12 जिलों में बड़े महराज के नाम के पानी से लहलहाएगीं फसलें

 लहलहाएगीं फसलें
  • बांध के साथ बनाए जाएगें आधा दर्जन फीडर जलाशय  

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही ग्वालियर चंबल के बीहड़ वाले इलाकों में भी फसलें लहलहातीं नजर आएंगीं। इसके लिए श्रीमंत के स्वर्गीय पिता माधवराव सिंधिया यानि की बड़े महराज के नाम पर सिंचाई परियोजना शुरू किए जाने की तैयारी जोर -शोर से की जा रही है। इस परियोजना से इस अंचल और उसके आसपास के इलाके के एक दर्जन जिलों में सिचाई के लिए पानी दिया जाएगा। इसके लिए एक मुख्य बांध के अलावा कई फीडर जलाशय बनाकर करीब ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस सिचाई परियोजना को जल संसाधन विभाग द्वारा पहली प्राथमिकता में रखा गया है। इस परियोजना के तहत चंबल क्षेत्र की सहायक नदी कूनो पर श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई परियोजना को शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत शिवपुरी की पोहरी तहसील के ग्राम कटीला के पास मुख्य बांध बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके सहायक के रुप में राजस्थान की सीमा पर 3 फीडर जलाशय बनाने का भी प्रस्ताव है।
इन फीडर जलाशयों से बम्होरी, गुना, बदरवास, कोलारस, लुकवासा, शिवपुरी, पोहरी, रन्नौद एवं इन से जुड़े अन्य क्षेत्रों की लगभग 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। इसी तरह कटीला में बनाए जाने वाले सहयोगी बांध से  कराहल, विजयपुर, सबलगढ़, सुमावली, घाटीगांव और मोहना आदि के लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। इस अति महात्वाकांक्षी परियोजना पर करीब 5500 करोड़ की लागत संभावित है, जबकि इससे लगभग 800 गांवों के 2 लाख से अधिक परिवारों को सीधा लाभ भी मिलेगा। इनमें किसानों की फसलें जहां अधिक पैदावार देगीं,तो वहीं अरसे से पेयजल के लिए परेशान हो रहे ग्रामीण व नगरवासियों को समुचित और नियमित तौर पर पानी भी मिल सकेगा।
प्रभारी मंत्री भी लगा रहे पूरा जोर
मंत्री तुलसीराम सिलावट को श्रीमंत का सबसे खास माना जाता है। वे जल संसाधन विभाग के मंत्री भी हैं। उनके पास ही ग्वालियर जिले के प्रभार है। सिलावट द्वारा ही इस परियोजना को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया गया है। उन्होंने विभाग के अफसरों को इसे जल्द मूर्त रुप देने के लिए निर्देश दिए हुए हैं। उनके द्वारा ही इस परियोजना का नाम माधवराव सिंधिया के नाम पर करने का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है, जिस पर मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद इसका नाम सिलावट द्वारा माधवराव सिंधिया बहुउद्देशीय वृहद सिंचाई परियोजना करा दिया गया है।
सीएम रहते हैं बेहद संवेदनशील
ग्वालियर चंबल क्षेत्र में काफी अरसे से सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की जा रही है। इसे देखते हुए ही सिलावट द्वारा प्राथमिकता के साथ  इसकी कार्ययोजना बनाई गई है, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस मामले में सिलावट का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेहद संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं और वे किसानों को मजबूत बनाने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहे हैं। जहां तक बड़े महाराज साहब के नाम पर परियोजना प्रारम्भ करने की बात है तो ग्वालियर चंबल का बच्चा-बच्चा सिंधिया परिवार से दिल से जुड़ा हुआ है। इससे वहां की जनता को खुशी हुई है और शिवराज सिंह चौहान की सरकार हर प्रदेशवासी को खुश देखना चाहती है।
सूूक्ष्म पद्धति का किया जाएगा उपयोग
इसस परियोजना के तहत बनाए जाने वाले बांधो से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से खेतों तक पानी पहुंचाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसकी वजह से न केवल पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा , बल्कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी नहीं करना पड़ेगा। मुख्य बांध का जलग्रहण क्षेत्र का मप्र में आने वाला हिस्सा 2445.80 कि.मी. होगा। इस बांध में 360 एमसीएमजल भण्डारण किया जा सकेगा, जबकि तीन फीडर जलाशयों में क्रमश: 79, 89 एवं 130 एमसीएम पानी का भण्डारण किया जा सकेगा।

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