दो दिनी बैठक में पार्टी के कामकाज की संगठन फिर लेगा कैफियत

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भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। संघ प्रमुख की मौजूदगी में चार दिनों तक हुई मालव प्रांत की बैठक के बाद अब एक बार फिर से भाजपा की दो दिवसीय बड़ी क्लास लगाई जाने वाली है। यह बैठक 24 व 25 फरवरी को भोपाल में लगाई जा रही है। खास बात यह है कि इसमें प्रदेश के पांचों केंद्रीय मंत्रियों को भी शामिल होने के लिए बुलाया गया है। इस बैठक में कामकाज की कैफियत ली जाएगी। उधर, अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए अब संघ ने हिंदुत्व की एक छतरी के नीचे सभी जाति, भाषा और समुदाय के लोगों को लाने के प्रयासों में मातृभाषा को भी शामिल कर लिया है।
संघ उन क्षेत्रीय मातृभाषाओं को लेकर सक्रियता बढ़ाता जा रहा है, जो अंग्रेजी या अन्य किसी भाषा के चलते अपना प्रभाव खोती जा रही हैं। संघ के इस प्रयास को प्रदेश में आदिवासी समाज के बीच भाजपा की पैठ बढ़ाने से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल प्रदेश में बीते विस के आम चुनावों में भाजपा को आदिवासी बाहुल्य सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था, जिसकी वजह से भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यह बात अलग है कि संघ का कहना है कि अंग्रेजी या फिर किसी अन्य भाषा की वजह से क्षेत्रीय भाषा सिमटती जा रही हैं, विशेषकर युवाओं में अपनी मातृभाषा को लेकर दिलचस्पी समाप्त होती जा रही है। ऐसे में मातृभाषा के प्रति जागरूकता लाने की दृष्टि से संघ अलग-अलग प्रांतों में मातृभाषा समारोह आयोजित कर रहा है। सामाजिक परंपराओं और सियासी खेल में लंबे समय तक जाति, उपजाति और समाज के विभिन्न वर्गों में बंटे हिंदुओं को एकजुट करने के लिए संघ पिछले कई वर्षों से सक्रिय है। जातिगत समीकरणों पर टिकी चुनावी राजनीति को काफी हद तक समेटने के बाद संघ ने इसका दायरा आदिवासी क्षेत्रों तक भी बढ़ा दिया है। उधर, भाजपा के सारे बड़े दिग्गज नेता मिशन 2023 को ध्यान में रखकर एक बार फिर से इस दौ दिवसीय बैठक में न केवल चिंतन करेंगे, बल्कि तमाम कदमों की समीक्षा भी करेंगे। इसमें प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों, सांसद, विधायकों और प्रदेश प्रभारियों को बुलाया गया है। इस दौरान इसमें बूथ विस्तारक योजना और समर्पण निधि पर भी चर्चा की जाएगी। अभी समर्पण निधि में मुश्किल से 10 करोड़ ही जुट सके हैं, जबकि इस साल 150 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है। भाजपा की बैठक के पहले दिन राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव क्लास लेंगे। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के अलावा मंत्री, विधायक, जिला प्रभारी और जिला अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद दूसरी बैठक होगी जिसमें बूथ विस्तारक अभियान के तहत जमीनी स्तर के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा मिशन 2023 के चलते संघ-भाजपा की समन्वय बैठक से मिले फीडबैक पर बात की जाएगी। बैठक के दूसरे दिन 25 फरवरी को कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष के तहत होने वाले आयोजनों के साथ अन्य कार्यक्रमों पर चर्चा होगी। इसमें पूर्व महापौर और चुनाव हार चुके विधायकों को भी बुलाया गया है।
नई पीढ़ी को संस्कृति व परंपराओं से कराएंगे रूबरू
देश के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी और वनवासी खुद को हिंदू मानते रहे हैं, लेकिन मतांतरण की साजिशों के तहत उनके हिंदू से अलग स्वतंत्र अस्तिस्व के लिए उकसाने के मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए संघ ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्रों में लोगों को हिंदू रीति-रिवाजों से जोड़ने के साथ ही उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश तेज कर दी है। संघ ने महसूस किया कि नई पीढ़ी मातृभाषा ही नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक मेल-जोल से दूर होती जा रही है। इसे देखते हुए संघ के अनुषांगिक संगठन मातृभाषा मंच द्वारा मातृभाषा समारोह का आयोजन भोपाल के रवींद्र भवन में 26 व 27 फरवरी को करने जा रहा है।  
समाजों और बस्तियों में भी जाएंगे स्वयंसेवक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने कामों को लोगों के बीच ले जाने को उत्सुक है ताकि संघ का दायरा बढ़ाया जा सके। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने दो दिन में महाकालेश्वर व इस्कॉन मंदिर जाकर इसके संकेत दिए। वे मंगलवार को संघ कार्यालय में सिख गुरु तेग बहादुर जी के चित्र का अनावरण भी करेंगे। माना जा रहा है कि संघ विस्तार के लिए अब बस्तियों और समाजों के बीच सामाजिक और रचनात्मक कामों से पैठ बनाई जाएगी। भागवत ने रविवार और सोमवार को मालवा प्रांत के प्रचारकों की बैठक ली। सोमवार दोपहर बैठक का सिलसिला खत्म हो गया। सूत्रों का कहना है कि बैठक में मालवा प्रांत में तीन साल के संघ कार्य की समीक्षा कर अगले तीन साल के लिए लक्ष्य तय किए गए। भागवत मंगलवार दोपहर 3 बजे विद्या भारती के नए भवन विक्रमादित्य के लोकार्पण में सम्मिलित होंगे।
क्षेत्रीय मातृभाषा में हो शिक्षा  
संघ का मानना है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बढ़ते प्रभाव के चलते बच्चे अपनी मातृभाषा से दूर हो रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि प्राथमिक शिक्षा क्षेत्रीय मातृभाषा में ही दी जाए। क्षेत्रीय भाषा जैसे मराठी, तमिल, कन्नड़, बांग्ला, उड़िया, गुजराती, मलयाली, नेपाली, पंजाबी, सिंधी या मालवी, निमाड़ी, बुंदेली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं सहित अन्य में बच्चे पढ़ाई करें। संघ यह भी चाहता है कि प्राथमिक स्कूल तक की शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाए।
युवा मोर्चा ने जुटाई 72 हजार लोगों से राशि
भाजपा के लिए आजीवन सहयोग निधि अभियान जुटाने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अब तक करीब 72 हजार लोगों से मिल चुके हैं। इन सभी से 5 से 10 रुपए तक का दान लिया गया। यह जानकारी देते हुए भाजयुमो अध्यक्ष वैभव पंवार ने बताया कि प्रदेश में अभी डेढ़ दर्जन जिलों की कार्यकारिणी ही बनी है जल्दी ही बाकी जिलों की टीम घोषित कर दी जाएगी। एक दो दिन में डेढ़ दर्जन जिलों की टीम की घोषणा कर दी जाएगी। बाकी जिलों में भी कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया चल रही है। मोर्चा जल्दी ही प्रदेश में यूथ कनेक्ट कार्यक्रम भी शुरू करेगा। इसमें शहरी क्षेत्र के युवाओं को पार्टी से जोड़ने का अभियान शुरू किया जाएगा।

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