मैं कभी हारता नहीं, या तो जीतता हूं या सीखता हूं!

प्रवीण कक्कड़
प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर अब थम गया है, परिणाम सामने हैं और कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया पूरे जोरों पर है। जहां कुछ युवाओं को उनके मनपसंद कॉलेज और कोर्स मिल गए हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो अपनी उम्मीदों के मुताबिक सफलता न मिलने से थोड़े निराश हैं। आज हम इन्हीं युवाओं से बात करेंगे। याद रखिए, जीवन संभावनाओं से भरा है। अपनी कथित असफलता को एक अनुभव के तौर पर लें और इससे सीख कर सफलता की ओर बढ़ें। खुद से बस इतना कहें: मैं कभी हारता नहीं, या तो जीतता हूं या सीखता हूं! सवाल यह नहीं है कि आप सफल हुए या नहीं, सवाल यह है कि आप सीखकर आगे बढ़ रहे हैं या नहीं। इस साल मध्य प्रदेश में विभिन्न स्तरों की परीक्षाओं और उनके परिणामों ने हजारों छात्रों के जीवन में नए मोड़ लाए हैं। ये परिणाम सिर्फ अंकों का खेल नहीं, बल्कि अनुभव, धैर्य और दृढ़ता की परीक्षा भी हैं। याद रखिए, जीवन कभी रुकता नहीं: यदि एक दरवाजा बंद होता है, तो दूसरा हमेशा खुलता है। यदि आपका चयन इस बार नहीं भी हो पाया है, तो इसे एक रुकावट नहीं, बल्कि रणनीति को फिर से सोचने का मौका समझें। यह समय है अपनी गलतियों से सीखने का, अपनी कमजोरियों पर काम करने का, और अपनी राह को और मजबूत बनाने का। आपकी दुनिया यहां नहीं रुकेगी: बल्कि यह एक नई शुरुआत है, जहां आप और भी बेहतर होकर आगे बढ़ेंगे।
हर चुनौती में छिपा होता है एक और अवसर
दसवीं और बारहवीं की पूरक परीक्षा के रूप में लाखों छात्रों को एक और मौका दिया, यह साबित करते हुए कि एक असफलता कभी भी अंत नहीं होती। 17 जून से 5 जुलाई 2025 तक हुई इन परीक्षाओं के माध्यम से कई छात्रों ने हिम्मत नहीं हारी और अब वे इसे पास करने के बाद गर्व के साथ कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं। यह उनकी दृढ़ता और इच्छाशक्ति का प्रमाण है कि उन्होंने एक नया रास्ता बनाया। याद रखिए, जीवन कभी रुकता नहीं: यदि एक दरवाजा बंद होता है, तो दूसरा हमेशा खुलता है। छ्वश्वश्व (रूड्डद्बठ्ठह्य & ्रस्र1ड्डठ्ठष्द्गस्र) और हृश्वश्वञ्ज जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में सफल हुए छात्र काउंसलिंग के जरिए प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाकर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। यदि आप पीछे रह गए हैं, तो निराश न हों! यदि आपका चयन इस बार नहीं भी हो पाया है, तो इसे एक रुकावट नहीं, बल्कि रणनीति को फिर से सोचने का मौका समझें। एक परीक्षा में पिछडऩा आपके सपने को खत्म नहीं करता, बल्कि यह उसे और मजबूत करता है। यह आपको सिखाता है कि आपको कहां और कैसे सुधार करना है। यह समय है अपनी गलतियों से सीखने का, अपनी कमजोरियों पर काम करने का, और अपनी राह को और मजबूत बनाने का। आपकी दुनिया यहां नहीं रुकेगी: बल्कि यह एक नई शुरुआत है, जहां आप और भी बेहतर होकर आगे बढ़ेंगे। आप इससे सीख कर और भी मजबूत इरादों के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे। यह दुनिया आगे बढ़ेगी, और आप भी, नए अवसरों और बेहतर तैयारियों के साथ!
अब क्या करें- अपनी सीख को दिशा बनाएं
– आप काउंसलिंग प्रक्रिया में सतर्क रहें, समय पर सही विकल्प चुनें।
– कॉलेज का चुनाव करते समय सिर्फ रैंक या नाम न देखें, अपनी रुचि और संस्थान की विशेषज्ञता को प्राथमिकता दें।
– उच्च शिक्षा का यह नया अध्याय आपकी खुद की पहचान और आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम है। आप इसे मजबूती से उठाएं।
यदि परिणाम अपेक्षित नहीं रहा: यह हार नहीं, सीखने का मौका है!
– आप अन्य विकल्पों (डिप्लोमा, स्किल कोर्स, फॉर्म भरने के नए मौके, निजी संस्थान आदि) को तलाशें।
– अगली परीक्षा की तैयारी ठोस प्लानिंग से करें, पिछली गलती दोहराएं नहीं।
– और सबसे जरूरी — खुद पर विश्वास बनाए रखें।
प्रवेश प्रक्रिया में यह बातें ध्यान रखें
– जरूरी दस्तावेज (आधार, अंकसूची, फोटोज आदि) एक जगह व्यवस्थित रखें।
– काउंसलिंग और एडमिशन की अंतिम तिथियां नोट करें।
– मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों या काउंसलरों से बातचीत करें।
– कोर्स फीस और अन्य खर्चों के लिए बजट प्लानिंग करें।
जिंदगी में हर परिणाम एक पड़ाव है, मंजिल नहीं
जीवन की सफलता सिर्फ परीक्षा पास करने में नहीं, असफलता से दोबारा उठ खड़े होने में है। जो छात्र आज कॉलेज में दाखिला ले रहे हैं, उन्हें सजग, जिम्मेदार और केंद्रित रहना चाहिए। और जो अभी अपने लक्ष्य से दूर हैं, उन्हें यह जानना चाहिए कि हर सपना समय मांगता है- हार नहीं और जो समय देता है, वही जीत के योग्य बनता है।
(लेखक पूर्व पुलिस अधिकारी हैं)

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