माननीयों को सिखाया जाएगा ‘बोलने’ का गुर

भाजपा
  • नेताओं की विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा की रणनीति

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। देश की सबसे अनुशासित पार्टी में शुमार भाजपा के कुछ नेता इस समय बेलगाम हो गए हैं। इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसको देखते हुए भाजपा आलाकमान ने मप्र के माननीयों यानी सांसद और विधायकों को ‘बोलने’ का गुर सिखाने का निर्णय लिया है। पचमढ़ी में 14 से 16 जून तक भाजपा के विधायकों-सांसदों का ट्रेनिंग कैंप आयोजित होगा। इस ट्रेनिंग कैंप में मप्र भाजपा के सभी विधायक, मंत्री और लोकसभा, राज्यसभा के सांसद शामिल होंगे। उद्घाटन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आयेंगे। वहीं, समापन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।  दरअसल मप्र भाजपा अपने नेताओं की विवादास्पद बयानबाजी से हो रही किरकिरी से परेशान है। सांसदों और विधायकों के सार्वजनिक बयानों से सरकार और पार्टी की छवि धूमिल होने के चलते भाजपा अब उन्हें बोलने का प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है। पार्टी संगठन स्तर पर इस दिशा में मंथन चल रहा है। भाजपा पहले भी विधायकों को विधानसभा सत्रों और बैठकों में विवादित बयानों से बचने की नसीहत देती रही है, लेकिन हाल के विवादों ने प्रशिक्षण की जरूरत को उजागर किया है। हाल ही में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने महू में एक सभा में सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने हिंदुओं को नंगा कर मारा, तो पीएम मोदी ने उनकी बहन को भेजकर बदला लिया। इस बयान ने पार्टी को असहज कर दिया।
प्रशिक्षण से अनुशासन की उम्मीद
भाजपा का मानना है कि प्रशिक्षण से सांसद-विधायक सार्वजनिक मंचों पर संयमित और जिम्मेदार बयानबाजी करेंगे। पार्टी चाहती है कि नेता विपक्ष को घेरें और सरकार की उपलब्धियों को मजबूती से रखें, न कि अपनी ही सरकार पर सवाल उठाएं। इस कदम से पार्टी अपनी छवि को और मजबूत करने की कोशिश में है। प्रशिक्षण का माड्यूल बनाया जा रहा है। शिविर में भाजपा के सांसद, विधायक और मंत्री भी शामिल होंगे। भाजपा के प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधानसभा क्षेत्र, संसदीय क्षेत्र में चल रहीं राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। किस क्षेत्र में कौन सी योजना बेहतर ढंग से संचालित हो रही, इस पर भी प्रशिक्षण में चर्चा होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में हर दिन 4 विषय विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा। विशेषज्ञ सांसद, विधायकों को बताएंगे कि वे अपने क्षेत्र में संचालित योजनाओं के बारे में जनता को बताएं, जिससे आम जनता भी इन योजनाओं से जुडकऱ फायदा ले सके। केंद्र सरकार की नल-जल योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रदेश सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित अन्य योजनाओं को लेकर भी प्रशिक्षण में चर्चा होगी। भाजपा विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद नवनिर्वाचित विधायक, सांसदों को 5 साल में एक बार प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम आयोजित करती है। यह प्रशिक्षण कैंप इस बार साल की शुरुआत में होना था, लेकिन संगठन चुनाव और अन्य गतिविधियों के चलते प्रशिक्षण कार्यक्रम टलता गया। भाजपा को उम्मीद है कि प्रशिक्षण से सांसद, विधायक सार्वजनिक मंचों पर संयमित और जिम्मेदारी से बयानबाजी करेंगे। पार्टी चाहती है कि नेता विपक्ष को घेरें और सरकार की उपलब्धियों को मजबूती से जनता के सामने रखें, न कि अपनी ही सरकार पर सवाल उठाएं।
…ताकि भविष्य में विवादित बयान न दें
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश भाजपा नेताओं की बयानबाजी से शीर्ष नेतृत्व नाराज है। नेताओं को विवादित बयानों से बचने की नसीहत दी जा रही है। तिरंगा यात्रा में नेताओं को मीडिया के सामने किसी भी प्रकार का बयान नहीं देने के निर्देश दिए गए है। अब नेताओं को सार्वजनिक मंच पर बोलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता तक विवादित बयानबाजी कर रहे है। इससे प्रदेश भाजपा की छवि धूमिल हो रही है। इसको देखते हुए प्रदेश में भाजपा नेताओं को प्रशिक्षण की जरूरत हो गई। पिछले दिनों जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया था। इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते विधायक नरेंद्र प्रजापति के बयानों से भी विवाद बढ़ा।  विधायक चिंतामणि मालवीय ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में  किसानों की जमीन अधिग्रहण पर अपनी ही सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने 2024 में बेटे के  मारपीट मामले में भोपाल के शाहपुरा थाने में हंगामा कर दिया था। हाल ही में ग्वालियर के एक होटल में उनके हंगामे का वीडियो वायरल हो गया था।  मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक कार्यक्रम में आवेदन लेकर आने वाली जनता को भिखारी कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। वन विभाग छिनने से नाराज नागर सिंह चौहान ने अपनी सरकार और पार्टी को खुली चुनौती दे दी थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  वीडी शर्मा का कहना है कि सांसद, विधायकों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और संगठनात्मक कार्यक्रमों के अलावा आम जनता से किस तरह से बेहतर संवाद से जुड़े जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अगर कोई योजना किसी क्षेत्र में प्रभावी ढंग से संचालित हो रही है, तो उसको दूसरे क्षेत्रों में भी उसी ढंग से संचालित करने की योजना पर चर्चा होगी।

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