सैकड़ों रुपए का फसल बीमा क्लेम बना तो खाली हाथ रहना पड़ेगा किसानों को

फसल बीमा

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। शिवराज सरकार अब बीमा राशि को लेकर बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के तहत अगर फसल बीमा एक हजार रुपए से कम का क्लेम बनता है तो किसानों को खाली हाथ ही रहना पड़ेगा। सरकार यह बदलाव अपनी होने वाली बार -बार बदनामी से बचाव के लिए करने जा रही है। दरअसल हर साल सैकड़ों किसानों को फसल बीमा के रुप में पचास से लेकर दो सौ तक का क्लेम देती हैं, जिससे सरकार की जमकर बदनामी होती है। अब किए जा रहे बदलाव के बाद इस राशि को किसानों को देने की जगह उसे अलग खाते में रखा जाएगा। इसे संचित निधि के रुप में रखा जाएगा। इस राशि का खर्च किसानों के कल्याण पर किया जाएगा। इसके लिए कृषि विभाग में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अभी तक फसल की क्षति होने पर उनको मुआवजा की भुगतान चेक के माध्यम से किया जाता था। इसमें कई बार यह राशि पचास रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक होती थी। इसको लेकर विपक्षी दल के निशाने पर सरकार तो होती ही है साथ ही किसान भी नाराज हो जाते थे। इसकी जो वजह है उसके मुताबिक फसल क्षति होने पर उसके सर्वे के आधार पर बीमा की गणना की जाती है। इसकी वजह से जब उसका क्लेम बनता है तो वह कई बार इतना कम होता है कि उसको कोई मतलब नहीं रह जाता है। इसी वजह से यह तय किया गया है कि किसान को बीमा की राशि का तभी भुगतान किया जाए जब कम से कम दावा एक हजार रुपये से अधिक का बने। इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। फिलहाल ढाई सौ रुपये से कम बीमा बनने पर भुगतान नहीं करके उस राशि का उपयोग किसान हित की योजनाओं में किया जाता है। अब इसमें वृद्धिकर उसे एक हजार रुपये किया जा रहा है। यह प्रावधान अगले फसल सीजन से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में हो रही वृद्धि
प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2018 में 35 लाख किसानों ने बीमा कराया था, जबकि  2019 में यह संख्या 37 लाख हो गई। 2020 में रिकॉर्ड 44 लाख किसानों ने बीमा कराया और अब 47 लाख किसान बीमा करा चुके हैं। 2019 में खरीफ फसलों को पहुंचे नुकसान के एवज में बीस लाख 38 हजार 982 किसानों को चार हजार 614 करोड़ रुपये का बीमा मिला था। वहीं, 2017 में 17 लाख 17 हजार किसानों को पांच हजार 300 करोड़ रुपये की बीमा राशि मिली थी। खरीफ फसल 2020 के लिए बीमा प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इस बार भी पांच हजार करोड़ रुपये का बीमा किसानों को मिलने की संभावना बनी हुई है।

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