उद्यानिकी अफसरों ने विदेशी प्रतिनिधियों के सामने करवा दी थू-थू

उद्यानिकी अफसरों
  • दिग्गजों के सामने नहीं दे पाए किसानों के सवालों के जवाब  …

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अफसर विदेशी प्रतिनिधियों के सामने सरकार व शासन की नाक कटवाने में भी पीछे नहीं रहे। इसकी वजह से प्रदेश की जमकर थू -थू हुई। यह किरकिरी हुई है इंटरनेशनल टामेटो कॉन्क्लेव-2022 में।
दरअसल इस आयोजन में नीदरलैंड के राजनयिक मार्टिन वान डेनबर्ग समेत कई विदेशी प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इसके बाद भी विभाग के विशेषज्ञों से लेकर अफसर तक बगैर किसी तैयारी के शामिल होने पहुंच गए थे। आयोजन में सवाल जवाब के सत्र के दौरान जब किसानों ने टमाटर की खेती, किस्मों, प्रसंस्करण इकाइयों के बारे में सवाल करना शुरू किया तो जिन लोगों को बतौर विशेषज्ञ बुलाया गया था, वे  उनके सही उत्तर ही नहीं दे पा रहे थे। जिसकी वजह से किसान संतुष्ट  ही नहीं हो पा रहे थे, वहीं विदेशी मेहमान भी भौँचक रहे गए। जब हद हो गई तो पहले तकनीकी सत्र में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह को खुद ही माइक संभाल कर  विशेषज्ञों से यहां तक कहना पड़ गया की वे गोलमोल बात न करें, बल्कि विधिवत बताएं कि टमाटर की कौन सी उन्नत किस्में हैं। किन्हें लगाने से लागत घटेगी। कौन सी किस्म में कीड़े नहीं लगेंगे। इसके बाद मंच पर मौजूद विशेषज्ञ इधर -उधर होने लगे।
आयुक्त की फटकार के बाद भी हालात नहीं सुधरे तो एक बार फिर आयुक्त को माइक से यहां तक कहना पड़ा की जो विषय में पकड़ रखता हो और जानता हो, वही बोले। विशेषज्ञों की ओर से जो उत्तर दिए गए, उनसे वे खुद संतुष्ट नहीं हैं तो किसान कैसे होंगे। गुस्से में आयुक्त ने किसानों से यहां तक कह दिया की वे ज्यादा से ज्यादा प्रश्न करें और तब तक करें तब सही जवाब न मिल जाए।
उद्घाटन सत्र में भी रही अव्यवस्था
उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सीएम शिवराज सिंह, उद्यानिकी राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह का वर्चुअल उद्बोधन में शामिल होने का कार्यक्रम पहले से तय होने के बाद भी उनका सही तरीके से शेडयूल तक तैयार नही किया गया था, जिसकी वजह से उनका शेड्यूल भी गड़बड़ा गया। दरअसल इन तीनों ही नेताओं को अलग-अलग जगह से जुड़ना था। हद तो यह हो गई की यह भी तय नहीं था की कौन-किसके बाद बोलेगा।  जब कार्यक्रम में इस तरह की गड़बड़ी हो रही थी तब कार्यक्रम में एमपी एग्रो चेयरमैन एंदल सिंह कंसाना, कृषि काउंसलर मिशेल वान एर्कल, कृषि विवि ग्वालियर के कुलपति प्रो. कोटेश्वर राव के अलावा निर्यातक भी मौजूद थे।
फसलों के उत्पादन में मप्र अग्रणी: सीएम
वर्चुअल संबोधन में सीएम शिवराज ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद योजना में 11 जिलों को टमाटर उत्पादन के लिए चुना है। प्रदेश में 11 विविध कृषि जलवायु क्षेत्र हैं। राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न फसलों के उत्पादन में मप्र अग्रणी है। अपना उदाहरण देते हुए बताया कि 9 एकड़ में 766 टन टमाटर की पैदावार ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के विस्तार के लिए केन्द्र शासन द्वारा संचालित योजनाओं के साथ फल, पौध-रोपण, व्यावसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती को प्रोत्साहन, उद्यानिकी के विकास के लिए यंत्रीकरण को प्रोत्साहन, मसाला क्षेत्र विस्तार, खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों के विकास, मुख्यमंत्री बागवानी तथा खाद्य प्र-संस्करण और उद्यानिकी फसलों के लिए कोल्ड स्टोरेज अधो-संरचना विकास के लिए योजनाएँ चलाई जा रही हैं।  प्रदेश में कृषि उत्पादन की लागत घटाने, कृषक को उपज का उचित मूल्य दिलाने, बेहतर बाजार व्यवस्था स्थापित करने और प्राकृतिक आपदा में कृषक को पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराकर खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रभावी कार्य जारी हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए उत्पादन से लेकर बाजार तक की व्यवस्था बनानी होगी।  

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