
- संगठन में जिम्मेदारी के लिए नेता हो रहे बेकरार
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के भाजपा संगठन की गिनती देश के आदर्श संगठनों में होती आई है। लेकिन पहले प्रदेश अध्यक्ष के नाम के ऐलान टलता रहा। फिर अब जबकि अध्यक्ष घोषित हो गए तो उनकी टीम की घोषणा अटक गई। 100 दिन से अधिक का समय बीत चुके हैं लेकिन दिल्ली से हरी झंडी लेकर आ चुके खंडेलवाल अपनी मर्जी की अपनी टीम नहीं खड़ी कर पा रहे हैं। आदर्श संगठन के तौर पर गिने जाने वाले मध्य प्रदेश भाजपा के संगठन में आखिर सुई अटकी कहां है। इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं संगठन में जिम्मेदारी संभालने के लिए नेता बेकरार हो रहे हैं।
गौरतलब है कि नई जवाबदारी संभालने के बाद ही हेमंत खंडेलवाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। तब माना जा रहा था कि उन्हें नई टीम बनाने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। लेकिन अभी तक प्रदेश कार्यकारिणी के गठन का संकेत भी नहीं मिल रहा है। निगम-मंडलों में नियुक्ति के ऐलान के साथ हेमंत खंडेलवाल की नई टीम में अपना पुर्नवास देख रहे नेताओं की प्रतीक्षा कब खत्म होगी। माना जा रहा है कि निगम-मंडल से पहले पार्टी प्रदेश नेतृत्व की टीम घोषित कर दी जाएगी।
नेता कतार में हैं, कृपया प्रतीक्षा कीजिए
अब सब बदलेगा, ये प्रतीक्षा कर रहे हाशिए पर पड़े भाजपा नेताओं के सब्र का बांध टूट रहा है। इसके साथ ही निगम-मंडलों में नियुक्तियां भी लंबित है। माना जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर राज्य और केन्द्रीय नेतृत्व के बीच सहमति बन चुकी है। लेकिन प्रतीक्षारत नेताओं का इंतजार बढ़ता जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा अनुशासित और लोकतांत्रिक पार्टी है। संगठन के चरणबद्ध कार्यक्रम तय होते हैं और उसके आधार पर संगठन से जुड़े कार्य यथावत पूर्ण होते हैं। सबका समय निर्धारित है और उसी के अनुरुप प्रदेश कार्यकारिणी व अन्य घोषणाएं भी होंगी। असल में पांच साल के लंबे अंतराल के बाद भाजपा संगठन में बदलाव होने जा रहा है। जो नेता लंबे समय से पार्टी में हाशिए पर चल रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि अब उन्हें मौका मिलेगा। हालांकि इस सिलेक्शन में भी पार्टी पर्याप्त समय ले चुकी है। हेमंत खंडेलवाल को भी भाजपा अध्यक्ष बने 100 दिन से अधिक हो गए हैं। लेकिन ये भी सही है कि लंबे समय बाद भाजपा में सत्ता से संगठन तक नए हाथों में कमान है। भाजपा में सत्ता का चेहरा पूरे बीस साल बाद बदला है। इधर संगटन में भी वीडी शर्मा की पारी लंबी रही है। लिहाजा अब जो चेहरों का चुनाव होगा उनमें पार्टी के सामने एक पद के लिए भी एक अनार सौ बीमार के हालात हैं। संभव है कि ये देरी इस वजह से भी हो।
हर स्तर पर हो रही देरी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को पार्टी की कमान संभाले हुए 100 दिन बीत गए। भाजपाइयों में उनकी कार्यकारिणी गठन और पूरी रफ्तार से पारी शुरू होने का इंतजार बना हुआ है। शुरुआती दौर में खंडेलवाल ने अनुशासन के मुद्दों पर तीखे तेवर भी दिखाए। उन्होंने दो टूक शब्दों में यहां तक कहा था कि जो दायें-बायें करेगा उसे दिक्कत होगी। जिलाध्यक्षों की ताजपोशी को 9-10 महीने हो गए लेकिन अब भी दो-ढाई दर्जन जिलों को अब तक टीम नहीं मिल