मास्टर प्लान की 60 मीटर चौड़ी 66.73 किमी सड़कों का निर्माण किया जाना है। जिसमें 3.12 किमी सड़क ही बन सकी। 20.11 किमी में बाधा होने के कारण नहीं बन पा रही है। वहीं 43.4 किमी सड़कें बिना किसी बाधा के बनाई जा सकती है। प्लान की 45 मीटर चौड़ी 46.25 किमी सड़कों का निर्माण होना है। इसमें मात्र 5 किमी सड़क ही बन सकी है। 19.45 किमी में अवैध निर्माण व अन्य रूकावट होने के कारण काम अटक गया है। यहां 21.8 किमी सड़कें ऐसी हैं, जो बिना किसी बाधा के पूरी की जा सकती हैं। 30 मीटर चौड़ी 42.04 किमी सड़कों को निर्माण किया जाना है। इसमें 18.25 किमी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। 18.58 किमी सड़कों के निर्माण में दिक्कत है। करीब 5.21 किमी सड़कें ऐसी हैं, जो बिना किसी रूकावट के पूरी की जा सकती हैं। मास्टर प्लान में 24 मीटर चौड़ी 86.34 किमी चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना है। 31.27 किमी सड़कों का निर्माण कर लिया गया है। 20.25 किमी सड़कें ऐसी हैं, जो किसी न किसी वजह से अटक गई है। इसमें 34.82 किमी सड़कें ऐसी हैं, जिन पर या तो कार्य शुरू हो गया है या करने की तैयारी है।
कई अन्य प्रोजेक्ट भी अधूरे
मास्टर प्लान के कई अन्य प्रोजेक्ट भी आधे-अधूरे पड़े हुए हैं। कोलार रोड से दानिशकुंज होते हुए होशंगाबाद रोड तक मास्टर प्लान का रोड बावडिय़ा कला के पास अटक गया। ये कानूनी पेंच में है। हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग से डीआरएम आॅफिस के पास होते हुए शक्ति नगर और यहां से साकेत नगर, बरखेड़ा पठानी, बीडीए की वेदवती कॉलोनी तक सड़क निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है। इसमें एक स्कूल का निर्माण बाधा बन रहा है। दानिशकुंज से सुमित्रा परिसर के बीच केंफर्ट स्कूल होते हुए मंदाकिनी तक मास्टर प्लान रोड का निर्माण चल रहा है। तिलक नगर से दाना पानी तक मास्टर प्लान रोड भी कुछ अतिक्रमण के चलते अधूरा है।