
- पदोन्नति का प्रस्ताव हुआ खारिज
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। राज्य शासन ने 1989 बैच के आईएफएस को प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर पदोन्नत करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही एक और आईएफएस के पीसीसीएफ बनने का सपना भी टूट सकता है। इसके पहले 1988 बेच के आईएफएस केरमन श्रीवास्तव का सपना टूट चुका है।
वन विभाग में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) चितरंजन त्यागी अगले महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति को देखते हुए वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने 1989 बैच को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक से प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद पर प्रमोट करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव के मुताबिक 89 बैच के एपीसीसीए विश्राम सागर शर्मा, एपीसीसीएफ भागवत सिंह, एपीसीसीएफ आलोक दास, एपीसीसीएफ एचयू खान और डॉ दिलीप कुमार को पीसीसीएफ के पद पर प्रमोट करने का प्रस्ताव था। विभाग के प्रस्ताव को राज्य शासन ने यह तर्क देते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक का कोई पद रिक्त नहीं है। महकमे में पूर्व में ऐसा होता रहा है कि एक पद खाली होने पर पूरे बैच को प्रमोट हो जाते थे। इस बार शासन ने प्रस्ताव को तत्काल खारिज कर दिया। राज्य शासन ने वन विभाग को आईना दिखाया कि जनवरी माह की रिक्त पदों की स्थिति को देखते हुए ही प्रमोट किया जाएगा. पदोन्नति का प्रस्ताव खारिज होने के चलते ग्वालियर सर्किल में पदेन वन संरक्षक के पद पर पदस्थ एपीसीसीएफ विश्राम सागर शर्मा का सेवानिवृत्त होने से पहले पीसीसीएफ बनने का सपना टूटने के आसार हैं, क्योंकि वे भी पीसीसीएफ चितरंजन त्यागी के साथ ही रिटायर हो रहे हैं। यह बात अलग है कि वन विभाग ने एपीसीसीएफ शर्मा को उपकृत करते हुए केडर में स्वीकृत पद के विरुद्ध ग्वालियर सर्किल में पदेन वन संरक्षक के पद पर पदस्थ किया ह। वरिष्ठता के आधार पर उनकी पदस्थापना कनिष्ठ पद पर की गई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शर्मा भिंड के मूल निवासी हैं और यह जिला उनके जूरिडिक्शन में आता है। अखिल भारतीय सेवा नियम के अनुसार किसी भी अफसर को उनके गृह जिले में पदस्थ नहीं किया जा सकता है।
इनका कहना
हां, 1989 बैच को पीसीसीएफ के पद पर प्रमोट करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे शासन ने खारिज कर दिया । शासन का कहना है कि पीसीसीएफ का कोई पद खाली नहीं है, इसलिए प्रमोशन नहीं दिया जा सकता।
आर के यादव, पीसीसीएफ प्रशासन-एक