
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
भाजपा को भले ही हिन्दूवादी राजनैतिक दल माना जाता है , लेकिन वास्तविकता में सरकार द्वारा संचालित कई योजनाएं ऐसी हैं , जिनमें अल्पसंख्यक वर्ग को जमकर लाभ दिया गया है। ऐसा नहीं है कि ऐसा किसी एक राज्य में किया गया है , बल्कि इसमें भाजपा के गढ़ बन चुके गई राज्य शामिल हैं। अगर शीर्ष दस प्रदेशों की बात की जाए तो इस मामले में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश का भी नाम शामिल हैं। खास बात यह है कि इस मामले में तो उप्र पहले और मप्र पांचवें स्थान पर है। यह आंकड़े उन आरोपों को पूरी तरह से झुठलाते हैं , जिनमें कहा जाता है कि देश में भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों की कथित अनदेखी और अपेक्षा की जाती है। यही नहीं आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के शासन वाले अन्य राज्यों का प्रदर्शन भी गैर भाजपा शासित राज्यों से या तो बेहतर है या बराबर है।
किस राज्य में कितने आवास
योगी आदित्यनाथ के शासन वाले उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा अथवा उसकी गठबंधन सरकार वाले महाराष्ट्र (131,296), मध्य प्रदेश (105354) और कर्नाटक (74305) भी अल्पसंख्यकों को सबसे अधिक घर देने वाले शीर्ष दस राज्यों में शामिल हैं, जबकि गुजरात भी दसवें स्थान पर मौजूद झारखंड के लगभग बराबर की स्थिति में है। शीर्ष दस राज्यों में आंध्र प्रदेश, बंगाल, तमिलनाडु, केरल भी शामिल हैं, जहां इस योजना ने रफ्तार पकड़ी है। हेमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाले असम में सबसे अधिक 45,183 है। मोदी सरकार ने सभी के लिए आवास मिशन के तहत 2015 में अल्पसंख्यकों समेत सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के आवास देने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। यह मांग आधारित योजना है, जिसके लिए राज्य लाभार्थियों की पहचान करते हैं। आश्चर्यजनक रूप से मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी आबादी वाले तेलंगाना में अब तक केवल 8,914 अल्पसंख्यक लाभार्थियों के लिए पीएम आवास स्वीकृत किया गया है।
उप्र में 23% की हिस्सेदारी
देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में इस योजना की साल दर साल की प्रगति भाजपा सरकार के सबका साथ, सबका विकास के दावे को मजबूती देता दिखता है। इस मामले में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को लेकर शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए 3,48,884 आवास स्वीकृत किए गए हैं। यह इसी अवधि में अल्पसंख्यकों के लिए मंजूर किए गए कुल 15,38549 आवासों का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है। यह इस लिहाज से और अधिक अहम है, क्योंकि पिछले पांच सालों में शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत जितने मकान आवंटित किए गए हैं, उनमें अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी लगभग दस प्रतिशत रही है।