- एससीओ के मंच पर पहलगाम का जिक्र कर पीएम मोदी ने घेरा

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम
चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 25 वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कुछ देशों द्वारा इसके खुले समर्थन पर सवाल उठाया। उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ये न केवल भारत, बल्कि इंसानियत के लिए चुनौती है। पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद पर दोहरा रवैया स्वीकार्य नहीं है और सभी देशों को इसके हर रूप का विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार है, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इसके लिए बड़ी चुनौतियां हैं। भारत ने पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है, जिससे कई माताओं ने अपने बच्चे खोए और कई बच्चे अनाथ हुए। हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकियों का बहुत ही घिनौना चेहरा देखा। इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि ये हमला केवल भारत की अंतरात्मा पर ही आघात नहीं था, बल्कि ये इंसानियत में विश्वास रखने वाले हर देश, हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी और ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है?
साथ नजर आए मोदी, पुतिन और जिनपिंग
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंच से सोमवार को एक बेहद ताकतवर तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर ने एक ओर अमेरिका के मनमाने टैरिफ के रवैये को आईना दिखाया तो दूसरी ओर दुनिया को बताया कि भारत के पास डोनाल्ड ट्रंप की हर रणनीति का काट है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में ग्रुप फोटो सेशन से पहले साथ नजर आए। इस दौरान तीनों ही नेता हसंते और ठहाके लगाते नजर आए। पीएम मोदी ने पुतिन का हाथ पकड़ रखा था और जिनपिंग दोनों से बातें कर रहे थे। इस दौरान तीनों ही नेता ठहाके लगाकर हंसते दिखाई दिए। इससे पहले 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की शिखर बैठक सोमवार को तियानजिन में शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन के अन्य नेताओं के साथ समूह की भावी दिशा तय करने के लिए एक दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नेताओं का स्वागत किया। 25वें शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत रविवार रात शी जिनपिंग की ओर से आयोजित एक विशाल भोज के साथ हुई। इसमें अन्य लोगों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए।
एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन को एससीओ समूह का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन बताया गया, क्योंकि इस वर्ष इस संगठन की अध्यक्षता कर रहे चीन ने एससीओ प्लस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 20 विदेशी नेताओं और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, तियानजिन में बातचीत जारी! एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचारों का आदान-प्रदान। पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात को लेकर लिखा, राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर मुझे हमेशा खुशी होती है!
एकजुटता पर दिया जोर
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि हमें स्पष्ट रूप आतंकवाद पर कोई भी दोहरा रवैया स्वीकार्य नहीं है। हमें मिलकर आतंकवाद का हर रंग-रूप में विरोध करना होगा। ये इंसानियत के नाते हमारा दायित्व है। उन्होंने बताया कि भारत ने इस साल एससीओ-रैट्स के तहत अल-कायदा और इससे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व किया। साथ ही आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ के खिलाफ समन्वित प्रयासों का प्रस्ताव रखा, जिसे अन्य देशों का समर्थन मिला।
