आईएएस अफसर एक दिन के लिए बने जल संसाधन के ईएनसी

  • जारी किया अजब-गजब आदेश…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र ऐसे ही अजब गजब नहीं है। बल्कि यहां के अफसरान हैं ही ऐसे, जो अजग गजब करते रहते हैं। ताजा मामला जल संसाधन विभाग का है। विभाग ने अपने ही एक आईएएस अफसर को एक दिन के लिए ईएनसी यानि की विभाग का प्रमुख अभिंयता बना दिया है।
इसकी वजह है विभाग में इस पद के रिक्त होने के बाद किसी नए इंजिनियर को प्रभार नहीं दिया जाना। प्रधानमंत्री मोदी आज 25 दिसंबर को खजुराहो में केन-बेतवा राष्ट्रीय लिंक परियोजना का शिलान्यास करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रमुख अभियंता के दायित्व निभाने की जिम्मेदारी जल संसाधन विभाग के सचिव को सौंपी गई है। इस संबंध में बाकायदा जल संसाधन विभाग के अपर सचिव रतनलाल प्रजापति क्षरा आदेश जारी किया गया है। हालांकि जारी आदेश में किसी अधिकारी का नाम नहीं है। सिर्फ सचिव जल संसाधन विभाग लिखा गया है। जल संसाधन विभाग का यह आदेश चर्चा में है।
अभी तक किसी भी अधिकारी का तबादला, प्रभार या अतिरिक्त प्रभार से जुड़ा आदेश जारी होता है तो संबंधित अधिकारी का नाम जरुर लिखा जाता  है, लेकिन जल संसाधन विभाग के आदेश में अधिकारी का नाम न होकर सचिव पद का उल्लेख है। वर्तमान में जल संसाधन विभाग के सचिव की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जॉन किंग्सली के पास है। खास बात यह है कि केन-बेतवा परियोजना से संबंधित सभी कार्य प्रभारी प्रमुख अभियंता के रूप में संविदा पर तैनात सेवानिवृत्त अधिकारी शिरीष मिश्रा ने किए हैं। ऐसे में केन-बेतवा परियोजना से पहले प्रमुख अभियंता की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी को सौंपे जाने को लेकर विभाग में चर्चा है। विभाग द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल का पद रिक्त होने के कारण माननीय प्रधानमंत्री द्वारा केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के शिलान्यास कार्यक्रम की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए, सचिव मप्र शासन जल संसाधन विभाग को प्रमुख अभियंता के दायित्वों हेतु अधिकृत किया जाता है।
संविदा ईएनसी की नियुक्ति को न्यायालय ने ठहराया था अवैध
पिछले हफ्ते मप्र उच्च न्यायालय ने जल संसाधन विभाग द्वारा 10 महीने पहले संविदा पर नियुक्त अधिकारी शिरीष मिश्रा को मुख्य अभियंता और फिर प्रमुख अभियंता का प्रभार देने की प्रक्रिया को अवैध करार दिया है। साथ ही न्यायालय ने तत्काल प्रभारी प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा से वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारी छीनने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश के परिपालन में जल संसाधन विभाग ने प्रधानमंत्री के दौरे से पहले शिरीष मिश्रा को ईएनसी पद से हटा दिया है। हालांकि अभी आदेश सामने नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि शिरीष मिश्रा अधीक्षण यंत्री पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें अधीक्षण यंत्री के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई। विभाग के नियमित वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर शिरीष मिश्रा को प्रभारी मुख्य अभियंता (टेंडर) और प्रभारी प्रमुख अभियंता का दायित्व भी सौंप दिया गया। संविदा पर पदस्थ अधीक्षण यंत्री को प्रभारी प्रमुख अभियंता बनाने के फैसले के विरोध में विभाग के दो अधिकारी जोश सिंह कुसरे और विनोद टेकाम ने उच्च न्यायालय में अपीलीय याचिका पेश की। जिस पर न्यायालय ने पिछले हफ्ते निर्णय देते हुए मिश्रा की प्रभारी मुख्य अभियंता और प्रमुख अभियंता की नियुक्ति को गलत ठहराया था। मिश्रा ई-टेंडर घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू में दर्ज प्रकरण में सह आरोपी थे, हालांकि बाद में उनका नाम हट गया था।

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