
- भारी बारिश व बाढ़ से धराशायी हुए पुलों का मामला
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के ग्वालियर-चंबल सूबे में अति बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति बनते ही लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली की पोल खुल गई। इस बारिश में पुराने तो ठीक नए पुल और पुलियां तक पूरी तरह से धराशायी हो गए। इन धराशायी हुए सैकड़ों छोटे व आधा दर्जन बड़े ब्रिज (पुल) की जांच उच्च स्तरीय कराने के सरकार ने आदेश दिए थे, जिनकी जांच अब तक शुरू तो नहीं हो पायी है, अलबत्ता उनसे संबंधित फाइलें जरुर गायब होने लगी हैं। शुरूआती जांच में इन सभी को लगभग क्लिनचिट दे दी गई है। इस दौरान करोड़ों की लगात से बने आधा दर्जन पुल बह गए थे। इनकी अब उच्च स्तरीय जांच शुरू होने के पहले ही दो पुलों के निर्माण की फाइल ही गायब हो चुकी है। नए सिरे से की जाने वाली जांच के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी गठित कर दी गई है। खास बात यह है कि दो माह बाद भी इन बड़े पुलों के धराशायी होने के मामले में अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि किसी ठेकेदार की इसमें कोई गलती है या नहीं है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में 3 एवं 4 अगस्त को हुई बारिश ने ऐसा कहर बरपाया था कि एक ही दिन में 37 बांधों के अलावा पीडब्ल्यूडी के पुल भी ढह गए थे। इसमें से क्षतिग्रस्त 4 पुलों के निर्माण की लागत 33.55 करोड़ रुपए थी। दतिया-सेंवढ़ा को जोड़ने वाले सिंध नदी पर 1982 में बने पुल का कोई रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है। इसी तरह से श्योपुर के गिरधरपुर- मानपुर पुल का निर्माण 1985 में हुआ था, लेकिन इसके निर्माण की फाइल भी गायब हो चुकी है।
गुणवत्ता रिपोर्ट का इंतजार
बारिश व बाढ़ में धराशायी हुए ब्रिज (पुलों) की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। किंतु तीन नदियों में अभी पानी अधिक होने की वजह से उनकी गुणवत्ता रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हो सकी है। यही वजह है कि अब तक केवल दो पुलों की रिपोर्ट ही तैयार हो सकी है। इस रिपोर्ट के मिलने के बाद ही यह तय होगा कि इसके लिए ठेकेदार या इंजीनियर किसकी गलती है।
प्रारंभिक जांच में बताया आपदा को जिम्मेदार
इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधीक्षण यंत्री (सेतु) एमपी सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। इस समिति ने करीब एक माह पहले अपनी रिपोर्ट प्रभारी मुख्य अभियंता (सेतु) संजय खांडे को सौंप दी थी। खांडे ने उक्त रिपोर्ट शासन को भेज दी है। लेकिन अभी तक इस मामले में शासन ने किसी भी दोषी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है। सूत्रों की माने तो प्रारंभिक रिपोर्ट में पुलों बह जाने को प्राकृतिक आपदा के लिए जिम्मेदार बताया गया है।