ग्वालियर-चंबल संभाग में भारी बारिश का अलर्ट

ग्वालियर-चंबल संभाग
  • उत्तर से पश्चिम तक अगले तीन-चार दिन भारी वर्षा

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। मानसून की बारिश पूरे देश में कहर बरपा रही है। विशेषतौर पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ज्यादा प्रभावित हैं। दोनों राज्यों बारिश के चलते बीते 24 घंटों के दौरान सात लोगों की मौत हो गई है और दो लोग घायल हुए हैं। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ यात्रा भी छह घंटे तक रोकनी पड़ी, इस दौरान लगभग चार हजार श्रद्धालु सोनप्रयाग में फंसे रहे। फिलहाल मानसूनी बारिश से राहत की उम्मीद नहीं है। उत्तर-पश्चिम से लेकर दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर और उसके आसपास के पूर्वी भारत में अगले तीन-चार दिन भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना जताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच शिमला समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। रविवार रात मंडी जिले के थुनाग उपमंडल के छतरी में बारिश के चलते धंसी सडक़ से एक कार 250 मीटर खाई में गिर गई। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई, जिनको मिलाकर राज्य में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। चंबा के डलहौजी के कुम्हारका में रसोईघर की छत गिरने से महिला की मौत हो गई। सोमवार शाम तक प्रदेश में आनी-कुल्लू एचएच सहित 265 सडक़ें, 41 बिजली ट्रांसफार्मर और 282 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। मंगलवार को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में नदियां उफान पर
उत्तराखंड में हल्द्वानी के पास भाखड़ा नदी की तेज धाराओं में एक व्यक्ति बह गया। रविवार को हल्द्वानी रोड पर भुजियाघाट के पास उफनती धारा में दो अन्य लोग डूब गए। भूस्खलन, सडक़ धंसने और पेड़ गिरने से कई प्रमुख हाईवे और ग्रामीण सडक़ें बंद हैं। मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे पर कई घंटे तक आवाजाही बाधित रही। इस दौरान लगभग 1,000 तीर्थयात्रियों और 3 स्कूल बसों सहित 60-70 वाहन फंसे रहे। स्यानाचट्टी के पास यमुनोत्री राजमार्ग का करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे आवाजाही बंद हो गई। ऋषिकेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेलवे लाइन के निर्माण चलते घरों में आई दरार से अनहोनी की आशंका में बल्याखान गांव के 13 परिवारों में से अधिकांश ने घर छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में भी गंगा समेत सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर समेत 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। वाराणसी और प्रयागराज में गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। वाराणसी में मणिकर्णिका समेत लगभग सभी घाट डूब गए हैं। शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य एजेंसियों की टीम प्रभावित इलाकों में निगरानी कर रही हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले तीन दिन भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं।
आज ग्वालियर-मुरैना में होगी बारिश
मध्यप्रदेश में इस समय मानसून की सक्रियता कम हो गई है। फिलहाल प्रदेश में कोई प्रभावी मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिससे ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, लोकल वेदर सिस्टम के कारण कुछ इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है। वहीं रीवा और सतना में सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को तेज वर्षा के आसार हैं।
ट्रैक पर पानी भरा, ट्रेन सेवा प्रभावित
भारी बारिश के कारण कोटद्वार-नजीबाबाद ब्रांच लाइन पर आठ इंच से लेकर एक फीट तक पानी भर गया है। इसके चलते ट्रेन सेवा बाधित हुई है। तीन पैसेंडर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। दिल्ली से निर्धारित समय पर नजीबाबाद पहुंची श्री सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस भी शाम चार बजे तक नजीबाबाद स्टेशन पर ही खड़ी रही। इस ट्रेन का आगे का सफर रद्द होने के कारण कोटद्वार से दोपहर 3:35 बजे दिल्ली जाने वाली जनशताब्दी ट्रेन भी रवाना नहीं हो सकी।

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