7 दिन में ‘प्रवासी’ बताएंगे… कौन जिताऊ प्रत्याशी

  • गौरव चौहान
 भाजपा संगठन

एक हफ्ते बाद भाजपा संगठन के पास मध्यप्रदेश की हर विधानसभा का वास्तविक और नया रिपोर्ट कार्ड होगा। इसके आधार पर ही पार्टी चुनाव की रणनीति के साथ ही विधानसभा के लिए अपने प्रत्याशी का चयन करेगी। यह रिपोर्ट कार्ड चार राज्यों के मौजूदा विधायकों द्वारा तैयार किया जाएगा। इसके लिए यह विधायक अपने प्रभार वाले जिलों में आज रवाना हो गए हैं। वे संबधित विधानसभा क्षेत्रों में छह दिनों तक रहने बाद अपनी रिपोर्ट के साथ 27 अगस्त को भोपाल लौटेंगे। इसमें चुनावी दृष्टि से संबंधित सभी वह जानकारी होगी, जो चुनावी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है। इन विधायकों को पार्टी द्वारा बीते रोज ही एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है। इसमें वरिष्ठ नेताओं द्वारा किन किन बिंदुओं पर जानकारी जुटाना है और उसे किस तरह से जुटाया जाए , इसके बारे में जानकारी दी गई।  
पार्टी सूत्रों के मुताबिक ये सभी विधायक कार्यकर्ता और लोगों का फीडबैक उन्हीं के शब्दों में लिखकर हाईकमान को भेजेंगे। यह विधायक खासतौर पर उन 125 सीटों पर विशेष फोकस करेंगे, जहां पर अभी भाजपा के विधायक हैं। यह बाहरी विधायक प्रभार वाले जिलों में पहुंचकर अलग-अलग लोगों से मौजूदा विधायक और पार्टी के कमजोर व मजबूत पक्ष की जानकारी जुटाएंगेे। इसमें विपक्षी पार्टी के संभावित उम्मीदवारों के बारे में भी ब्यौरा जुटाया जाएगा। बेहद अहम बात यह है कि जानकारी जुटाने के लिए जिन बिंदुओं को शामिल किया गया है, उसमें एक बिंदु मौजूदा सांसद के बारे में भी है। जिन विधायकों को इस काम का जिम्मा सौंपा गया है उसमें गुजरात के विधायक हार्दिक पटेल भी शामिल हैं। दरअसल प्रदेश में तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत के लिए पार्टी द्वारा माइक्रो स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसके तहत ही हर विधानसभा क्षेत्र में दूसरे प्रदेशों के विधायकों को भेजकर पूर रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए यह विधायक कार्यकर्ताओं से संवाद भी करेंगे। इसके बाद उनके द्वारा आम जनता से संपर्क कर यह पता लगाया जाएगा कि पार्टी की जीत के लिए उनके क्षेत्र में क्या कदम उठाएं जाने चाहिए। क्षेत्र में ऐसी क्या आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति होने से भाजपा को चुनाव में लाभ मिल सकता है। विधायक क्षेत्र के प्रबुद्धजनों से वन टू वन चर्चा भी करेंगे और उनसे मार्गदर्शन भी लेंगे। सूत्रों की मानें तो प्रत्याशियों के नाम तय करने में इन विधायकों की रिपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है।
क्या कहते हैं विधायक  
उत्तर प्रदेश की महोबा विधानसभा सीट से विधायक राकेश गोस्वामी ने बताया कि हम सभी विधायक अगले 7 दिनों तक अपने चिन्हित विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर रहेंगे। जहां पार्टी के अनुकूल वातावरण बनाने जो भी आवश्यक होगा, उसके अनुसार कदम उठाया जाएगा। क्षेत्र की जरूरतों के बारे में शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराएंगे। हम लोग लोगों से वन टू वन मुलाकात भी करेंगे। यूपी के एमएलसी जितेन्द्र सिंह सेंगर को राजगढ़ जिले की खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौपी गई हैं। उनका कहना है कि हम वहां पार्टी के पक्ष में वातावरण बनाएंगे। वहां के लोगों को बताया जाएगा कि विकास के लिए भाजपा को चुनना क्यों जरूरी हैं। झांसी सदर के विधायक रवि शर्मा का कहना है कि पार्टी हमें जो भी निर्देश देती है, उसे हम पूरा करते है। अब जो भी जिम्मेदारी दी जा रही है, उसके लिए सात दिन हमें काम करना है और अपने सुझाव शीर्ष नेतृत्व को देना है। इसी तरह से उप्र की माधोगढ़ सीट के विधायक मूलचंद निरंजन का कहना है कि संगठन को मजबूत करने बड़वारा कटनी में कार्यकर्ताओं के साथ प्लानिंग करूंगा । चुनावी जीत के लिए जो भी पाइंट हैं, उन पर अमल करेंगे। पुणे के सुनील कांबले को छिंदवाड़ा का प्रभार दिया गया है। उनका कहना है कि कार्यकर्ताओं और नागरिकों से संवाद- संपर्क कर भाजपा की जीत का मार्ग खोजने का काम किया जाएगा।
यह जुटाई जाएगी जानकारी
इस दौरान जिन बिंदुओं पर जानकारी जुटाई जाएगी , उनमें प्रमुख रूप से क्षेत्र में एंटी इनकम्बेंसी की स्थिति , उसे दूर करने करने के लिए क्या कदम उठाए जाएं,  जिताऊ चेहरा कौन हो सकता है और दावेदार कौन – कौन है। पार्टी में भितरघात की कितनी आशंका है। हारी हुई सीटों को जीतने की क्या रणनीति होनी चाहिए।  अहम बात यह है कि यह जानकारी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर जुटाई जाएगी।
कांग्रेस के गढ़ों का जिम्मा वरिष्ठों को
इस बार प्रदेश की उन सीटों पर भाजपा का विशेष फोकस बना हुआ है, जिन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीतते हैं और वे सीटें कांग्रेस का गढ़ बन चुकी हैं। यही वजह है कि ऐसी सीटों पर भाजपा द्वारा अपने वरिष्ठ विधायकों की तैनाती की गई है। यह वे विधायक हैँ जो बीते कई बार से चुनाव जीत रहे हैं। इन वरिष्ठ विधायकों से पाटी्र के बड़े नेताओं द्वारा अलग से भी चर्चा की गई है। मसलन नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह के क्षेत्र लहार में यूपी के बदलापुर क्षेत्र के विधायक रमेश चंद मिश्रा को भेजा गया है। इसी तरह छिंदवाड़ा, इंदौर की राऊ, देवास जिले के सोनकच्छ जैसे विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी वरिष्ठ  विधायकों का चयन किया गया है। इसकी वजह यह है कि वे चुनावी रणनीति में माहिर माने जाते हैं।

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