मप्र के ‘बासमती’ अपने नाम से बेच रहा हरियाणा

बासमती

-प्रदेश की मंडियों से बासमती धान खरीदकर हैफेड कर रहा घालमेल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र के बासमती चावल को जीआई टैग देने की प्रक्रिया का विरोध करने वाला हरियाणा यहां की मंडियों से बासमती धान खरीदकर उसमें से चावल निकाल कर अपने नाम से बेच रहा है। गौरतलब है कि  जब भी मप्र के बासमती को जीआई टैग देने की बात होती है हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्य इसकी क्वालिटी को खराब बताकर इसका विरोध शुरू कर देते हैं।
लेकिन हैरानी की बात यह है की इन दिनों प्रदेश की मंडियों से हरियाणा सरकार की सरकारी एजेंसी हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड)बासमती धान की खरीदी कर रही है। गौरतलब है कि जीआई रजिस्ट्री ने 15 फरवरी 2016 को देश के 7 राज्यों में उत्पादित बासमती धान को जीआई टैग दिया। जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और जम्मू -कश्मीर के कुछ जिलें शामिल रहे। मप्र में उत्पादित बासमती धान को भी जीआई टैग देने मध्यप्रदेश शासन तथा मध्यप्रदेश क्षेत्र बासमती ग्रोबर एसोसिएशन ने जीआई रजिस्ट्री के समक्ष मांग पत्र पेश करते हुए एमपी में उत्पादित बासमती धान को जीआई टैग देने की मांग की।
लेकिन पंजाब और हरियाणा सरकार और यहां के ऑल इंडिया राइस मिलर्स ने आपत्ति जताई की मध्यप्रदेश में उत्पादित बासमती धान की क्वालिटी सही नहीं है। अत: मध्यप्रदेश की बासमती को जीआई टैग नहीं दिया जाए। मगर मौजूदा समय में हरियाणा सरकार की सरकारी एजेंसी हैफेड मध्यप्रदेश में उत्पादित बासमती धान की खरीदी कर रही है और धान से चावल निकाल कर अपने प्रदेश का जीआई टैग लगाकर देश में सप्लाई कर रही है।
हैफेड कई जिलों से कर रहा खरीदी
प्रदेश में उत्पादित बासमती की क्वालिटी खराब कहने वाला राज्य हरियाणा की सरकार की संस्था हैफेड मौजूदा समय में मध्यप्रदेश की रायसेन, पिपरिया, बरेली, विदिशा सहित अन्य मंडियों से बासमती धान की खरीदारी कर रही है। इतना ही 4 लाख क्विंटल से ज्यादा प्रदेश में उत्पादित बासमती धान का परिवहन भी हो चुका है। मप्र क्षेत्र बासमती ग्रोबर एसोसिएशन के पदाधिकारी और दावत फूड लिमिटेड के एडवाइजर केके तिवारी के अनुसार मध्यप्रदेश में उत्पादित बासमती धान भारी मात्रा में हरियाणा पहुंच रहा है। हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड  (हैफेड) बासमती धान की खरीदी कर रही है और ट्रकों से मध्यप्रदेश में उत्पादित बासमती धान का परिवहन हो रहा है। तिवारी ने कहा कि यहां यह विषय उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की बासमती धान का प्रकरण अभी मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है एवं अभी तक मध्यप्रदेश की बासमती को जी आई टैग नहीं दिया गया है।
फिर शुरू की जाए जीआई टैग की प्रक्रिया
हरियाणा प्रदेश हैफेड द्वारा भारी मात्रा मध्यप्रदेश की बासमती क्रय करने से यह स्पष्ट हो जाता है कि बासमती के ट्रेड (व्यवसाय) में गुणवत्ता की दृष्टि से मध्यप्रदेश की बासमती को प्राथमिकता ( प्रिफरेंस/ वरीयता) दी जाती है। उक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में यह उचित होगा कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा उक्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश के किसानों के हित में मध्यप्रदेश शासन के प्रस्ताव अनुसार प्रदेश के प्रस्तावित जिले के किसानों द्वारा लगाई जाने वाले बासमती को अविलम्ब जीआई टैग उपलब्ध कराए, ताकि प्रदेश के किसानों को जीआई संकेतक का लाभ मिल सके। उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के प्रकरण को देखकर 2 सितंबर 2021 को मद्रास उच्च न्यायालय चेन्नई को यह निर्देश दिए है कि प्रकरण को नए सिरे परीक्षण या सुनवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के प्रकरण को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा 27 फरवरी 2020 को खरीज कर दिया गया था।
इसके विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन तथा मध्यप्रदेश क्षेत्र बासमती ग्रोबर एसोसिएशन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिकाएं प्रस्तुत की थी और उनकी याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने 2 सितंबर 2021 को उक्त आशय के निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश के प्रकरण को नए सिरे से सुना जाएं और उनके द्वारा खारिज करने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश को अटैच कर दिया।

Related Articles