
- 1 किलो भिंडी के रेट में मरीज के भरपूर पोषण की तैयारी
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र अजब है गजब है को अब हमीदिया अस्पताल चरितार्थ करने जा रहा है। यानी जिस राजधानी के बाजारों में इन दिनों 1 किलो भिंडी 50 रूपए किलो मिल रही है, उसी शहर के हमीदिया अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को मात्र 48 रूपए में भरपूर पोषण (सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना) देने की तैयारी की जा रही है। वह भी निजी एजेंसियों के माध्यम से। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन की इस तैयारी पर हर कोई हैरान है। आखिर इस महंगाई के दौर में कोई भी निजी एजेंसी एक मरीज को इतनी कम रकम में सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना कैसे दे पाएगी।
गौरतलब है की हमीदिया में भर्ती होने वाले मरीजों को खाना दिया जाता है। अब अस्पताल प्रबंधन मरीजों के खाने की व्यवस्था में बड़े स्तर पर बदलाव किया जा रहा है। यहां पहली बार खाने का जिम्मा निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि टेंडर इसी महीने जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, नई व्यवस्था कितनी कारगर होगी, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
विवादों के बाद बदलाव की तैयारी: दरअसल, दो महीने पहले मरीजों को इल्ली वाले आटे की रोटियां खिलाने का मामला पकड़ में आया था। जिम्मेदारों की लापरवाही और मरीजों के स्वास्थ्य से किए जा रहे खिलवाड़ का मुद्दा तूल पकडने के बाद से ही हमीदिया अस्पताल में खाने की सालों पुरानी मौजूदा व्यवस्था में सुधार की चर्चा शुरू हुई थी। तात्कालिक स्तर पर यहां आटे समेत अन्य खाद्य सामग्री सप्लाई करने वाली फर्म अपेक्स ट्रेडिंग का अनुबंध खत्म किया गया। वर्तमान में सुल्तानिया अस्पताल में सामग्री सप्लाई करने वाली फर्म को यह जिम्मा सौंपा गया है।
इस तरह की होगी नई व्यवस्था
हमीदिया के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नई व्यवस्था में खाने की पूरी व्यवस्था आउट सोर्स पर दी जाएगी। जो भी फर्म तय होगी उसे खुद सामान की खरीदी करके ना सिर्फ मरीजों के लिए खाना तैयार करना होगा, बल्कि उन तक पहुंचाना भी होगा। निगरानी प्रबंधन को करनी होगी। रसोई के लिए फर्म को हमीदिया की नई बिल्डिंग में ही स्पेस दिया जाएगा। इसके लिए ए ब्लॉक के बेसमेंट में जरूरत के मुताबिक जगह उपलब्ध कराई जा सकती है। यहां एक से दूसरे ब्लॉक में जाने के लिए सब-वे के साथ ही एफओबी और लिफ्ट की भी सुविधा है। फर्म की ओर से सप्लाई किए जाने वाले खाने की क्वालिटी चैक करने के लिए अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था करेगा। इसके लिए अस्पताल की ओर से एक कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी का जिम्मा होगा कि वह महीने में दो से तीन बार औचक निरीक्षण कर खाने की क्वालिटी देखे।