हाईकमान खेल सकता है सरप्राइज कार्ड

हाईकमान
  • कल मिलेगा मप्र भाजपा को नया अध्यक्ष

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी कड़ी में आज केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल आएंगे। वे शाम 4 बजे भोपाल आएंगे। 2 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर बैठक होगी। बैठक में अध्यक्ष पद के लिए नाम रखा जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो आम सहमति से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। बैठक में वरिष्ठ नेता अध्यक्ष चयन प्रक्रिया को लेकर आपस में चर्चा करेंगे। पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद दावेदारों ने अंतिम दौर की जोड़-तोड़ तेज कर दी है। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं, हालांकि इस बार पार्टी आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल और पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे नाम भी इसी समीकरण में शामिल हैं। मप्र भाजपा का अगला अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से हो सकता है या हाईकमान कोई अप्रत्याशित निर्णय लेकर चौंका सकता है।  
गौरतलब है कि मप्र भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए औपचारिक चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। पार्टी के संविधान और केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। जारी कार्यक्रम के अनुसार, आज शाम 4:30 बजे से 6:30 बजे तक नामांकन पत्र जमा किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद, 6:30 बजे से 7:30 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच और 7:30 बजे से 8:00 बजे तक नामांकन वापसी की प्रक्रिया होगी। उसी दिन 8:30 बजे रात को नामांकन पत्रों की अंतिम सूची घोषित की जाएगी।
यदि आवश्यक हुआ तो 2 जुलाई 2025 को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक मतदान कराया जाएगा और मतदान की समाप्ति के तुरंत बाद दोपहर 2:00 बजे मतगणना एवं परिणामों की घोषणा की जाएगी। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए पहले ही 345 सदस्यीय प्रदेश परिषद का गठन कर लिया है। दो विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है, जिसके आधार पर ये सदस्य चुने गए हैं। आरक्षित वर्गों के लिए सीटों के अनुरूप उन्हीं वर्गों से परिषद सदस्य बनाए गए हैं। इसके अलावा महिलाओं और ओबीसी वर्ग को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। प्रदेश भाजपा में अधिकांश बार अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से हुआ है। अब तक केवल दो बार ही मतदान की नौबत आई – एक बार 1990 में लखीराम अग्रवाल और कैलाश जोशी के बीच, और दूसरी बार 2000 में शिवराज सिंह चौहान और विक्रम वर्मा के बीच, जिसमें वर्मा ने जीत हासिल की थी।
वर्गीय संतुलन और संभावनाएं
अगर महिला अध्यक्ष की संभावना बनती है तो अर्चना चिटनीस, कविता पाटीदार, लता वानखेड़े और सावित्री ठाकुर जैसे नाम चर्चा में हैं। अनुसूचित जाति वर्ग से अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में लाल सिंह आर्य और विधायक प्रदीप लारिया को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। भाजपा आदिवासी समाज को साधने के लिए ट्राइबल नेता को अध्यक्ष बना सकती है। इस विकल्प में केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, खरगोन सांसद गजेन्द्र पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को लेकर यूं तो आधा दर्जन दावेदार मैदान में है घर बैतूल से विचायक हेमंत खंडेलवाल फिलहाल रेस में सबसे आगे बताए जा रहे है। बताया जा रहा है कि संगठन के आला नेताओं में उनके नाम पर सहमति बन गई है। वही आदिवासी नेता को कमान देने की भी चर्चाएं चल रही है। आदिवासी नेताओं में डीडी उइके, गजेंद्र सिंह पटेल, सुमेर सिंह सोलंकी के नाम शामिल हैं। ब्राह्मण वर्ग के नेताओं में पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, विधायक रामेश्वर शर्मा, जबलपुर सांसद आशीष दुबे, भोपाल सांसद आलोक शर्मा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं।
इनके नामों की चर्चा
भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रकिया शुरू होने से पहले संभावित दावेदारों के नाम भी सामने आए हैं। हालांकि पार्टी में सभी चुनावी प्रक्रिया अपनाई जाएगी किंतु मतदान की स्थिति नहीं आएगी ऐसी संभावना है। पार्टी द्वारा सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। संभावित दावेदारों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद गजेंद्र पटेल, हेमंत खंडेलवाल, केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, लाल सिंह आर्य, राजेंद्र शुक्ल और अरविन्द भदौरिया आदि के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल को दौड़ में सबसे मजबूत बताया जा रहा है। इसका कारण उनकी संगठन में मजबूत पकड और  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पसंद एवं आरएसएस पदाधिकारी सुरेश सोनी के करीबी होना बताया जा रहा है। वहीं, साथ ही केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके भी रेस में आ गए है। उनकी मजबूती का कारण आरएसएस से संपर्क में रहने वाले, लो-प्रोफाइल और सर्वमान्य नेता होना है। साथ ही खरगोन से सांसद को भी  दिल्ली में हाईकमान से लगातार संपर्क, क्षेत्रीय समीकरणों में फिट बैठने की वजह से दावेदार माना जा रहा है।
आज दिग्गज करेंगे मंथन
आज शाम को मप्र के सभी विधायक, प्रदेश प्रतिनिधि, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी सांसद, राज्य सरकार के मंत्रियों के साथ केंद्रीय कैबिनेट में शामिल मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेंद्र कुमार, डीडी उईके, सावित्री ठाकुर सहित तमाम दिग्गज भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। वहां सभी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों के नाम पर मंथन करेंगे। वैसे संभावना यह भी जताई जा रही है की आलाकमान कोई अन्य नाम आगे लाकर चौंका सकता है। बीते एक दशक में भाजपा ने अपने निर्णयों से सबको चौंकाया है। भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन में भाजपा ने चौंकाने वाले निर्णय किए हैं। ऐसे में एमपी में भी भाजपा चौंकाने वाला फैसला कर सकती है। इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
इन राज्यों में भी अध्यक्ष का चुनाव
अब तक भाजपा के करीब 14 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। शुक्रवार 27 जून को भाजपा ने तीन राज्यों के चुनाव अधिकारियों के नामों का ऐलान किया है। भाजपा ने महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री किरन रिरिजू, उत्तराखंड में केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और पश्चिम बंगाल में रविशंकर प्रसाद को अपना प्रदेश चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। मप्र के साथ उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। जबकि असम, सिक्किम, बिहार, अरुणाचल, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल लक्ष्यद्वीप, मेघालय, नागालैंड, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो चुकी है।

Related Articles