पाई। खासतौर पर बड़े जिलों में खींचतान की स्थिति बनी है। खंडेलवाल ने 2 जुलाई को अध्यक्ष पद संभाला था। कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे हो गए। इस दौरान उनके खाते में आई। फिलहाल कोई बड़ी उपलब्धि नहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश पदाधिकारियों सहित कार्यकारिणी के नामों पर सत्ता-संगठन के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श की कवायद हो चुकी है। केंद्रीय नेतृत्व से भी 2-3 दौर की चर्चा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि नवरात्रि पर टीम का ऐलान हो जाएगा, लेकिन अब यही बात दीपावली से जोड़ी जाने लगी है। बड़े जिलों में है खींचतान: पूर्व अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन पर्व के तहत दिसंबर-जनवरी के दौरान सभी जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी थी। खासतौर पर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और नरसिंहपुर जैसे जिलों में पदाधिकारियों के नाम पर आम सहमति नहीं बन पा रही। अभी कोई चुनाव नहीं है। इसलिए संगठन के सामने पार्टी के कार्यक्रमों और केंद्र-राज्य की योजनाओं की निचले स्तर तक ब्रांडिंग का का टारगेट प्रमुख है।
सूची हो चुकी है तैयार
जानकारी के मुताबिक टीम खंडेलवाल की सूची तैयार हो चुकी है। इस पर केन्द्रीय हाईकमान की मुहर लगते ही टीम खंडेलवाल का ऐलान किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक इस हफ्ते तक मध्य प्रदेश में भाजपा संगठन की नई टीम की घोषणा हो सकती है। जानकारी कहते हैं कि तारीख तो तय नहीं है लेकिन जो जानकारी है उसके मुताबिक भाजपा दीपावली के पहले नई टीम का ऐलान कर सकती हैं। माना जा रहा है कि इसी हफ्ते के आखिर तक टीम खंडेलवाल की घोषणा हो सकती है। सबसे बड़ा सवाल कि इस टीम में चेहरे कौन से होंगे। जिस तरह से अध्यक्ष बनते ही खंडेलवाल ने पार्टी के हाशिए पर पड़े नेताओं से मुलाकात की, उसके बाद से ही ये सुगबुगाहट थी कि भाजपा की नई टीम में इस बार पुराने चेहरे प्रमुखता से होंगे। हेमंत खंडेलवाल उसी धारा की राजनीति करते हैं जो भाजपा का मूल है, लो प्रोफाइल रहकर काम करना। उन्होंने जिस तरह से पद संभालने के बाद हाशिए पर पड़े मध्य प्रदेश के नेताओं से उनके निवास पर जाकर मुलाकात का चलन शुरू किया है। उसने लंबे समय से कतार में खड़े नेताओं को उम्मीद जगा दी है।
खंडेलवाल की राइट च्वाइस क्या होगी
सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि खंडेलवाल की राइट च्वाइस क्या होगी। टीम वीडी के करीब 16 पदाधिकारियों की भूमिका बदल चुकी है। हालांकि वीडी शर्मा ने जब 2000 में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अपनी टीम बनाई थी। तब चुनाव में तीन साल का समय था। इनमें आठ विधायक और आठ सांसद बन चुके हैं। ये तय है कि वे संगठन के पद से हटाए जाएंगे। वीडी शर्मा ने नए चेहरों पर दांव लगाया था। और ऐसा माना जा रहा है कि खंडेलवाल पुराने हाशिए पर खड़े नेताओं को फिर स्ट्रीम लाईन कर सकते हैं। चूंकि अभी मध्य प्रदेश में चुनाव दूर हैं, खंडेलवाल के लिए संगठन की मजबूती के साथ सत्ता के रहते हुए पार्टी के अनुशासन को बरकरार रखना है। भाजपा में मध्य प्रदेश के संगठन को आदर्श कहा जाता है। इसलिए चुनौती ये भी है कि पार्टी के जो कार्यक्रम हैं उनमें संगठन अग्रणी रहे।
