दिग्गज दरकिनार… कांग्रेस कैसे होगी धारदार

  • पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में दिखा मतभेद
  • विनोद उपाध्याय
कांग्रेस

संगठन को मजबूत करने और सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की दो दिनी बैठक पीसीसी में आयोजित की गई, लेकिन दोनों दिन पार्टी में मतभेद खुलकर देखने को मिला। दोनों दिन जहां बैठक में दिग्गजों की दूरी चर्चा का विषय बनी रही, वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की कुर्सी हटाए जाने और बैठक के बीच से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बाहर जाने का मामला गरमाए रहा। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि कांग्रेस संगठित भाजपा के कैसे मुकाबला करेगी। मप्र में कांग्रेस पार्टी की धार को तेज करने के लिए बुलाई गई नई कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया, दो दिनी कार्यकारिणी की बैठक में पहले दिन पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक की गई, लेकिन बैठक में हिस्सा लेने पार्टी के कई बड़े नेता कांग्रेस प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचे। बैठक के पहले दिन जिन प्रमुख नेताओं ने बैठक में भाग नहीं लिया, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व राज्य मंत्री गोविंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, प्रवीण पाठक, कमलेश्वर पटेल, शोभा ओझा और विधायक आरिफ मसूद शामिल थे। बैठक के पहले दिन राजनीतिक मामलों की बैठक हुई। समिति में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह भी शामिल हैं, लेकिन वे बैठक में हिस्सा लेने पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे। बड़े नेताओं के शामिल न होने से एक बार पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पहले ही खुलकर सवाल खड़े कर चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने आरोप लगाया था कि जिनके कारण पार्टी की दुर्दशा हुई, उनके इशारों पर कार्यकारिणी बनी, इस पार्टी का भगवान ही मालिक है। हालांकि, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि शादी विवाह समारोह के चलते कई नेता बैठक में शामिल नहीं हुए, वह बैठक में वीडियो कॉफ्रेंस से जुड़ेंगे।
कांग्रेस की बैठक में मतभेद
बैठक से अनुपस्थित रहने वाले नेताओं की सूची में इतने बड़े नामों के शामिल होने से पार्टी में असंतोष की चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख जीतू पटवारी ने हालांकि उमंग सिंघार की अनुपस्थिति को उनके गले में खराश के कारण बताया। बैठक के पहले दिन उनके रोने के बारे में पूछे जाने पर पटवारी ने इसे मीडिया द्वारा गढ़ी गई कहानी बताया और कहा, मैं एक योद्धा हूं। हालांकि, एक पार्टी नेता ने बताया कि बैठक में शामिल न होने वाले नेता बीजेपी सरकार की नीतियों और विफलताओं को लेकर अगले सप्ताह विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लेने के पक्ष में थे। साथ ही पार्टी ने सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त करने का फैसला किया है, ताकि आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
फरवरी-मार्च में होगा पार्टी का प्रदेश स्तरीय अधिवेशन
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि जो जिला प्रभारी बनाए जाएंगे, वे अपने प्रभार के जिले में संगठन की मजबूती के लिए बूथ से लेकर जिला स्तर के कांग्रेसजनों के साथ समन्वय बनाकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करें। आगामी फरवरी-मार्च में मप्र कांग्रेस कमेटी का एक अधिवेशन बुलाया जाएगा। यह कांग्रेस का मध्यप्रदेश का पहला अधिवेशन होगा। वहीं पटवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार, किसानों के साथ अन्याय, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, दलितों-आदिवासियों पर अत्याचार से जनता आक्रोशित हैं। हम सभी को मिलकर इस भीषण समस्याओं से जनता को न्याय दिलाने के लिए मैदानी स्तर पर काम करना होगा। कांग्रेस ग्राम पंचायत कांग्रेस और वार्ड कांग्रेस का गठन करेगी। जिसमें ग्राम पंचायत, वार्ड पंचायत, बूथ स्तर पर संगठन को कैसे मजबूत किया जाए, संगठन से लोगों को अधिक से अधिक जोडऩे के लिए किस प्रकार प्रक्रिया अपनाई जाए, नगरीय निकाय क्षेत्र में वार्ड कांग्रेस का गठन किया जाना, जिलों में सौंपे गए प्रभारियों के दायित्वों, क्रियान्वयन और प्रगति रिपोर्ट, एक माह में वार्ड कमेटी एवं ग्राम पंचायत कमेटी के गठन को लेकर जिला स्तर पर संगठनात्मक ढांचा तैयार करना आदि प्रमुख हैं। कांग्रेस के मुश्किल वक्त में जो नेता फायदा पाने के लिए भाजपा में चले गए, उन्हें अब दोबारा कांग्रेस में शामिल नहीं किया जाएगा। यह फैसला पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन लिया गया। इसकी जानकारी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाई जाएगी और संगठन को मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।
हटाई नेता प्रतिपक्ष सिंघार की कुर्सी
प्रदेश कार्य समिति की बैठक के दूसरे दिन प्रदेश के सभी जिलों से आए पदाधिकारी और नवनियुक्त कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए, लेकिन दिग्गजों की गुटबाजी थमी नहीं थी। इस दौरान बीच बैठक से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की कुर्सी हटाए जाने और बैठक के बीच से प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के बाहर जाने पर बवाल मच रहा। बैठक के पहले दिन भी दिग्विजय सिंह, कमलनाथ सहित अन्य दिग्गजों के नहीं पहुंचने पर पटवारी भावुक हो गए थे। दूसरे दिन भी कांग्रेस के दिग्गज नदारद ही नजर आए। पटवारी वरिष्ठ नेताओं के इस रवैये को लेकर खफा रहे। यही कारण रहा कि सिंघार की कुर्सी में लगी उनके नाम की चिट फाड़ दी गई और उसकी कुर्सी को भी कतार से बाहर कर दिया गया। बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के फैसलों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान पटवारी ने कहा कि हम सभी को एक साथ मिलकर काम करना है।

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