
- आदेश को ठेंगा दिखाते हुए प्रभार देकर भोपाल में ही रोका
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही सरकार और उसके मुखिया बदल चुके हैं, लेकिन नौकरशाही की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसका उदाहरण है राज्य मत्स्य महासंघ। दरअसल तमाम तरह की गंभीर शिकायतों के चलते विभाग के मंत्री नारायण सिंह पंवार ने भोपाल में पदस्थ क्षेत्रीय प्रबंधक वीके राय का तबादला जबलपुर करा दिया था। मंत्री का यह कदम विभाग के आला अफसरों को रास नहीं आया तो, उनके द्वारा इसका तोड़ निकालते हुए राय को भोपाल में अतिक्ति प्रभार देकर उन्हें भोपाल में रहने की व्यवस्था कर दी है। दरअसल राय विभाग के आला अफसरों के बेहद चहेते हैं, जिसकी वजह से उनको पूर्व में भी कई मलाईदार कामों का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता रहा है।
प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों से पता चलता है कि मंत्री ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए राय का तबादला चुनावी आचार संहिता लगने से पहले जबलपुर मत्स्य महासंघ में रीजनल मैनेजर के पद पर करवा दिया था। इसके बाद भी उन्हें रिलीव नहीं किया गया, बल्कि इस आदेश की तोड़ तलाश कर राय को 15 मार्च को मुख्यालय में विधि शाखा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। इस आदेश के जारी होने से अब राय को भोपाल में ही रहने का मौका मिल गया है। यही नहीं सजा के तौर पर हटाए गए वीके राय को पहले मुख्यालय अटैच करने के बाद विभाग के अफसरों ने उन्हें उपकृत करते हुए प्रबंधक तकनीकी का प्रभार भी सौंप दिया है। दरअसल राय के पास भोपाल में पदस्थ रहते इंदिरा सागर बांध का प्रभार भी था। इसके प्रभार के दौरान ही राय ने इंदिरा सागर बांध का ठेका ही नहीं कराया। इस मामले की शिकायत लोगों द्वारा विभागीय मंत्री से की गई थी, जिसमें शिकायत को सही पाया गया, जिसके बाद ही 13 मार्च को राय का तबादला मत्स्य महासंघ मुख्यालय भोपाल से बतौर रीजनल से जबलपुर इकाई में रीजनल मैनेजर के पद पर कर दिया गया था। इसके एक दिन बाद ही अफसरों ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए एक अन्य आदेश जारी करते हुए राय को जबलपुर रीजनल मैनेजर के साथ मत्स्य महासंघ मुख्यालय भोपाल की विधि शाखा का प्रभारी बना दिया। इतना ही नहीं जिस इंदिरा सागर बांध में मछली ठेका में हुई अनियमितताओं को लेकर खिलाफ शिकायत हुई थी, उसकी निगरानी का काम भी वापस वीके राय को दे दिया गया।
आदेश पर अमल नहीं
वी राय के कार्य मुक्त आदेश में साफ लिखा है कि वीके राय के स्थानांतरित आदेश में आंशिक संशोधन कर जबलपुर इकाई के लिए कार्य मुक्त किया जाता है। साथ ही मुख्यालय के विधि शाखा का प्रभारी नियुक्त किया जाता है साथ ही इंदिरा सागर बांध की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी सौंपा जाता है। यह रिलीविंग ऑर्डर महासंघ की सीजेएम ज्योति टोप्पो के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। सूत्रों का कहना है कि यह तमाम प्रयासों के बाद भी जब राय का तबादला आदेश निरस्त नहीं हुआ तो नया आदेश जारी कर दिया। खास बात यह है कि 15 मार्च को वीके राय को कार्य मुक्त कर दिया गया बावजूद इसके वे 22 मार्च तक फाइलों पर हस्ताक्षर करते रहे। यह भी गौर करने लगाया है कि जिस इंदिरा सागर बांध की मॉनिटरिंग में लापरवाही की वजह से उनका तबादला किया गया है, उसका जिम्मा फिर से उन्हें ही सौंप दिया गया है।
मंत्री को भी रखा अंधेरे में
राय से जुड़े दोनों आदेश सीजीएम ज्योति टोप्पो ने एमडी के अनुमोदन से जारी किए। पहले आदेश की कॉपी विभागीय मंत्री नारायण सिंह पंवार को भेजी गई। लेकिन दूसरे आदेश की नहीं भेजी गई। दूसरे आदेश के अनुसार राय अब भोपाल मुख्यालय से ही जबलपुर और इंदिरा सागर बांध दोनों की निगरानी कर सकेंगे। इस बारे में बात करने के लिए सीजीएम टोप्पो को कॉल किया पर उन्होंने रिसीव नहीं किया।