
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। बीते दिनों अति वर्षा की वजह से चंबल क्षेत्र में बने बाढ़ के हालातों की वजह से हुई क्षति का आंकलन करने इन दिनों केंद्रीय दल दौरा कर रहा है, लेकिन उनके पास इस बात का कोई जबाव नहीं है कि सवा लाख रुपए से कम में आखिर पक्का मकान कैसे बन सकता है। इस पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है। इसकी वजह है राज्य सरकार के आंकलन और केंद्रीय दल के आंकलन में जमीन आसमान का अंतर होना। दरअसल ग्वालियर-चंबल अंचल में अति वर्षा की वजह से सिंध और चंबल नदी में बाढ़ आने से अंचल के आठ जिलों में भारी नुकसान हुआ है।
हालत यह हो गई कि सैकड़ों परिवारों के पास न तो घर की छत बची और न ही अन्न का दाना। राज्य सरकार ने शुरूआती नुकसान का जो आंकलन किया है उसके मुताबिक अकेले सरकारी सम्पत्ति का ही करीब पौने दो हजार करोड़ रुपये के पुल, सड़क, सरकारी भवन के साथ बिजली वितरण व्यवस्था और सिंचाई परियोजनाओं को नुकसान हुआ है। इसके अलावा इन जिलों में एक लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें नष्ट हुई हैं। इसके अलावा 58 हजार मकानों को नुकसान तो हुआ ही साथ ही गोदामों में रखा 51 करोड़ रुपये से अधिक कीमत का अनाज और उचित मूल्य की राशन दुकानों में रखा ढाई करोड़ रुपये से अधिक का राशन भी खराब हो चुका है। अब केन्द्रीय अध्ययन दल के साथ आज प्रदेश सरकार की बैठक होनी है। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हो रहे हैं। इस मामले में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में सभी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई बैठक में राज्य सरकार की ओर से बाढ़ से हुए नुकसान का प्रारंभिक जो अनुमान बताय गया है उसमें बताया गया है कि एक हजार 131 गांवों के एक लाख 13 हजार 929 बिजली उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। आठ हजार 318 बिजली के खंभे गिरने और 66 सब स्टेशन पूरी तरह से तहस-नहस हो गए। 58 हजार निजी आवास पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। सरकारी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। तीन हजार 590 पशुहानि हुई है।
कहां कितना नुकसान
शिवपुरी जिले में 764 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें 573 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 8,268आवासों को नुकसान हुआ है और 44,527 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। श्योपुर जिले में 121 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें 2,525 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 19,874 आवासों को नुकसान हुआ है और 28,290 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। इसी तरह से मुरैना जिले में 243 जिसमें 42 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 1,702 आवासों को नुकसान हुआ है और 12,466 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। भिंड जिले में 67 गांव प्रभावित हुए हैं जिसमें 04 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 2,598 आवासों को नुकसान हुआ है और 1,494 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। ग्वालियर जिले में 46 गांव प्रभावित हुए है जबकि 66 पशुओं की मौत हुई है, जबकि 2,582 आवासों को नुकसान हुआ है और 877 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। दतिया जिले के 36 गांव प्रभावित हुए है जबकि 205 पशुओं की मौत हुई है 1,676 आवासों को नुकसान हुआ है और 700 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है। गुना जिले में 1,060 गांव प्रभावित हुए हैं जबकि 68 पशुओं की मौत हुई है जबकि 10,538 आवासों को नुकसान हुआ है जबकि 2,500 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है।
अशोकनगर में 74 गांव प्रभावित हुए हैं जिनमें 53 पशुओं की मौत हुई है वहीं 4,440 आवासों को नुकसान हुआ है जबकि 5,815 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है।
इसी तरह से विदिशा जिले में 33 गांव प्रभावित हुए हैं जबकि 54 पशुओं की मौत हुई है 5,849 आवासों को नुकसान हुआ है जबकि 5,000 हेक्टेयर में फसल का नुकसान हुआ है।
गांव बसाने के लिए तलाशी जा रही ऊंचाई वाली जगह
श्योपुर बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सरोदा गांव को फिर से बसाने के लिए अब ऊंचाई वाली जगह की तलाश की जा रही है। सीप नदी किनारे बसे इस गांव में बाढ़ 111 परिवारों का सब कुछ नष्ट कर गई है। इस गांव के 80 मकान तो पूरी तरह मिट्टी में मिल गए है। इस वजह से अब ग्रामीण मौजूदा जगह पर रहने के लिए किसी भी हाल में तैयार नही हैं। उनकी इसी जिद की वजह से अब जिला प्रशासन को गांव बसाने के लिए उपयुक्त जमीन तलाशने की कवायद करनी पड़ रही है। इसके लिए अब तहसील के सभी अफसर गांव का दौरा कर रहे हैं।
राज्य आपदा कोष की यह स्थिति
बैठक में बताया गया कि राज्य आपदा राहत कोष में एक हजार 941 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। जिसमें से अब तक 565 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए 161 राहत शिविर लगाए गए थे, जिसमें 21 हजार 555 लोगों को रखा गया। दल द्वारा प्रभावित जिलों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यही नहीं राज्य सरकार से भी इस मामले में प्रतिवेदन लिया जाएगा, जिसे मदद के लिए केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा।
कहां कहां किया दौरा
केंद्रीय अध्ययन दल गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव c के नेतृत्व में आया दल दो हिस्से में बांटा गया। एक दल ने ग्वालियर के डबरा-चांदपुर, दतिया जिले के कोटरा, सुनाती, अंडोरा, खरोनाघाट का दौरा किया तो दूसरे दल ने सबलगढ़ के श्यामपुर, ओछापुरा, ढोढर, मानपुर एवं श्योपुर का निरीक्षण किया। इसी तरह से आज एक एक दल ग्वालियर से भितरवार, सिला, पलाधा, ख्यावदा, पनघटा, शिवपुरी के रायपुर, हरई, बरखेड़ी, कूपरेटा का निरीक्षण करने रवाना हुआ है, तो वहीं दूसरा दल श्योपुर के प्रेमसर, उतनवाड़ा, अलापुरा, मूंडला, आवदा एवं श्योपुर का निरीक्षण करने रवाना हुआ है।