
- मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए डीएमई की गाइडलाइन …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस बार प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ नई गाइडलाइन बनाई है।
इसके तहत एनआरआई श्रेणी में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो अभ्यर्थी मप्र के मूल निवासी कोटा के तहत आते हैं, इसके अलावा यदि कैंडिडेट ने अपना एमबीबीएस, बीडीएस मप्र के किसी संस्थान से किया है तो उन्हें भी लाभ दिया जाएगा। काउंसलिंग के प्रथम चरण में हर कोटा में मूल निवासी कैंडीडेट को प्राथमिकता दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा सबसे पहले एमडीएस (मास्टर आॅफर डेंटल साइंस) पाठ्यक्रम में प्रवेश दिए जा रहे हैं। काउंसलिंग में शामिल होने वाले कैंडिडेट की सहूलियत के लिए डीएमई ने एक पोर्टल बनाया है, जिस पर काउंसलिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। इसी के पर अपलोड गाइडलाइन के मुताबिक डीएमई द्वारा संचालित पोर्टल पर कई सारे अभ्यर्थियों द्वारा सवाल पूछे गए हैं। एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि यदि मॉप अप राउंड में सीट आवंटन होने के बाद कैंडिडेट उस सीट को छोड़ते हैं तो निजी कॉलेज के लिए जमा कराए गए दस लाख रुपए और सरकारी कॉलेज के लिए जमा कराए गए दो लाख रुपए राजसात किए जाएंगे। जो कि अभ्यर्थी को वापस नहीं होंगे। इसलिए कैंडीडेट अच्छी तरह सोच समझकर मॉप अप राउंड में निर्णय लें।
आवंटित सीट छोड़ने का नियम बना
गाइडलाइन के अनुसार यदि किसी अभ्यर्थी को पहले चरण में कोई सीट आवंटित होती है और वह उस पर प्रवेश नहीं लेना चाहता तो उसे एक निश्चित समय सीमा में त्याग पत्र देना होगा, यह समय दूसरे चरण के शुरू होने से दो दिन पहले तक रहेगा। इसके बाद यदि अभ्यर्थी आवंटित सीट से त्यागपत्र देता है तो उसे सीट लीविंग बांड की कार्रवाई से गुजरना होगा इसमें कोर्स की पूरी फीस के साथ अर्थदंड भी शामिल है। वहीं सरकारी क्षेत्र में चिकित्सकों को रिझाने के लिए सरकार ने पीजी काउंसलिंग में इन सर्विस कोटा के तहत 30 फीसदी सीटों को रिजर्व किया है। इस श्रेणी में ऐसे कैंडिडेट आवेदन कर सकते हैं, जो किसी सरकारी संस्था में बतौर डेमोंस्ट्रेटर, ट्विटर या मेडिकल ऑफिसर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। इनके लिए डीएमई ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में अलग से मेरिट लिस्ट तैयार करने की व्यवस्था की है, ताकि इनकी रिजर्व सीटों पर इन्हें पूरा मौका मिल सके। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र से दिशा निर्देश मिल गए हैं, एमडीएस काउंसलिंग का पहला चरण पूरा होते ही एमडी व एमएस कोर्स पर प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू की जाएगी। सभी निजी और सरकारी कॉलेजों के लिए सूचना भेज दी गई है।