होम-स्टे बन रहा है… अतिथि देवो भव:

अतिथि देवो भव:

– मप्र सरकार का ग्रामीण पर्यटन पर फोकस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।  मप्र सरकार का फोकस ग्रामीण पर्यटन पर है। आज प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भरता और आत्म गौरव का प्रभावी माध्यम बन रहा है। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार होम स्टे को प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश के 121 गांवों का चयन कर 241 होम-स्टे तैयार किए गए हैं। सरकार ने 1000 का लक्ष्य तय किया है। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में विकसित हो रहे होम-स्टे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के अतिथि देवो भव: के भाव को चरितार्थ करने का माध्यम बन रहे हैं।। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित ग्रामीण रंग, पर्यटन संग राज्य स्तरीय उत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होम-स्टे निर्माण में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाले नर्मदापुरम, आगर, छतरपुर, निवाड़ी, मुरैना, सीहोर, सीधी और पन्नासहित 10 जिला कलेक्टरों को समानित किया। जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने में सहयोग प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की 16 ग्राम पंचायतों के सरपंच और डीएटीसीसी सहित संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर समानित किया। सीएम ने छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों के होम स्टे संचालकों से संवाद किया। मप्र टूरिज्म बोर्ड के रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के लिए डेडिकेटेड माइक्रो वेबसाइट लॉन्च की। विभिन्न गांवों में निर्मित 241 होम स्टे का वर्चुअल लोकार्पण किया।
पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि मध्यप्रदेश के प्रति पर्यटकों का रुझान बढ़ा है। पिछले साल 13.41 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्रामों को चिह्नित किया गया है। इनमें पन्ना जिले के ग्राम मडला, निवाड़ी के लाड़पुरा खास और सीधी जिले के ग्राम खास को भी समानित किया गया है। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हर सेक्टर की विशेषताओं को देखते हुए नागरिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आयोजन को पर्यटन विभाग के पीएस शिव शेखर शुक्ला ने भी संबोधित किया। सिग्निफाइंग और टूरिज्म बोर्ड के बीच 61 गांवों में एलईडी एवं सोलर लाइट्स लगाने के लिए एमओयू किया गया। स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी और टूरिज्म बोर्ड के बीच फिल्म निर्माण एवं डिजिटल प्रमोशन के लिए एमओयू और एमपी टूरिज्म बोर्ड एवं एमपीएसईडीसी के बीच एमओयू किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही उत्तराखंड की तर्ज पर स्टेट टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस शुरू की जाएगी। प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए वेलनेस सुविधाएं बढ़ाने के लिए समिट की है।
पर्यटकों की संख्या में हुई 526त्न की वृद्धि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2020 की तुलना में 2024 में 526 प्रतिशत अधिक पर्यटक आए। ओरछा, खजुराहो के अलावा प्रदेश में कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ आने वालों की संख्या बढ़ी है। देश के 5 सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यानों में यह तीनों स्थान शामिल हैं। देश के राष्ट्रीय उद्यानों में कान्हा को शीर्ष स्थान मिला है। दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर (बाघ) भारत और भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है। प्रदेश में गिद्ध, मगरमच्छ, घडिय़ाल सहित कई वन्यप्राणी भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर लगभग 241 होम-स्टे शुरू करना एक अभिनव प्रयास है। बांधवगढ़, कान्हा और पेंच राष्ट्रीय उद्यानों सहित अन्य जिलों के पर्यटन स्थलों पर होम-स्टे शुरू हो गए हैं। जहां पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक भोजन, स्थानीय संस्कृति और गीत-संगीत का आनंद मिल रहा है।
ग्रामीण परिवेश बने आकर्षण का केंद्र
होम-स्टे ग्रामीण परिवेश के कारण आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। छिंदवाड़ा के तमिया विकासखंड के झिरपा से किलोमीटर अंदर 300 घरों का सावरवानी गांव पर्यटन गांव बन चुका है। विदेशी पर्यटक भी दस्तक दे रहे हैं। गांव में वे सब सुविधाएं हैं जो आदर्श गांव के लिए अनिवार्य हैं। शांति और प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों को आकर्षित करता है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का बफरजोन का बरगोदी गांवयहां से सटा हुआ है। रायसेन जिले में दीवानगंज से 35 किलोमीटर दूर शाहपुर ग्राम पंचायत के भरतीपुर गांव के होम स्टे की याति बढ़ रही है। इस होम स्टे की विशेषता यह है कि इसके आसपास का जंगल लुभावना है। मात्र दो किलोमीटर दूर सोनाली बौद्ध स्तूप है। इस स्थान पर भी एक झरना है। यहां पर्यटक मनपसंद देशी खाना खा सकते हैं। विशेष रूप से दाल-बाटी पर्यटक गहन इतिहास बोध के साथ आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कर सकते हैं।

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