
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहकर अपनी बात बेबाकी से रखने वाली 2009 की महिला आईएएस अफसर एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार उनके द्वारा धार्मिक स्थलों से ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने, रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मामले को लेकर अपनी राय रखते हुए धार्मिक स्थलों, खासकर मंदिरों पर लगाए गए लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सवाल उठाए हैं।
वे इन दिनों जीएडी में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर पदस्थ हें। उन्होंने एक ट्वीट का जवाब देते हुए मंदिरों से आधी रात तक बजने वाले लाउड स्पीकरों की आवाज से होने वाले असर को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मंदिरों के लाउड स्पीकरों से ध्वनि प्रदूषण से किसी को कोई असुविधा नहीं होती? मार्टिन की यह टिप्पणी उस ट्वीट पर आई, जिसमें मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर सवाल उठाया गया था। उस ट्वीट में मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने पर डीजे और नारेबाजी के बंद होने की संभावना पर चर्चा की गई थी।
मार्टिन ने स्पष्ट किया कि जिस प्रकार मस्जिदों के लाउड स्पीकरों पर सवाल उठाए जाते हैं, उसी प्रकार मंदिरों के लाउड स्पीकरों से भी ध्वनि प्रदूषण होता है, और इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। मार्टिन ने इससे पहले भी एक्स पर ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने भोपाल के चार इमली इलाके का जिक्र करते हुए कहा था कि वहां तेज आवाज में डीजे के साथ झांकियां निकाली गईं, जहां राज्य के मंत्री और पुलिस कमिश्नर रहते हैं, लेकिन इस पर कोई रोक नहीं लगाई गई। उनकी यह टिप्पणी उस घटना के बाद आई, जिसमें मध्य प्रदेश में डीजे पर नाचते हुए 13 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी।
राहुल को लेकर ट्वीट पर भी देशभर में हो चुकी है चर्चित
बीते साल अगस्त में उनका एक ट्वीट देशभर में चर्चा का विषय बना था। तब उनके द्वारा ट्वीट संसद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कथित ‘अशोभनीय व्यवहार’ को लेकर किया गया था। इसमें तब उनके द्वारा कहा गया था कि राहुल गांधी का विरोध जता रहीं महिला सांसद यह भी सोचें कि मणिपुर की महिलाओं को कैसा महसूस हुआ होगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी का इशारा स्पष्ट रूप से हिंसाग्रस्त मणिपुर में सामने आए उस वीडियो की ओर था, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाते देखा जा सकता था। आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने ट्विटर पर लिखा कि जरा सोचिए मणिपुर की महिलाओं को कैसा महसूस हुआ होगा। अपनी टिप्पणी के साथ मार्टिन ने सदन में राहुल के कथित व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र भी साझा किया था, जिस पर कई महिला सांसदों के हस्ताक्षर थे।
मोहन सरकार ने पहला निर्णय लिया था
बता दें डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद ही पहला निर्णय धार्मिक स्थलों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने वाला लिया था, जिस पर काफी राजनीतिक बहस हुई थी। मार्टिन की इस टिप्पणी से एक बार फिर इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस पर क्या कदम उठाए जाते हैं।