उम्रदराज कांग्रेस कैसे पूरा करेगी मिशन 2023 ?

उम्रदराज कांग्रेस
  • भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में बुजुर्गों के हाथों में संगठन

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में 4 सीटों पर उपचुनाव और मिशन 2023 के लिए भाजपा ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है, वहीं कांग्रेस अभी केवल नीति निर्धारण में जुटी हुई है। इसकी एक वजह यह मानी जा रही है कि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस संगठन की कमान बुजुर्गों के हाथों में है जबकि भाजपा ने प्रदेश के बाद अब जिलों में युवा नेतृत्व दिया है। कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई जिलों के अध्यक्ष 65 से लेकर 75 साल तक की आयु वर्ग के हैं। उम्रदराज नेतृत्व के साथ ही कांग्रेस में किसी एक व्यक्ति को एक बार जिला संगठन की कमान सौंपने के बाद उसे बदलकर दूसरे क्रम के नेताओं को मौका देने की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। माना जाता है कि कांग्रेस में गुटीय संतुलन के कारण दूसरे क्रम के नेताओं को आगे लाने की दिशा में संगठन के प्रयास कामयाब नहीं हो पाते हैं। जबकि भाजपा में प्रदेश से लेकर जिलों के संगठन में युवा नेतृत्व दिया गया है। छात्र राजनीति से सक्रिय वीडी शर्मा को भाजपा ने मौका दिया और उनकी टीम में जिलों में नौजवानों को जिम्मेदारी दी गई है।

वोट बैंक साधने में दिख रही कांग्रेस में थकावट
उपचुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं। कांग्रेस की नजर आदिवासी वोट पर है तो भाजपा 27 फीसदी आरक्षण देने के जरिए ओबीसी को लुभाना चाहती है। सोशल मीडिया पर भी खासा जोर दिया जा रहा है। संगठन की मजबूती के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस सब के बीच कांग्रेस को जो कमी खल रही है वो है उसके नेताओं की उम्र। इस मामले में कांग्रेस, भाजपा से बूढ़ी दिखाई देती है। भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए उसे बूढ़ी बताया है, जिस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस की सक्रियता से भाजपा घबरा गई है इसलिए अनाप शनाप बयानबाजी कर रही है।

कांग्रेस-भाजपा में 10 साल का अंतर
वर्तमान समय में अगर कांग्रेस और भाजपा के पदाधिकारियों की अधिकतम उम्र का आंकलन किया जाए तो औसतन 10 साल का अंतर आ रहा है। यूं तो राजनीति में उम्र कोई बाधा नहीं होती, जब तक नेता को जन समर्थन मिलता रहता है वह सियासत करता है। हालांकि पिछले दिनों में यह परिपाटी बदली है। अब नेताओं की उम्र को लेकर भी सियासत होने लगी है। भाजपा में जहां चुनावों में 70 पार से नेताओं को टिकट न देने के कई मामले सामने आए वहीं पार्टी ने अपने दूसरे उम्रदराज नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेज सक्रिय राजनीति से अलग कर दिया। हालांकि कांग्रेस में भी ऐसी मांग उठती रही है लेकिन फैसला नहीं हो सका। मध्य प्रदेश में भाजपा की मौजूदा लीडरशिप कांग्रेस के मुकाबले थोड़ी युवा कही जा सकती है क्योंकि कांग्रेस के जो बड़े नेता हैं उनकी उम्र लगभग 65 से 75 साल के करीब है, जबकि भाजपा में मौजूद नेताओं की उम्र 60 से 65 साल के बीच है।  

कांग्रेस के ज्यादातर नेता उम्रदराज
मप्र कांग्रेस में जो दिग्गज नेता सक्रिय हैं उनमें लगभग सभी उम्रदराज हैं। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अजय सिंह राहुल जैसे नेताओं की उम्र 65 से 75 साल के बीच हो चुकी है। दिग्विजय सिंह 28 फरवरी 1947 को जन्मे थे जो अब 74 साल के हो चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ 75 साल के हैं उनका जन्म 18 नवंबर 1946 को हुआ था। आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया एक जून 1950 को जन्मे जो 71 साल के हैं। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी 69 वर्ष हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह राहुल का जन्म 23 सितंबर 1955 को हुआ था वे अब 66 साल के हो गए हैं। भाजपा द्वारा मप्र कांग्रेस को बूढ़ी कहे जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस की सक्रियता से भाजपा घबरा गई है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह ने कांग्रेस के नेताओं को बूढ़ा बताने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र का भी जिक्र करते हुए कहा कि मोदी भी तो 72 साल के हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जगह जगह भाजपा का विरोध हो रहा है जिससे भाजपा घबराई हुई है। भाजपा के लोग कांग्रेस की गतिविधियां और उसकी सक्रियता देखकर घबरा गए हैं इसलिए अनर्गल बातें कर रहे हैं।

भाजपा के दिग्गज 66 से कम उम्र के
अगर मप्र भाजपा के दिग्गज नेताओं की बात की जाए तो इनमें से कोई भी नेता 66 साल के पार का नहीं है। बड़े नेताओं में शुमार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमार, वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा जैसे नाम शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 62 साल के हैं उनका जन्म 5 मार्च 1959 को हुआ था। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म 12 जून 1957 को हुआ था उनकी उम्र 64 साल है। इसी तरह भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 13 मई 1956 को जन्मे थे जो अब 65 साल के हैं। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा 15 अप्रैल 1960 को जन्मे जो अब 61 साल के हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल 61 वर्ष के हैं उनका जन्म 28 जून 1960 को हुआ था। भाजपा के नेताओं की उम्र कांग्रेस के नेताओं के मुकाबले कुछ कम है, ऐसे में दोनों दलों के नेताओं की उम्र का यह अंतर दिखाता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा के मुकाबले बूढ़ी है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं की उम्र को लेकर कोई गाइडलाइन तय कर सकती है।

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