दमोह में गोपाल, मलैया से पंगा लेना भारी पड़ा प्रहलाद को

प्रहलाद पटेल

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को हाल में किए गए केन्द्रीय मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में स्वतंत्र प्रभार की जगह अधीनस्थ राज्यमंत्री बना दिया गया है। दरअसल उनको यह नुकसान इसलिए उठाना पड़ा है कि हाल ही में हुए दमोह विधानसभा के उपचुनाव में उन्होंने प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री जयंत मलैया से सीधे तौर पर पंगा लिया। यही नहीं उन्होंने दमोह में जातिवाद को भी बढ़ावा दिया। वे अपने सजातीय कांग्रेस विधायक राहुल लोधी को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिलवाकर भाजपा में लाए और कई नेताओं को दरकिनार करते हुए उन्हें दमोह से प्रत्याशी भी बनवाया। वहीं स्थानीय नेताओं में वे सामंजस्य बैठाने में पूरी तरह नाकाम रहे। उल्लेखनीय है कि पिछली बार मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने दमोह से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की थी लेकिन टिकट प्रहलाद को मिल गया था।
अब ऐसे में प्रहलाद पटेल को लगता है कि कहीं गोपाल भार्गव की दमोह में पकड़ मजबूत ना हो जाए नहीं तो अगली बार उनकी इस सीट से दावेदारी कमजोर हो जाएगी। ज्ञात हो कि उपचुनाव से पहले गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया के साथ जुगलबंदी कर दमोह में एक रैली भी की थी जिसमें उन्हें बड़ा जनसमर्थन मिला था। यही नहीं पटेल ने दमोह में उन्होंने पूर्व मंत्री मलैया को भी दरकिनार करने की कोशिश की। उनके द्वारा जिस तरह मलैया और उनके समर्थकों को अलग-थलग कर चुनाव लड़ा गया उससे भाजपा की यहां करारी हार हुई है। इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद पटेल से बेहद नाराज है। उसकी नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें केंद्रीय मंत्री स्वतंत्र प्रभार से डिमोशन करते हुए अधीनस्थ राज्य मंत्री बना दिया गया है बल्कि उन्हें अपने कामकाज में सुधार की नसीहत भी दी गई है।
बाहर का रास्ता दिखाने की थी चर्चा
उल्लेखनीय है कि जब केंद्रीय मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के लिए मशक्कत चल रही थी उस दौरान कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह के नाम भी मंत्री बनने के दावेदारों में लिए जा रहे थे। तब प्रहलाद और फग्गन में से किसी एक को मंत्रिमंडल से छुट्टी किए जाने की चर्चा थी। बता दें कि प्रहलाद पटेल मोदी मंत्रिमंडल में पहली बार शामिल हुए हैं जबकि उनके फग्गन उनके पहले कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसा माना जा रहा था कि यदि दो मंत्री बनाए जाएंगे तो इनमें से किसी एक को बाहर करना पड़ेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ लेकिन प्रहलाद का कद जरूर कम कर दिया गया है। उन्हें अब फूड प्रोसिंसग और जल शक्ति विभाग में राज्यमंत्री बना दिया गया है। वहीं दूसरी ओर  मोदी के पहले कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे बुंदेलखंड के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक को सीधे कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है।
बरमूडा पहनकर मिलने पर आए चर्चाओं में  
दमोह उपचुनाव में हार के पूरे घटनाक्रम के बाद दिल्ली में जब प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं में शामिल प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन मंत्री हितानंद को उनके द्वारा मुलाकात करने अपने सरकारी बंगले पर बुलाया गया तो वे न केवल बरमूडा पहन कर लॉन में मिले, बल्कि उनकी इस मुलाकात की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसकी वजह से वे जमकर चर्चा में बने रहे थे।
बनी लोधी बनाम अन्य की स्थिति
यही नहीं केंद्रीय मंत्री पटेल द्वारा दमोह उपचुनाव के दौरान प्रदेश के ही वरिष्ठतम नेताओं में शामिल जयंत मलैया के खिलाफ मोर्चा खोला गया। हालांकि इस मामले में पहले वे तो बाद में मलैया उन पर भारी पड़ चुके हैं। पटेल की कार्यप्रणाली और चुनावी प्रचार में खेले गए जातिगत दांव से पार्टी को बड़ा नुकसान दमोह उपुचनाव में तो उठाना पड़ा है। साथ ही जिले की राजनीति में लोधी बनाम अन्य की स्थिति बन चुकी है।

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