- मुख्यमंत्री यादव बोले- सिंचाई विस्तार ही प्रदेश के समग्र विकास का आधार

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। राज्य का हरदा जिला जल्द ही प्रदेश का पहला शत-प्रतिशत सिंचित जिला बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि शहीद ईलाप सिंह माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से हरदा जिले के लगभग 39,976 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की स्थायी सुविधा मिलेगी। 756.76 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का 42 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जिससे तवा सिंचाई परियोजना के अंतिम छोर तक रबी फसलों के लिए पानी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को मंत्रालय में हुई नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की 268 वीं बैठक, नर्मदा नियंत्रण मंडल की 85वीं बैठक और नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड की 33वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक करोड़ हेक्टेयर कृषि रकबे को सिंचित बनाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है और इसके लिए राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। बैठक में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और नर्मदा नियंत्रण मंडल की विभिन्न परियोजनाओं का अनुमोदन भी किया गया। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि तीन जनजातीय बहुल जिलों हरदा, बड़वानी और धार में बीते दो वर्षों में दो लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे करीब 600 गांवों के किसान लाभान्वित हुए हैं। इस पर सरकार ने 6,640 करोड़ रुपये का व्यय किया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजातीय अंचलों में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार प्रदेश के समग्र विकास की नींव बनेगा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ संयुक्त नदी लिंक परियोजनाओं पर सक्रियता से कार्य किया जाए।
परियोजनाओं में देरी स्वीकार नहीं की जाएगी
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश की सभी सिंचाई परियोजनाएं तय समय-सीमा में पूरी हों। किसी भी परियोजना में देरी या समयवृद्धि स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन में शिप्रा नदी घाटों, जल संरक्षण संरचनाओं और अन्य निर्माण कार्यों को दिसंबर 2027 तक पूर्ण किया जाए।
हर खेत तक पानी पहुंचाना सरकार का संकल्प है
बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि स्लीमनाबाद टनल एलाइनमेंट परियोजना लगभग पूर्णता के करीब है और शेष कार्य 31 जनवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर और आईएसपी-कालीसिंध उद्वहन परियोजनाओं का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में गौशालाओं, घाटों और धर्मशालाओं के निर्माण में धार्मिक संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और आवश्यकता पडऩे पर कंपनियों के सीएसआर फंड से सहयोग लिया जाए।
